लातेहारः जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत तुरीडीह गांव में आदिवासियों के सरना स्थल के सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रुपये की लूट का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. ग्रामीणों ने बताया कि दो वर्ष पहले सरना स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए 14 लाख रुपये आवंटित कर दी गई थी, लेकिन आज तक यहां एक ईंट की भी जुड़ाई नहीं हुई है. अब यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा है.
दरअसल, लातेहार के अलावे झारखंड के अन्य जिले में कल्याण मंत्रालय के माध्यम से आदिवासियों के पारंपरिक स्थलों को सुरक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर सौंदर्यीकरण और चहारदीवारी निर्माण की योजनाएं संचालित की जा रही हैं. लातेहार जिले में भी इसी योजना के तहत सरना स्थल को सुरक्षित करने के लिए योजनाएं स्वीकृत करते हुए राशि आवंटित की गई थी.
सरना स्थल सौंदर्यीकरण के नाम पर 14 लाख रुपये का हुआ था आवंटन
इसी क्रम में लातेहार सदर प्रखंड के तुरीडीह गांव में सरना स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए 14 लाख रुपये का आवंटन सरकार के द्वारा किया गया था. हैरत की बात यह है कि वर्ष 2022 में आरंभ हुए इस कार्य को कागज में पूरा कर दिया गया, लेकिन धरातल पर योजना के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया.
बगैर काम कराए सरना स्थल सौंदर्यीकरण के नाम पर हुई राशि की निकासी
इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण राजेश्वर सिंह ने बताया कि किसी भी ग्रामीण को यह पता ही नहीं चल पाया कि सरना स्थल में कुछ काम हुआ है. बाद में पता चला कि यहां 14 लाख रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना था.उन्होंने बताया कि यहां तो कोई काम हुआ ही नहीं.
ग्रामीणों ने की जांच की मांग
इधर, आदिवासी चिंतक मोती उरांव ने कहा कि लातेहार जिले में जिस प्रकार से आदिवासियों के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं में लूट मची है, यह एक गंभीर मामला है.उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरना स्थल के विकास और संरक्षण के लिए बाउंड्री निर्माण की योजना चलाई जा रही है, लेकिन योजना धरातल पर उतरने के बदले घोटाले की भेंट चढ़ जा रही हैं. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर समाज के द्वारा अधिकारियों को आवेदन भी दिया गया है.
उच्च स्तरीय जांच हो तो बड़े घोटाले का होगा खुलासा
इधर, ग्रामीणों की शिकायत पर जब योजनाओं का निरीक्षण करने लातेहार जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव तुरीडीह गांव पहुंचे तो वहां की स्थिति को देखकर वे हतप्रभ रह गए. जांच में उन्होंने पाया कि सरना स्थल के नाम पर 14 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है, लेकिन आज तक वहां कोई काम नहीं हुआ.
जांच के बाद उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से लातेहार में आदिवासियों के नाम पर लूट मची हुई है. यदि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो एक बड़ा घोटाला सामने आएगा. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक जाएंगे और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे.उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हित के लिए जो योजनाएं बन रही हैं उसकी मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं होने के कारण ही योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं.
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