रायपुर:छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है. इन 11 सीटों में 5 ऐसी सीटें हैं, जिन पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई है. इन सीटों में बस्तर, महासमुंद, राजनांदगांव, रायपुर और कोरबा लोकसभा सीटें शामिल है. इन पांचों सीटों पर दिग्गजों के बीच मुकाबला है. 4 जून को मतगणना के दिन इन सीटों पर सबकी निगाहें टिकी रहेगी.
आइए आपको बताते हैं कि आखिरकार क्यों ये हाईप्रोफाइल 5 लोकसभा सीटें खास है? और क्यों इन सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई है.
एक नजर बस्तर लोकसभा सीट पर: सबसे पहले बात करेंगे छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट के बारे में. बस्तर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हुआ. इस सीट पर 67 फीसदी से ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई. बस्तर लोकसभा सीट प्रदेश की सबसे खास सीट इसलिए भी मानी जाती है, क्योंकि ये क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां के वोटरों को लुभाना प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं होता. इस क्षेत्र में विकास बड़ा मुद्दा है और यहां विकास पहुंचाना बड़ी चुनौती है, क्योंकि नक्सलियों के भय से इस क्षेत्र में विकास पहुंचाना जनप्रतिनिधियों के लिए आसान नहीं होता. कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैं, जहां के लोग सालों से मूलभूत सुविधाओं की राह तक रहे हैं. नक्सलियों के डर से कई क्षेत्र विकास से वंचित है. हालांकि यहां के वोटर काफी जागरूक हैं. यहां का मतदान प्रतिशत भी खास रहा है. इस सीट पर बीजेपी से महेश कश्यप और कांग्रेस से प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा प्रत्याशी हैं. दोनों दिग्गज अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं. दोनों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. 4 जून को मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि बस्तर की जनता ने किस दल को अपना आशिर्वाद दिया है.
एक नजर महासमुंद लोकसभा सीट पर: छत्तीसगढ़ का महासमुंद लोकसभा सीट इसलिए खास है, क्योंकि इस सीट से प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू चुनावी मैदान में हैं. इस सीट पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान हुआ था. ये क्षेत्र ओबीसी बहुल क्षेत्र है. यहां साहू समाज की संख्या अधिक है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि यहां साहू समाज ही निर्णायक की भूमिका निभाएंगे. यही कारण है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने ओबीसी प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है. बीजेपी ने यहां से महिला उम्मीदवार रूप कुमारी चौधरी पर भरोसा जताया है. इस सीट पर दोनों दिग्गजों के बीच टाइट फाइट देखने को मिली है. बीजेपी प्रत्याशी यहां मोदी की गारंटी के दम पर जीत का दावा कर रही हैं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मोदी की गारंटी को फेल बताकर जनता के सामने नए वादे किए है. 4 जून को मतगणना के दिन पता चलेगा कि जनता जनार्दन ने महासमुंद लोकसभा सीट पर रूप कुमारी चौधरी को आशीर्वाद दिया है या ताम्रध्वज साहू को.
एक नजर राजनांदगांव लोकसभा सीट पर: छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल सीटों में राजनांदगांव लोकसभा सीट भी एक है. यहां से प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल चुनावी मैदान में है. कांग्रेस ने भूपेश बघेल को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बीजेपी ने मौजूदा सांसद संतोष पांडेय पर भरोसा जताया है. ये सीट इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां से पूर्व सीएम रमन सिंह भी सांसद रहे हैं. बाद में रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह ने भी इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. ये सीट बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. यही कारण है कि बीजेपी के गढ़ को भेदने के लिए कांग्रेस ने यहां से भूपेश बघेल को प्रत्याशी बनाया है. इस क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के वोटरों का जिस दल को आशीर्वाद मिलेगा. जीत उसी की होगी. ऐसे में देखना होगा कि 4 जून को राजनांदगांव की जनता किस दल को अपना आशीर्वाद देती है.
एक नजर रायपुर लोकसभा सीट पर: छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से रायपुर लोकसभी सीट काफी खास है. ये क्षेत्र प्रदेश की राजधानी होने के कारण काफी अहम माना जाता है. यहां से बीजेपी ने मौजूदा विधायक बृजमोहन अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा जबकि कांग्रेस ने यहां के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय पर भरोसा जताया. बीजेपी प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल बीजेपी के दिग्गज और वरिष्ठ नेता होने के साथ ही रायपुर क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखने वाले नेता हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय की भी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है. विकास उपाध्याय कांग्रेस के युवा ब्रिगेड के बड़े चेहरे माने जाते हैं. दोनों ने इस सीट पर जीत का दावा किया है. चार जून को नतीजों में देखना होगा कि रायपुर के मतदाता का आशीर्वाद किस दल को मिलता है.
एक नजर कोरबा लोकसभा सीट पर: प्रदेश के 11 लोकसभा सीटों में कोरबा लोकसभा सीट भी हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. इस बार लोकसभा चुनाव में ये सीट काफी सुर्खियां बटोर रहा है. हर किसी की निगाहें इस सीट के रिजल्ट पर चार जून को रहने वाली है, क्योंकि यहां से दो दिग्गज महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. बीजेपी ने यहां से सरोज पांडे पर भरोसा जताया है. वहीं, कांग्रेस ने मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को टिकट दिया है. दोनों महिला प्रत्याशी ने चुनाव में एड़ी चोटी का जोर लगाया है. दोनों अपनी अपनी जीत का दावा कर रही हैं. जहां एक ओर ज्योत्सना महंत की क्षेत्र में पकड़ है, वो स्थानीय होने के कारण जीत का दावा कर रही हैं. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडे भी बीजेपी की सीनियर लीडर हैं. सरोज पांडे के लिए इस सीट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया था. ऐसे में 4 जून को मतगणना के दिन ही पता चलेगा कि कोरबा की जनता ने सरोज या ज्योत्सना किस पर अपनी कृपा बरसाई है.
इन पांचों लोकसभा सीटों पर इस बार जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है. इन सीटों के प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद है. अब 4 जून को पता चलेगा कि इन क्षेत्रों की जनता ने पंजा पर भरोसा जताया है, या कमल को अपना आशिर्वाद दिया है.