लखनऊ : प्रयागराज में 14 जनवरी 2025 से महाकुंभ की शुरुआत हो रही है. जिसे लेकर योगी सरकार युद्ध स्तर पर तैयारियां करा रही है. कुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को वर्ल्ड क्लास सुविधा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं. कुंभ में तैनात पुलिसकर्मियों को श्रद्धालुओं से बातचीत-व्यवहार के लिए खास तरह से ट्रेंड किया जा रहा है. इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाविकों, गोताखोरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. ई रिक्शा और टेंपो चालकों को भी ट्रेंड किया जा रहा है.
तीन सेशन में दी जाएगी पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग
महाकुंभ मेला एसएसपी राजेश द्विवेदी के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के तहत पुलिसकर्मियों को तीन सेशन में ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया गया है. पुलिसकर्मियों को दो तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. इनमें इंटरनल और एक्सटर्नल ट्रेनिंग शामिल है. इसे तीन सेशन में विभाजित किया गया है. इसमें पहला सेशन 21 दिन, दूसरा सेशन 14 दिन और तीसरा सेशन 7 दिन का होगा. पहले सेशन की ट्रेनिंग 16 अक्टूबर से शुरू हो गई है.
एसएसपी ने बताया कि इंटरनल ट्रेनिंग (इन डेप्थ) को भी सात चरणों में विभाजित किया गया है. इसमें पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल के तहत श्रद्धालुओं से कैसा व्यवहार करना है. इसी तरह जेंडर सेंसटाइजेशन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसका उद्देश्य बड़ी संख्या में आने वाली महिलाओं श्रद्धालुओं को लेकर है, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में हर जगह महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जा सकती है. ऐसे में पुरुष पुलिसकर्मियों से उनकी प्राइवेसी समेत अन्य चीजों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है.
भाषिनी एप और चैटबॉट से लैस पुलिसकर्मियों श्रद्धालुओं की करेंगे हर मदद
एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे. इसके लिए भाषिनी एप तैयार किया गया है. पुलिसकर्मियों को भाषिनी एप के संचालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके जरिये अलग अलग भाषा बोलने वाले श्रद्धालुओं की बात समझने व गाइड करने में मदद मिलेगी. पुलिसकर्मियों को चैटबॉट के संचालन की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.
महाकुंभ को सुरक्षा और भव्य आयोजित करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसे में पुलिसकर्मियों को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की भी जानकारी दी जा रही है. दूसरे बाह्य प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को महाकुंभ मेले के भौगाेलिक क्षेत्र की जानकारी दी जाएगी. इसमें उन्हे उनके ड्यूटी प्वाइंट से जुड़ी अहम जानकारी उसकी संवेदनशीलता और कठिन परिस्थितियों में लगातार ड्यूटी करने के लिए समर्थ बनाना शामिल है.
संगम में स्नान को ध्यान में रखते हुए नाविकों और गोताखोरों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें नाविकों को सभी सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करने एवं श्रद्धालुओं के इसके लिए प्रेरित करना आदि शामिल है. ई रिक्शा और टेंपो चालकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें उन्हें श्रद्धालुओं से तय किराया लेने, अच्छा व्यवहार करने, निर्धारित रूट पर चलने, जाम से निपटने की ट्रेनिंग शामिल है.