लखनऊ : गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार शाम एक गेमिंग जोन में भीषण आग लग गई. इस अग्निकांड में अब तक 12 बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई है. गेमिंग जोन में आग की इस घटना के बाद देश भर के गेमिंग जोन की अग्नि सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. राजधानी में मौजूद करीब एक दर्जन गेमिंग जोन का अग्निशमन विभाग ने रविवार को निरीक्षण किया और वहां की अग्नि सुरक्षा की जानकारी लेने के साथ ही आग लगने की स्थिति में कैसे रेस्क्यू किया जाए, इसकी ट्रेनिंग भी दी गई.
फायर विभाग के अफसरों ने किया निरीक्षण : शनिवार को गुजरात के राजकोट स्थित गेमिंग जोन में भीषण अग्निकांड के बाद रविवार को लखनऊ अग्निशमन विभाग ने शहर भर में मौजूद गेमिंग जोन का निरीक्षण किया. लुलु मॉल, फिनिक्स मॉल, गोमती नगर स्थित स्काई जंपर, कृष्णानगर स्थित कंगारू ट्रांपोलिन पार्क में फायर विभाग के अफसर पहुंचे और वहां मौजूद अग्निशमन यंत्रों की गुणवत्ता की जांच की. इसके अलावा गेमिंग जोन की एंट्रेंस और एग्जिट गेट भी जांचे.
गेमिंग जोन में जांचे गए फायर सेफ्टी उपकरण : मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ मंगेश कुमार ने बताया कि, गुजरात की घटना को देखते हुए रविवार को राजधानी के सभी गेमिंग जोन का निरीक्षण किया गया. इस दौरान सभी गेमिंग जोन में अग्निशमन सुरक्षा उपकरणों की जांच की गई. इसके अलावा वहां पर इलेक्ट्रिकल उपकरणों की भी देखा गया. उन्होंने बताया कि सबसे जरूरी इलेक्ट्रिकल उपकरणों का ठीक होना है. यही वजह है कि गेमिंग जोन प्रबंधन को हर वर्ष इलेक्ट्रानिक ऑडिट करवाने के लिए कहा गया है, जिसे न करवाने पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी.
ट्रेनिंग भी जरूरी : मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने कहा कि, टीम ने न सिर्फ जांच की बल्कि गेमिंग जोन के कर्मचारियों को अग्निशमन उपकरणों को चलाने, रेस्क्यू करने और वहां से बच्चों को जल्द से जल्द निकालने की भी ट्रेनिंग दी. उन्होंने कहा कि यदि आग लगती है तो जरूरी है कि अग्निशमन विभाग के वहां पहुंचने से पहले वहां के लोग आग बुझाएं और लोगों को रेस्क्यू कर सकें. यही वजह है कि हमारी प्रमुखता लोगों को ट्रेनिंग देने को होती है.