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लोकसभा चुनाव 2024 : सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने पर रायबरेली से कौन हो सकता है उम्मीदवार? जानिए किसके नाम की है चर्चाएं - Rae Bareli seat

कांग्रेस नेता सोनिया गाधी के राज्यसभा प्रत्याशी बनते ही रायबरेली (Lok Sabha Elections 2024) से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 11 बार गांधी परिवार के सदस्यों ने जीत हासिल की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 9:30 AM IST

लखनऊ : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया. राज्यसभा जाने के बीच उनके संसदीय सीट पर उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. सोनिया गांधी मौजूदा समय में रायबरेली संसदीय सीट से सांसद हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की एकमात्र लोकसभा सीट पर दावेदारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है. पार्टी के लोगों का कहना है कि उनकी बेटी प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं. हालांकि, कांग्रेस में आधिकारिक तौर पर न तो रायबरेली और नहीं अमेठी में यह तय किया है कि कौन चुनाव लड़ेगा?



अमेठी और रायबरेली से कौन चुनाव लड़ेगा इस पर असमंजस : गांधी परिवार के लिए रायबरेली और अमेठी की सीट पारिवारिक सीट के तौर पर जानी जाती है. 2019 में अमेठी सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भाजपा नेता स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे. केवल सोनिया गांधी ही अपना चुनाव जीत पाई थीं और उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सीट ही मिली थी. जबकि 2014 में कांग्रेस अमेठी और रायबरेली का चुनाव जीतने में सफल रही थी. जबकि, 2009 में कांग्रेस को कुल 23 लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में मिली थी. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कई साल बाद यह पहला मौका है जब कांग्रेस पार्टी अमेठी और रायबरेली के लोकसभा सीट पर चुनावी तस्वीर साफ नहीं कर रही है. एक लंबे समय से दोनों सीट पर ही गांधी परिवार का कब्जा जा रहा है. लेकिन, इस बार हालात कुछ और ही हैं. राहुल गांधी को पिछले लोकसभा चुनाव में हार का सामना पड़ा था. रायबरेली जीतने के बाद सोनिया गांधी की सक्रियता रायबरेली में नहीं रही है. ऐसे में इन दोनों लोकसभा सीटों पर दावेदारी को लेकर चर्चा लंबे समय से चल रही है.



प्रियंका गांधी की संसदीय पारी रायबरेली से शुरू हो सकती है? : लोकसभा चुनाव 2019 में जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे तब उन्होंने प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने का ऐलान किया था. उन्होंने कांग्रेस महासचिव बनाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया था. लेकिन, इस मामले को भले ही 5 साल हो गए हों लेकिन, प्रियंका गांधी 2022 के विधानसभा चुनाव में हर मिलने के बाद दोबारा से लौटकर यूपी नहीं आई हैं. हालांकि, वह देश के दूसरे प्रदेशों में हो रहे विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में सक्रियता से भाग ले रही हैं. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो रायबरेली से ही उनकी संसदीय पारी शुरू करने की तैयारी है क्योंकि अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार दूरी नहीं बना सकता.

17 बार में से 11 बार रायबरेली लोकसभा चुनाव जीती कांग्रेस : कांग्रेस के पूर्व विधायक बुद्ध लाल शुक्ल ने बताया कि रायबरेली लोकसभा सीट पारंपरिक रूप से नेहरू और गांधी परिवार की सीट रही है. देश में हुए अब तक के कुल लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 11 बार इसी परिवार के सदस्यों ने जीत हासिल की है. इस सीट पर सबसे पहले साल 1957 में इंदिरा गांधी के पति व राहुल और प्रियंका गांधी के दादा फिरोज गांधी ने जीत हासिल की थी. फिरोज गांधी के बाद सिर्फ 1977 में यह सीट कांग्रेस हार गई थी. इमरजेंसी के बाद हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी को रायबरेली सीट से हार का सामना करना पड़ा था और उसके बाद उन्होंने फिर कभी यहां से चुनाव नहीं लड़ा. फिर 1996 व 1998 भाजपा के अशोक सिंह ने जीती थी. उसके बाद 2004 में सोनिया गांधी ने पहली बार इस सीट पर चुनाव लड़ा था तब से यह सीट वह लगातार जीतती आ रही हैं. 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर के बाद भी बीजेपी रायबरेली की सीट नहीं जीत पाई थी. अगर पिछले दो चुनाव की बात करें तो 2014 में मोदी लहर के बाद भी यहां पर सोनिया गांधी को 63.80 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्हें कुल 526000 वोट प्राप्त हुआ था. जबकि भाजपा के उम्मीदवार अजय अग्रवाल को एक 173000 मत से ही संतोष करना पड़ा था और उन्हें कुल 21.05 प्रतिशत वोट मिले थे. जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी को 56.41 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्हें 534918 मत हासिल हुए थे. जबकि भाजपा के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 38.78 प्रतिशत मत मिले थे और उन्हें कुल 367740 वोट मिले थे. ऐसे में प्रियंका गांधी अपने दादा-दादी और मां की संसदीय सीट पर चुनाव लड़ सकती हैं.

उत्तर प्रदेश में 15 जनसभा करेंगे राहुल गांधी : राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के रूट मैप को अंतिम रूप दे दिया गया है. नए कार्यक्रम के मुताबिक, यह यात्रा केवल 7 दिन उत्तर प्रदेश में रहेगी. इन 7 दिनों में यात्रा 13 जिलों में 785 किलोमीटर का सफर करते हुए झांसी से मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी. कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार, विभिन्न समुदायों के लोगों से बातचीत के साथ ही इस पूरी यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी 15 जनसभाएं भी करेंगे. सबसे बड़ी जनसभा अमेठी में करवाने की तैयारी है.

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. सीपी राय के मुताबिक, यात्रा 16 फरवरी को नौबतपुर चंदौली के रास्ते यूपी में प्रवेश करेगी. अगले दिन राहुल वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद गोदौलिया चौराहे पर उनकी पहली जनसभा होगी. इसके बाद भदोही, प्रयागराज, सोराव और प्रतापगढ़ में भी जनसभाएं होंगी. यह यात्रा 19 को अमेठी पहुंचेगी. यहां पर राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकते हैं. इसी जनसभा में प्रियंका गांधी के भी मौजूद रहने की उम्मीद है. इसके बाद यह यात्रा 20 फरवरी को रायबरेली होते हुए लखनऊ आएगी.

यह भी पढ़ें : बिलकिस बानो केस में फैसले पर कांग्रेस का BJP पर हमला, कहा-भाजपा की महिला विरोधी नीतियों से पर्दा हटा

यह भी पढ़ें : आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- आज मुक्त हो गए; प्रियंका गांधी की हो रही तौहीन, पार्टी ने सनातन को खत्म करने की खाई कसम

लखनऊ : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया. राज्यसभा जाने के बीच उनके संसदीय सीट पर उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. सोनिया गांधी मौजूदा समय में रायबरेली संसदीय सीट से सांसद हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की एकमात्र लोकसभा सीट पर दावेदारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है. पार्टी के लोगों का कहना है कि उनकी बेटी प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं. हालांकि, कांग्रेस में आधिकारिक तौर पर न तो रायबरेली और नहीं अमेठी में यह तय किया है कि कौन चुनाव लड़ेगा?



अमेठी और रायबरेली से कौन चुनाव लड़ेगा इस पर असमंजस : गांधी परिवार के लिए रायबरेली और अमेठी की सीट पारिवारिक सीट के तौर पर जानी जाती है. 2019 में अमेठी सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भाजपा नेता स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे. केवल सोनिया गांधी ही अपना चुनाव जीत पाई थीं और उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सीट ही मिली थी. जबकि 2014 में कांग्रेस अमेठी और रायबरेली का चुनाव जीतने में सफल रही थी. जबकि, 2009 में कांग्रेस को कुल 23 लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में मिली थी. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कई साल बाद यह पहला मौका है जब कांग्रेस पार्टी अमेठी और रायबरेली के लोकसभा सीट पर चुनावी तस्वीर साफ नहीं कर रही है. एक लंबे समय से दोनों सीट पर ही गांधी परिवार का कब्जा जा रहा है. लेकिन, इस बार हालात कुछ और ही हैं. राहुल गांधी को पिछले लोकसभा चुनाव में हार का सामना पड़ा था. रायबरेली जीतने के बाद सोनिया गांधी की सक्रियता रायबरेली में नहीं रही है. ऐसे में इन दोनों लोकसभा सीटों पर दावेदारी को लेकर चर्चा लंबे समय से चल रही है.



प्रियंका गांधी की संसदीय पारी रायबरेली से शुरू हो सकती है? : लोकसभा चुनाव 2019 में जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे तब उन्होंने प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने का ऐलान किया था. उन्होंने कांग्रेस महासचिव बनाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया था. लेकिन, इस मामले को भले ही 5 साल हो गए हों लेकिन, प्रियंका गांधी 2022 के विधानसभा चुनाव में हर मिलने के बाद दोबारा से लौटकर यूपी नहीं आई हैं. हालांकि, वह देश के दूसरे प्रदेशों में हो रहे विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में सक्रियता से भाग ले रही हैं. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो रायबरेली से ही उनकी संसदीय पारी शुरू करने की तैयारी है क्योंकि अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार दूरी नहीं बना सकता.

17 बार में से 11 बार रायबरेली लोकसभा चुनाव जीती कांग्रेस : कांग्रेस के पूर्व विधायक बुद्ध लाल शुक्ल ने बताया कि रायबरेली लोकसभा सीट पारंपरिक रूप से नेहरू और गांधी परिवार की सीट रही है. देश में हुए अब तक के कुल लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 11 बार इसी परिवार के सदस्यों ने जीत हासिल की है. इस सीट पर सबसे पहले साल 1957 में इंदिरा गांधी के पति व राहुल और प्रियंका गांधी के दादा फिरोज गांधी ने जीत हासिल की थी. फिरोज गांधी के बाद सिर्फ 1977 में यह सीट कांग्रेस हार गई थी. इमरजेंसी के बाद हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी को रायबरेली सीट से हार का सामना करना पड़ा था और उसके बाद उन्होंने फिर कभी यहां से चुनाव नहीं लड़ा. फिर 1996 व 1998 भाजपा के अशोक सिंह ने जीती थी. उसके बाद 2004 में सोनिया गांधी ने पहली बार इस सीट पर चुनाव लड़ा था तब से यह सीट वह लगातार जीतती आ रही हैं. 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर के बाद भी बीजेपी रायबरेली की सीट नहीं जीत पाई थी. अगर पिछले दो चुनाव की बात करें तो 2014 में मोदी लहर के बाद भी यहां पर सोनिया गांधी को 63.80 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्हें कुल 526000 वोट प्राप्त हुआ था. जबकि भाजपा के उम्मीदवार अजय अग्रवाल को एक 173000 मत से ही संतोष करना पड़ा था और उन्हें कुल 21.05 प्रतिशत वोट मिले थे. जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी को 56.41 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्हें 534918 मत हासिल हुए थे. जबकि भाजपा के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 38.78 प्रतिशत मत मिले थे और उन्हें कुल 367740 वोट मिले थे. ऐसे में प्रियंका गांधी अपने दादा-दादी और मां की संसदीय सीट पर चुनाव लड़ सकती हैं.

उत्तर प्रदेश में 15 जनसभा करेंगे राहुल गांधी : राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के रूट मैप को अंतिम रूप दे दिया गया है. नए कार्यक्रम के मुताबिक, यह यात्रा केवल 7 दिन उत्तर प्रदेश में रहेगी. इन 7 दिनों में यात्रा 13 जिलों में 785 किलोमीटर का सफर करते हुए झांसी से मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी. कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार, विभिन्न समुदायों के लोगों से बातचीत के साथ ही इस पूरी यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी 15 जनसभाएं भी करेंगे. सबसे बड़ी जनसभा अमेठी में करवाने की तैयारी है.

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. सीपी राय के मुताबिक, यात्रा 16 फरवरी को नौबतपुर चंदौली के रास्ते यूपी में प्रवेश करेगी. अगले दिन राहुल वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद गोदौलिया चौराहे पर उनकी पहली जनसभा होगी. इसके बाद भदोही, प्रयागराज, सोराव और प्रतापगढ़ में भी जनसभाएं होंगी. यह यात्रा 19 को अमेठी पहुंचेगी. यहां पर राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकते हैं. इसी जनसभा में प्रियंका गांधी के भी मौजूद रहने की उम्मीद है. इसके बाद यह यात्रा 20 फरवरी को रायबरेली होते हुए लखनऊ आएगी.

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