लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 में बेहतर परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को और मजबूत करने की रणनीति बनाई है. इसके तहत प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व प्रदेश अध्यक्ष अजय राय विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे और जीत की रूपरेखा तैयार करेंगे. साथ ही पदाधिकारियों को चिन्हित किया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश के कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी भी हो सकती है. साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी में विस्तार भी होगा. कांग्रेस ने सभी लोकसभा कोऑर्डिनेटर से रिपोर्ट तलब की है.
कई जिलों में मिली थीं खामियां : प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने सभी लोकसभा क्षेत्र में विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ समन्वय में बैठक की थी. इस दौरान कई जिलों में कमियां सामने आई थीं. कांग्रेस ने सभी जिलों में बूथ स्तर पर अपने एजेंटों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू की थी. इसके माध्यम से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं को जोड़ने के साथ ही पार्टी की गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.
पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रदेश प्रभारी के निर्देश पर जिला स्तर पर निष्क्रिय पदाधिकारी की सूची तैयार की जा रही है. प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ बैठक भी करेंगे. कांग्रेस ने नवंबर 2023 में नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया था उसे भी बड़ा किया जाएगा.
समावेशी संगठन बनेगा : कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन रावत में बताया कि कांग्रेस अपनी संगठनात्मक ताकत को नए सिरे से बढ़ाना चाहती है ताकि वह गठबंधन में सहयोगी के तौर पर बेहतर चुनाव लड़ सके और अपनी स्थिति को मजबूत कर सके. आने वाले दिनों में सांगठनिक विस्तार के अलावा संवैधानिक कार्यक्रमों में तेजी देखने को मिलेगी.
नए संगठन को सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखकर समावेशी संगठन तैयार होगा. कांग्रेस की मंशा है कि वह अपनी ताकत को बढ़ाया ताकि वह उन सीटों पर सपा को मदद कर सके, जिस पर सपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे. कांग्रेस में मौजूदा समय में प्रदेश स्तर पर करीब 125 लोगों की कार्यकारिणी है. वहीं नगर और शहर में 132 जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष हैं.
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