कुल्लू: ढालपुर मैदान में अंतरराष्ट्रीय दशहरे की धूम है. सैकड़ों देवी-देवता यहां अपने-अपने अस्थाई शिविरों में विराजमान हैं. रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी-देवताओं के दर्शनों के लिए यहां पहुंच रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए जहां एक ओर खराहल घाटी से बिजली महादेव, तो वहीं मणिकर्ण घाटी से माता पार्वती यहां विराजमान हैं. इसके अलावा उझी घाटी से भगवान गणपति भी अपनों के साथ यहां पहुंचे हैं.
इसके अलावा मनाली के सिमसा से भी कार्तिक स्वामी मैदान में पधारे हुए हैं. गुरुवार को भगवान शिव के अस्थाई शिविर में पूरे परिवार का मिलन हुआ. इस दौरान देवता कार्तिक स्वामी ने अपने गुर के माध्यम से आगामी समय में आपदा की चेतावनी दी और कहा लोग भी इस बात पर ध्यान दें. वहीं, शिव परिवार ने इसको लेकर मंथन किया.
भगवान बिजली महादेव का मंदिर खराहल घाटी में स्थित है जबकि माता पार्वती मणिकर्ण घाटी के चोंग गांव में अपने मंदिर में विराजमान रहती हैं. भगवान गणपति उझी घाटी के घुड़दौड़ गांव और कार्तिक भगवान मनाली के सिमसा गांव में विराजमान रहते हैं.
इन देवताओं के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को अलग-अलग इलाकों का रुख करना पड़ता है लेकिन दशहरा उत्सव में 7 दिनों तक भगवान बिजली महादेव, माता पार्वती, भगवान गणेश एक जगह पर श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं.
मणिकर्ण घाटी की आराध्य माता पार्वती जोड़ियां भी बनाती हैं. ऐसे में कई लोग अपनी मनोकामना लेकर यहां पहुंचते हैं. वहीं, जिस दंपति के बच्चे नहीं होते, वे भी अपनी इच्छा लेकर माता पार्वती के दरबार में आते हैं. मान्यता के मुताबिक यहां पहले भगवान गणेश के दर्शन करने पड़ते हैं. उसके बाद ही माता पार्वती और बिजली महादेव आपकी पुकार सुनते हैं.
प्राकृतिक आपदा को लेकर देवता पहले भी दे चुके हैं चेतावनी
गौर रहे कि जिला कुल्लू में प्राकृतिक आपदा को लेकर पहले भी कई देवताओं ने चेतावनी दी थी जो बाद में सच भी हुई हैं. कोरोना संकट को लेकर भी कई बार देवताओं ने महामारी की चेतावनी दी थी. ऐसे में अबकी बार देवता कार्तिक स्वामी ने अपने गुर के माध्यम से आपदा की बात कही है और कहा कि हम सभी देवी-देवता लोगों का भला चाहते हैं और आगामी समय में भी आपदा से देवी-देवता लोगों की रक्षा करेंगे. जिला कुल्लू देवी देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम और महासचिव टीसी महंत ने बताया "देवी-देवता हमेशा की तरह पहले लोगों को अपनी वाणी के माध्यम से सचेत करते हैं और बाद में लोगों की रक्षा भी करते हैं. ऐसे में घाटी के लोगों का देवताओं पर काफी विश्वास है"
ढालपुर अस्पताल के पास शिविर में हर दिन भजन-कीर्तन व दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है. शिव शक्ति के दर्शन करने हर दिन हजारों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
रोजाना सुबह के समय इन शिविरों में परंपरा के अनुसार पूजा अर्चना की जाती है और रात के समय आरती होती है. ढालपुर पहुंचे देवता कार्तिक स्वामी के हरियान किशन चंद ने बताया "देवता ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से आपदा की बात कही है और लोगों को भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने धर्म का पालन करें. ऐसे में अब देवी-देवताओं के द्वारा भी इस बारे में मंथन किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार का नुकसान ना हो सके."
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