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उदयपुर में धूमधाम से निकली जगन्नाथ रथ यात्रा, 21 बंदूकों की दी सलामी, यहां कीजिए दर्शन - Jagannath Rath Yatra - JAGANNATH RATH YATRA

Rath Yatra Taken out in Udaipur, उदयपुर में रविवार को शाही ठाठ-बाट के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई. इस दौरान भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा और पूरा शहर भगवामई नजर आया.

जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा (ETV Bharat Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 7, 2024, 6:33 PM IST

Updated : Jul 7, 2024, 8:18 PM IST

जगन्नाथ रथ यात्रा (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में पुरी की तर्ज पर रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई. शाही ठाठ-बाट से उदयपुर के ऐतिहासिक जगदीश मंदिर से रथ यात्रा निकाली गई. रथ यात्रा के साथ अलग-अलग शोभायात्राएं भी नजर आईं. वहीं, भजनों पर भक्त झूमते गाते हुए भगवान के जयकारों के साथ आगे बढ़ते दिखे. जगदीश मंदिर में रथ यात्रा शुरू होने से पहले 21 बंदूकों की सलामी दी गई.

बड़ी संख्या में मौजूद भक्त : रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का हुजूम उमड़ा. रास्ते में जगह-जगह भगवान जगदीश का स्वागत किया गया. भगवान जगन्नाथ स्वामी, माता महालक्ष्मी, दानी रायजी की श्रृंगारित मनमोहन प्रतिमाएं राजसी वस्त्र धारण किए हुए भक्तों को दर्शन देने के लिए चांदी के रथ में सवार होकर यात्रा पर निकले. इस दौरान पूरा शहर भगवामई हो गया.

इसे भी पढ़ें. एक भक्त ने जगदीश मंदिर बनवाकर शुरू की थी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, 90 बरस से लगातार जारी - Rath Yatra in Ajmer

उदयपुर वासियों में जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया. भगवान को 80 किलो चांदी चढ़ाई गई है. वहीं, रथ 8 फीट चौड़ा, 16 फीट लंबा और 21 फीट ऊंचा है, जिसका कुल वजन 30 टन है. रथ को भक्तगण रस्सी से खींचकर भगवान जगन्नाथ को नगर भ्रमण करा रहे हैं. रथ यात्रा में उदयपुर शहर के विभिन्न समाजों की झांकियां भी निकल रही है.

इसे भी पढ़ें. इस शाही रथ में अलवर के पूर्व महाराजा करते थे सवारी, 1948 में दिया मंदिर को भेट, तब से इंद्र विमान में जाती है भगवान जगन्नाथ की बारात - Jagannath Rath Yatra

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने विधि-विधान से की पूजा-अर्चना : मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ शहर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर के पुजारियों-सेवादारों के आमंत्रण पर वेदपाठी ब्राह्मणों के दल के साथ जगदीश मंदिर पहुंचे. यहां भगवान जगन्नाथ स्वामी की विशेष पूजा-अर्चना कर मेवाड़ की खुशहाली की कामना की. इसके बाद भगवान के विग्रह एक-एक कर रजत रथ में सवार होने के लिए विधि-विधान के साथ मंदिर से जगदीश चौक पहुंचे.

जगदीश चौक में डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने भी रजत रथ में सवार भगवान जगन्नाथ स्वामी की विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान जगन्नाथ जी का रथ खींचा. इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि मैं भगवान जगन्नाथ स्वामी का रथ खींचकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. मेवाड़ 1500 साल से सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा व संरक्षण के लिए तत्पर रहा है और आगे भी रहेगा. भगवान जगन्नाथ स्वामी की यह विशाल रथ यात्रा युवाओं में सनातन धर्म-संस्कृति के प्रति समर्पित रहने के भी भाव जागृत करने का कार्य करती है.

जगन्नाथ रथ यात्रा (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में पुरी की तर्ज पर रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई. शाही ठाठ-बाट से उदयपुर के ऐतिहासिक जगदीश मंदिर से रथ यात्रा निकाली गई. रथ यात्रा के साथ अलग-अलग शोभायात्राएं भी नजर आईं. वहीं, भजनों पर भक्त झूमते गाते हुए भगवान के जयकारों के साथ आगे बढ़ते दिखे. जगदीश मंदिर में रथ यात्रा शुरू होने से पहले 21 बंदूकों की सलामी दी गई.

बड़ी संख्या में मौजूद भक्त : रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का हुजूम उमड़ा. रास्ते में जगह-जगह भगवान जगदीश का स्वागत किया गया. भगवान जगन्नाथ स्वामी, माता महालक्ष्मी, दानी रायजी की श्रृंगारित मनमोहन प्रतिमाएं राजसी वस्त्र धारण किए हुए भक्तों को दर्शन देने के लिए चांदी के रथ में सवार होकर यात्रा पर निकले. इस दौरान पूरा शहर भगवामई हो गया.

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उदयपुर वासियों में जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया. भगवान को 80 किलो चांदी चढ़ाई गई है. वहीं, रथ 8 फीट चौड़ा, 16 फीट लंबा और 21 फीट ऊंचा है, जिसका कुल वजन 30 टन है. रथ को भक्तगण रस्सी से खींचकर भगवान जगन्नाथ को नगर भ्रमण करा रहे हैं. रथ यात्रा में उदयपुर शहर के विभिन्न समाजों की झांकियां भी निकल रही है.

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लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने विधि-विधान से की पूजा-अर्चना : मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ शहर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर के पुजारियों-सेवादारों के आमंत्रण पर वेदपाठी ब्राह्मणों के दल के साथ जगदीश मंदिर पहुंचे. यहां भगवान जगन्नाथ स्वामी की विशेष पूजा-अर्चना कर मेवाड़ की खुशहाली की कामना की. इसके बाद भगवान के विग्रह एक-एक कर रजत रथ में सवार होने के लिए विधि-विधान के साथ मंदिर से जगदीश चौक पहुंचे.

जगदीश चौक में डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने भी रजत रथ में सवार भगवान जगन्नाथ स्वामी की विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान जगन्नाथ जी का रथ खींचा. इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि मैं भगवान जगन्नाथ स्वामी का रथ खींचकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. मेवाड़ 1500 साल से सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा व संरक्षण के लिए तत्पर रहा है और आगे भी रहेगा. भगवान जगन्नाथ स्वामी की यह विशाल रथ यात्रा युवाओं में सनातन धर्म-संस्कृति के प्रति समर्पित रहने के भी भाव जागृत करने का कार्य करती है.

Last Updated : Jul 7, 2024, 8:18 PM IST
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