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ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ जयवर्धन सिंह करेंगे लोकसभा में डेब्यू, पिता-पुत्र से BJP का सामना - Jaivardhan Vs Scindia in Guna

Jaivardhan Vs Scindia in Guna: लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस से पिता-पुत्र की जोड़ी को मैदान में उतारे जाने की तैयारी की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से तो उनके बेटे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को सिंधिया के खिलाफ गुना से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा.

Jaivardhan Singh debut in Lok Sabha
मध्यप्रदेश में कांग्रेस से पिता-पुत्र की जोड़ी उतरेगी चुनाव मैदान में
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 1:48 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 3:44 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव की रणनीति आक्रामक तरीके से बनाई है. कांग्रेस चुनाव अभियान समिति की 18 मार्च को दिल्ली में होने वाली बैठक में गुना लोकसभा सीट से विधायक जयवर्धन सिंह और राजगढ़ लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर अंतिम मुहर लग सकती है. बता दें कि राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट रही है, जबकि गुना लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह परिवार का अच्छा प्रभाव रहा है. बीजेपी ने गुना सीट से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजगढ़ से तीसरी बार रोडमल नागर को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की इस रणनीति से बीजेपी में बेचैनी दिखने लगी है.

Jaivardhan Vs Scindia in Guna
गुना में सिंधिया के लिए चुनौती बढ़ाएंगे जयवर्धन सिंह

राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट

मध्यप्रदेश की चर्चित लोकसभा सीटों में गिनी जाने वाली गुना और राजगढ़ लोकसभा सीटों पर प्रदेश के दो राजपरिवारों का दखल रहा है. गुना लोकसभा सीट पर जहां सिंधिया परिवार की पकड़ रही है, वहीं राजगढ़ लोकसभा सीट पर दिग्विजय परिवार की. राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा राघोगढ़ से ही दिग्विजय सिंह ने राजनीति की शुरूआत की. वे यहां नगर पालिका अध्यक्ष बने थे. बाद में विधायक बने और फिर सांसद. दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से दो बार साल 1984 और 1991 में सांसद रह चुके हैं. इसके बाद वे मुख्यमंत्री बने.

दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह भी राजगढ़ से 5 बार जीत चुके हैं

दिग्विजय सिंह के बाद उनके भाई लक्ष्मण सिंह इस लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रहे हैं. इसमें से 4 बार कांग्रेस के टिकट पर वे जीतकर संसद पहुंचे थे और एक बार बीजेपी के टिकट पर इस सीट से सांसद बने. 2009 में भी इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नारायण सिंह ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2014 और 2019 में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. इस सीट से पिछला दो चुनाव बीजेपी के रोडमल नागर जीतते आ रहे हैं. पार्टी नेताओं का मानना है कि यदि इस सीट से दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा जाता है तो फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में आ सकती है. राजगढ़ सीट से दिग्विजय सिंह के अलावा पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का भी नाम है.

गुना में सिंधिया के लिए चुनौती बढ़ाएंगे जयवर्धन सिंह

गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह को चुनाव मैदान में उतारे जाने की तैयारी की जा रही है. जयवर्धन सिंह गुना जिले में ही आने वाली राघौगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. ये सीट राजगढ़ लोकसभा सीट में आती है, लेकिन गुना क्षेत्र में दिग्विजय सिंह परिवार की खासी लोकप्रियता रही है. गुना लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभा सीटें बमौरी और अशोक नगर पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि जयवर्धन सिंह को यदि चुनाव मैदान में उतारा गया तो सिंधिया की जीत की राह को मुश्किल बनाया जा सकता है.

digvijay rajgarh congress candidate
राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट

गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार का प्रभाव

बता दें कि गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार का प्रभुत्व रहा है. इस सीट पर आजादी के बाद 19 लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें से 14 चुनावों में सिंधिया परिवार का सदस्य ही चुनकर आया है. इस सीट से जीत का सिलसिला ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता सिंधिया ने शुरू किया था, जो 2014 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से हार गए थे, लेकिन अब वे बीजेपी के टिकट से फिर मैदान में हैं.

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18 मार्च को होगा गुना व राजगढ़ सहित 18 सीटों पर फैसला

मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 1 सीट समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी है. बाकी 28 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. अब बाकी 18 लोकसभा सीटें बची हैं. इन सीटों को लेकर सीटवार मंथन जारी है. इन सीटों के लिए 2 से 3 नामों का पैनल तैयार कर केन्द्रीय चुनाव समिति को सौंपे जा चुके हैं, इन नामों को लेकर 18 मार्च को दिल्ली में होने वाली सीईसी की बैठक में अंतिम मुहर लगाई जाएगी. उधर, इसके पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों के नेताओं से वन-टू-वन चर्चा कर रहे हैं, ताकि नामों को लेकर पार्टी में आमराय बनाई जा सके और पूरी पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़े.

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव की रणनीति आक्रामक तरीके से बनाई है. कांग्रेस चुनाव अभियान समिति की 18 मार्च को दिल्ली में होने वाली बैठक में गुना लोकसभा सीट से विधायक जयवर्धन सिंह और राजगढ़ लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर अंतिम मुहर लग सकती है. बता दें कि राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट रही है, जबकि गुना लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह परिवार का अच्छा प्रभाव रहा है. बीजेपी ने गुना सीट से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजगढ़ से तीसरी बार रोडमल नागर को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की इस रणनीति से बीजेपी में बेचैनी दिखने लगी है.

Jaivardhan Vs Scindia in Guna
गुना में सिंधिया के लिए चुनौती बढ़ाएंगे जयवर्धन सिंह

राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट

मध्यप्रदेश की चर्चित लोकसभा सीटों में गिनी जाने वाली गुना और राजगढ़ लोकसभा सीटों पर प्रदेश के दो राजपरिवारों का दखल रहा है. गुना लोकसभा सीट पर जहां सिंधिया परिवार की पकड़ रही है, वहीं राजगढ़ लोकसभा सीट पर दिग्विजय परिवार की. राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा राघोगढ़ से ही दिग्विजय सिंह ने राजनीति की शुरूआत की. वे यहां नगर पालिका अध्यक्ष बने थे. बाद में विधायक बने और फिर सांसद. दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से दो बार साल 1984 और 1991 में सांसद रह चुके हैं. इसके बाद वे मुख्यमंत्री बने.

दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह भी राजगढ़ से 5 बार जीत चुके हैं

दिग्विजय सिंह के बाद उनके भाई लक्ष्मण सिंह इस लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रहे हैं. इसमें से 4 बार कांग्रेस के टिकट पर वे जीतकर संसद पहुंचे थे और एक बार बीजेपी के टिकट पर इस सीट से सांसद बने. 2009 में भी इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नारायण सिंह ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2014 और 2019 में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. इस सीट से पिछला दो चुनाव बीजेपी के रोडमल नागर जीतते आ रहे हैं. पार्टी नेताओं का मानना है कि यदि इस सीट से दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा जाता है तो फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में आ सकती है. राजगढ़ सीट से दिग्विजय सिंह के अलावा पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का भी नाम है.

गुना में सिंधिया के लिए चुनौती बढ़ाएंगे जयवर्धन सिंह

गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह को चुनाव मैदान में उतारे जाने की तैयारी की जा रही है. जयवर्धन सिंह गुना जिले में ही आने वाली राघौगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. ये सीट राजगढ़ लोकसभा सीट में आती है, लेकिन गुना क्षेत्र में दिग्विजय सिंह परिवार की खासी लोकप्रियता रही है. गुना लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभा सीटें बमौरी और अशोक नगर पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि जयवर्धन सिंह को यदि चुनाव मैदान में उतारा गया तो सिंधिया की जीत की राह को मुश्किल बनाया जा सकता है.

digvijay rajgarh congress candidate
राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट

गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार का प्रभाव

बता दें कि गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार का प्रभुत्व रहा है. इस सीट पर आजादी के बाद 19 लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें से 14 चुनावों में सिंधिया परिवार का सदस्य ही चुनकर आया है. इस सीट से जीत का सिलसिला ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता सिंधिया ने शुरू किया था, जो 2014 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से हार गए थे, लेकिन अब वे बीजेपी के टिकट से फिर मैदान में हैं.

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Last Updated : Mar 15, 2024, 3:44 PM IST
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