लखनऊः राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल विश्वविद्यालय ने परीक्षा में अधिक समय को कम करने के लिए सभी इवेंन सेमेस्टर की परीक्षाएं मल्टीपल चॉइस बेस्ड (MCQ) आधारित करने का फैसला लिया है. अब इस फैसले से विश्वविद्यालय की दूसरी चौथी छठी आठवीं व दसवीं सेमेस्टर की परीक्षाएं MCQ पैटर्न पर होगी. साथ ही सभी इवेंन सेमेस्टर की परीक्षाएं अब 2 की जगह 3 पारियों में आयोजित की जाएगी. बता दें कि ये जानकारी विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रोफेसर दुर्गेश श्रीवास्तव ने दी हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के अध्यक्षता में आयोजित हुई परीक्षा समिति की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा ऐसे छात्रों का जिन्होंने छठे सेमेस्टर तक की परीक्षा दी है लेकिन पहला और दूसरा सेमेस्टर अभी तक पास नहीं कर पाए हैं. ऐसे छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन एक और मौका देगा. उन्होंने कहा कि ऐसे छात्र जिन्होंने छठें सेमेस्टर की परीक्षा पास कर ली है लेकिन वे पहले व दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा परीक्षा नही कर सकें है और 5 वर्ष की निर्धारित अवधि पूर्ण कर चुके है. ऐसे छात्रों को समिति द्वारा एक अतिरिक्त अवसर प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया.
अब M.Com में प्रवेश के लिए अहर्ता 45 फीसदी तय हुई
प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षा समिति के बाद कुलपति की अध्यक्षता में प्रवेश समिति की भी बैठक आयोजित हुई है. प्रवेश समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि एम.कॉम विषय में प्रवेश के लिए न्यूनतम अर्हता में अब बदलाव कर दिया गया है. अभी तक एम.कॉम में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों को बी.कॉम में न्यूनतम 48 फीसदी नंबर होना अनिवार्य था. पर अब इसे 3 फीसदी कम कर 45 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, ऑनलाइन बी.कॉम व एम.कॉम की अर्हता वहीं होगी, जो रेगुलर बी.कॉम और एमकॉम की है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में संचालित इंजीनियरिंग और फार्मेसी विषयों में प्रवेश प्रक्रिया राज प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा.
BA में कॉम्बिनेशन में किया गया बदलाव
वहीं, इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीए के विषयों के ग्रुप कांबिनेशन फिर से निर्धारित किए हैं. सत्र 2024-25 में विश्वविद्यालयएवं सहयुक्त महाविद्यालयों में इन्ही ग्रुप से विषय चयन करने की व्यवस्था होगी. अभ्यर्थियों को प्रत्येक ग्रुप से अधिकतम एक विषय का चयन करना होगा. ग्रुप कम करने से परीक्षाओं का समय लगभग 15 दिन कम हो जाएगा एवं अभ्यर्थियों को विषय चयन में अधिक सुविधा होगी. बता दें कि मौजूदा समय में विश्वविद्यालय बीए विषय में करीब 36 विषयों के कॉन्बीनेशंस तैयार करता है. हर बार डिग्री कॉलेज में छात्र गलत कॉन्बिनेशन का चयन कर लेते थे. जिसके कारण प्रवेश प्रक्रिया के बाद उन्हें कई बार अपने विषय में बदलाव करना पड़ता था. इसी समस्या को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय ने इसमें संशोधन किया है.