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हिमाचल में 3 माह तक रहे सूखे के हालात, बर्बादी की कगार पर पहुंची गेहूं की फसल

Loss In Himachal Agriculture Sector: हिमाचल प्रदेश में 3 माह में सूखे के बाद दो दिनों से बर्फबारी और बारिश का दौर जारी है, लेकिन पहले बारिश नहीं होने वजह से प्रदेश में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है. कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, ऊना, सोलन और हमीरपुर में फसलों का काफी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रहा है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 3:49 PM IST

Updated : Feb 3, 2024, 7:28 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते दो दिनों तक जहां निचले इलाकों में बारिश हुई तो वही ऊपरी इलाकों में भी जमकर बर्फबारी हुई. जिससे तीन माह से चल रहे सूखे से लोगों को निजात मिली है, लेकिन तीन माह तक बारिश न होने के चलते रबी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. जिसकी वजह से हिमाचल के विभिन्न जिलों में गेहूं सहित अन्य फसलों पर सूखे का बुरा असर पड़ा है. कृषि विभाग द्वारा नुकसान का आकलन तैयार किया जा रहा है, जिसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा.

जिला कुल्लू की अगर बात करे तो जिला कुल्लू में 13,283 हेक्टेयर भूमि पर कृषि की फसलें उगाई जाती है. इसमें सबसे अधिक गेहूं की फसल 8,350 हेक्टेयर भूमि पर होती है. जबकि बाकी अनाज 11,123 हेक्टेयर भूमि पर होती है. विभिन्न सब्जियां और लहसुन जिला में 1,880 हेक्टेयर भूमि पर लगाई गई है. सूखे के कारण कुल्लू जिला में 8,649 हेक्टेयर भूमि पर नुकसान हुआ है. इसमें 5,915 हेक्टेयर भूमि में गेहूं, 1,225 हेक्टेयर भूमि में जौ, 160 हेक्टेयर भूमि में दालें, 7,313 हेक्टेयर भूमि में अनाज, 118 हेक्टेयर भूमि में आलू, 1,142 हेक्टेयर भूमि में सब्जी, लहसुन, 75 हेक्टेयर भूमि में तिलहन की फसल को नुकसान हुआ है. इसके अलावा 1,336 हेक्टेयर भूमि पर व्यावसायिक फसलों को नुकसान पहुंचा है.

जिला सोलन की बात करें तो यहां पर 21,300 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती होती है. जिसमें 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र बारिश पर निर्भर है. जबकि शेष क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था है. सोलन जिला में गेहूं को 26 लाख, मटर को ढाई लाख, जबकि अन्य सब्जियों को 8 लाख के करीब सूखे के चलते नुकसान का हुआ है. जिला सोलन में किसानों ने 24,000 हेक्टेयर में फसलों की बिजाई की थी. जिन में 7,000 हेक्टेयर के करीब क्षेत्र सुख की चपेट में आया है. जिला सोलन में 30% गेहूं की फसल सूखे के चलते प्रभावित हुई है.

Himachal weather report
हिमाचल में सूखे की वजह से फसलों को नुकसान

जिला मंडी की बात करें तो यहां पर 71,308 हेक्टेयर भूमि में फसलों की बिजाई की गई थी. जिनमें 10,473 हेक्टेयर भूमि पर फसल सूखे के कारण प्रभावित हुई है. जिसमें सबसे अधिक गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. जिला मंडी में कृषि विभाग द्वारा सूखे के कारण फसलों को कुल नुकसान 7 करोड़ रुपए आंका आ गया है. मंडी जिला में 58 हजार 800 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई थी. जिसमें 10 हजार 14 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल 30% प्रभावित हुई है. जिसमें करीब 5 करोड़ 60 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है.

इसके अलावा मंडी जिला में जो की फसल 2,900 हेक्टेयर भूमि पर बोई गई थी और 62 हेक्टेयर भूमि पर जौ की फसल प्रभावित हुई है. जिसमें 4 लाख 26 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. मंडी में 4,940 हेक्टेयर भूमि पर दाल बोई गई थी. जिसमें 154 हेक्टेयर भूमि पर फसल प्रभावित हुई है और 58 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. इसके अलावा 4,000 हेक्टेयर भूमि पर सब्जी उगाई गई थी और 235 हेक्टेयर भूमि पर फसल सूखे से प्रभावित हुई है. जिसमें 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.

बिलासपुर जिला की बात करे तो यह पर 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल बीजी गई हैं और दो हजार हेक्टेयर जमीन पर फल, सब्जी, सरसों सहित अन्य फसल लगाई गई थीं. सूखे की स्थिति के चलते गेहूं लगभग 20 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है. वहीं, 17 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की फसल बारिश ना होने के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई है. कृषि विभाग द्वारा सूखे के चलते नुकसान का आंकलन साढ़े नौ करोड़ रुपये आंका गया है.

Himachal weather report
हिमाचल में गेहूं की फसल प्रभावित

हमीरपुर जिला की अगर बात करे तो जिला में 31 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल की बिजाई होती है. बारिश न होने से 25 हजार हेक्टेयर भूमि में बिजी गई फसल को नुकसान पहुंचा है और 40 से 50 फीसदी के लगभग फसल बर्बाद हो गई है. सूखे के कारण किसानों को 10 हजार करोड़ के करीब नुकसान का आकलन कृषि विभाग द्वारा तैयार किया गया है. वही, जिला में छह हजार हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की व्यवस्था होने से यहां गेहूं की फसल को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है.

चंबा जिला की अगर बात की जाए तो चंबा और भटियात उपमंडल में गेंहू की सबसे अधिक खेती की जाती है. जिला में 19 हजार 40 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती की गई है और सूखे के कारण 2.64 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान आंका गया है. इसके अलावा जिला के विभिन्न क्षेत्र में भी कृषि विभाग के द्वारा सूखे के कारण क्षतिग्रस्त हुई फसलों का नुकसान का आकलन तैयार किया जा रहा है.

ऊना जिला की बात करें तो यहां पर 35 हजार 514 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल बिजी जाती है. जिसमें सूखे के चलते 5,000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. इसके अलावा अब सूखे के चलते गेहूं की फसल भी पीली हो रही है. जिला ऊना में 45,000 हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई की जाती है और 70% से अधिक परिवार जिला में कृषि पर निर्भर है. हर साल ऊना में मक्की, धान, गेहूं, दाल, सब्जियां तथा गन्ना सहित आलू का भी उत्पादन किया जाता है. कृषि विभाग के अनुसार सुख के चलते उन जिला में 30% गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है और बाकी फसलों के नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग की निदेशक को कुमुद सिंह का कहना है कि विभिन्न जिला में कृषि विभाग के द्वारा सूखे से क्षतिग्रस्त हुई फसलों का नुकसान तैयार किया जा रहा है और कई जिला से यह रिपोर्ट आई भी है. सूखे के चलते पूरे प्रदेश में किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. यह पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को सौंप जाएगी और विभाग के द्वारा किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: World Wetlands Day: हिमाचल के खजियार और रिवालसर को 'नेशनल इंपोर्टेंस वेटलैंड' किया घोषित

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते दो दिनों तक जहां निचले इलाकों में बारिश हुई तो वही ऊपरी इलाकों में भी जमकर बर्फबारी हुई. जिससे तीन माह से चल रहे सूखे से लोगों को निजात मिली है, लेकिन तीन माह तक बारिश न होने के चलते रबी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. जिसकी वजह से हिमाचल के विभिन्न जिलों में गेहूं सहित अन्य फसलों पर सूखे का बुरा असर पड़ा है. कृषि विभाग द्वारा नुकसान का आकलन तैयार किया जा रहा है, जिसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा.

जिला कुल्लू की अगर बात करे तो जिला कुल्लू में 13,283 हेक्टेयर भूमि पर कृषि की फसलें उगाई जाती है. इसमें सबसे अधिक गेहूं की फसल 8,350 हेक्टेयर भूमि पर होती है. जबकि बाकी अनाज 11,123 हेक्टेयर भूमि पर होती है. विभिन्न सब्जियां और लहसुन जिला में 1,880 हेक्टेयर भूमि पर लगाई गई है. सूखे के कारण कुल्लू जिला में 8,649 हेक्टेयर भूमि पर नुकसान हुआ है. इसमें 5,915 हेक्टेयर भूमि में गेहूं, 1,225 हेक्टेयर भूमि में जौ, 160 हेक्टेयर भूमि में दालें, 7,313 हेक्टेयर भूमि में अनाज, 118 हेक्टेयर भूमि में आलू, 1,142 हेक्टेयर भूमि में सब्जी, लहसुन, 75 हेक्टेयर भूमि में तिलहन की फसल को नुकसान हुआ है. इसके अलावा 1,336 हेक्टेयर भूमि पर व्यावसायिक फसलों को नुकसान पहुंचा है.

जिला सोलन की बात करें तो यहां पर 21,300 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती होती है. जिसमें 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र बारिश पर निर्भर है. जबकि शेष क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था है. सोलन जिला में गेहूं को 26 लाख, मटर को ढाई लाख, जबकि अन्य सब्जियों को 8 लाख के करीब सूखे के चलते नुकसान का हुआ है. जिला सोलन में किसानों ने 24,000 हेक्टेयर में फसलों की बिजाई की थी. जिन में 7,000 हेक्टेयर के करीब क्षेत्र सुख की चपेट में आया है. जिला सोलन में 30% गेहूं की फसल सूखे के चलते प्रभावित हुई है.

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हिमाचल में सूखे की वजह से फसलों को नुकसान

जिला मंडी की बात करें तो यहां पर 71,308 हेक्टेयर भूमि में फसलों की बिजाई की गई थी. जिनमें 10,473 हेक्टेयर भूमि पर फसल सूखे के कारण प्रभावित हुई है. जिसमें सबसे अधिक गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. जिला मंडी में कृषि विभाग द्वारा सूखे के कारण फसलों को कुल नुकसान 7 करोड़ रुपए आंका आ गया है. मंडी जिला में 58 हजार 800 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई थी. जिसमें 10 हजार 14 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल 30% प्रभावित हुई है. जिसमें करीब 5 करोड़ 60 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है.

इसके अलावा मंडी जिला में जो की फसल 2,900 हेक्टेयर भूमि पर बोई गई थी और 62 हेक्टेयर भूमि पर जौ की फसल प्रभावित हुई है. जिसमें 4 लाख 26 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. मंडी में 4,940 हेक्टेयर भूमि पर दाल बोई गई थी. जिसमें 154 हेक्टेयर भूमि पर फसल प्रभावित हुई है और 58 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. इसके अलावा 4,000 हेक्टेयर भूमि पर सब्जी उगाई गई थी और 235 हेक्टेयर भूमि पर फसल सूखे से प्रभावित हुई है. जिसमें 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.

बिलासपुर जिला की बात करे तो यह पर 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल बीजी गई हैं और दो हजार हेक्टेयर जमीन पर फल, सब्जी, सरसों सहित अन्य फसल लगाई गई थीं. सूखे की स्थिति के चलते गेहूं लगभग 20 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है. वहीं, 17 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की फसल बारिश ना होने के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई है. कृषि विभाग द्वारा सूखे के चलते नुकसान का आंकलन साढ़े नौ करोड़ रुपये आंका गया है.

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हिमाचल में गेहूं की फसल प्रभावित

हमीरपुर जिला की अगर बात करे तो जिला में 31 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल की बिजाई होती है. बारिश न होने से 25 हजार हेक्टेयर भूमि में बिजी गई फसल को नुकसान पहुंचा है और 40 से 50 फीसदी के लगभग फसल बर्बाद हो गई है. सूखे के कारण किसानों को 10 हजार करोड़ के करीब नुकसान का आकलन कृषि विभाग द्वारा तैयार किया गया है. वही, जिला में छह हजार हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की व्यवस्था होने से यहां गेहूं की फसल को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है.

चंबा जिला की अगर बात की जाए तो चंबा और भटियात उपमंडल में गेंहू की सबसे अधिक खेती की जाती है. जिला में 19 हजार 40 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती की गई है और सूखे के कारण 2.64 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान आंका गया है. इसके अलावा जिला के विभिन्न क्षेत्र में भी कृषि विभाग के द्वारा सूखे के कारण क्षतिग्रस्त हुई फसलों का नुकसान का आकलन तैयार किया जा रहा है.

ऊना जिला की बात करें तो यहां पर 35 हजार 514 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल बिजी जाती है. जिसमें सूखे के चलते 5,000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. इसके अलावा अब सूखे के चलते गेहूं की फसल भी पीली हो रही है. जिला ऊना में 45,000 हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई की जाती है और 70% से अधिक परिवार जिला में कृषि पर निर्भर है. हर साल ऊना में मक्की, धान, गेहूं, दाल, सब्जियां तथा गन्ना सहित आलू का भी उत्पादन किया जाता है. कृषि विभाग के अनुसार सुख के चलते उन जिला में 30% गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है और बाकी फसलों के नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग की निदेशक को कुमुद सिंह का कहना है कि विभिन्न जिला में कृषि विभाग के द्वारा सूखे से क्षतिग्रस्त हुई फसलों का नुकसान तैयार किया जा रहा है और कई जिला से यह रिपोर्ट आई भी है. सूखे के चलते पूरे प्रदेश में किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. यह पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को सौंप जाएगी और विभाग के द्वारा किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: World Wetlands Day: हिमाचल के खजियार और रिवालसर को 'नेशनल इंपोर्टेंस वेटलैंड' किया घोषित

Last Updated : Feb 3, 2024, 7:28 AM IST
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