भोपाल। मध्यप्रदेश बीजेपी मुख्यालय में बनाए गए वॉर रूम में बीजेपी प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष माया नरोलिया समेत पूरी टीम दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर घटते-बढ़ते मतदान पर नजर बनाए है. हर घंटे नई रणनीति बनाकर मतदाताओं को बाहर लाने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है. आखिर दिल्ली की लोकसभा सीटों को लेकर ये कवायद किसलिए. वार रूम की वर्किंग कैसी है और मध्यप्रदेश से की जा रही ये कसरत क्या वोटिंग प्रतिशत बढ़ा पाएगी. इसे ईटीवी भारत ने बारीकी से समझा.
वॉर रूम में महिला मोर्चा ने संभाला मैदान
बीजेपी मुख्यालय के वॉर रूम को प्रदेश महिला मोर्चा की टीम संचालित कर रही है. इस वार रूम के जरिए दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों की विधानसभा स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है कि किस विधानसभा में कितने बजे तक कितना वोटिंग टर्नआउट रहा. महिला मोर्चा की अध्यक्ष माया नरोलिया बताती हैं "एक-एक विधानसभा सीट में कितने बजे तक कितने वोट पड़े, इसका डिटेल हमारे पास आ जाता है. जहां वोटिंग परसेंटेज कम रहा है, वहां हम फोन करते हैं, वहां के मंडल, जिला और लोकसभा प्रभारी से कहते हैं वे मतदाताओं को बाहर निकालें. अभी जैसे हमने देखा आदर्श नगर से लेकर चांदनी चौक में मतदान प्रतिशत कम था. हमने वहां पर अपनी टीम को अलर्ट किया है. इसी तरह से जंगपुरा ईस्ट दिल्ली में भी वोटिंग कम है. वहां भी वोटर को मतदान केन्द्र तक ले जाने का प्रयास हो रहा है."
क्या है वन बाय टेन का वोटिंग फार्मूला
एमपी के इस वॉर रूम के जरिए कोशिश हो रही है वन बाय टेन के फार्मूले की. राज्यसभा सांसद और महिला मोर्चा का अध्यक्ष माया नरोलिया बताती हैं "हमने फार्मूला ये बनाया है कि महिला मोर्चे की एक पदाधिकारी कम से कम दस महिलाओं को पोलिंग बूथ तक लेकर जाए. इसी की कवायद की जा रही है. मोदी जी के सम्मान में महिलाएं बाहर आएं और ज्यादा से ज्यादा वोट प्रतिशत हो."
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दिल्ली की सातों सीटों पर एक करोड़ 52 लाख मतदाता
दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर उतरे उम्मीदवारों का भाग्य एक करोड़ 52 लाख मतदाताओं की मुट्ठी में है. दिल्ली में महिलाओं के मुकाबले पुरुष मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. पुरुष वोटर 82 लाख के करीब हैं. जबकि महिला वोटर की संख्य केवल 69 लाख है. इनमें 1200 से कुछ ज्यादा थर्ड जेंडर भी है. निगाह इस बार फर्स्ट टाइम वोटर पर भी है. दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर दो लाख 52 हजार मतदाता पहली बार अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे.