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वाराणसी लोकसभा सीट : 10 साल में बदल गए बनारस के मुद्दे, 2024 में अब लोग कर रहे ऐसी मांग - Varanasi Lok Sabha Elections 2024 - VARANASI LOK SABHA ELECTIONS 2024

लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से वाराणसी से चुनाव मैदान में हैं. वाराणसी में कराए गए विकास को लेकर भाजपा यहां प्रधानमंत्री की जीत को लेकर बेफिक्र है. ऐसे में बनारस की जनता का मिजाज कैसा है, यह जानने के लिए देखें ईटीवी भारत की विशेष खबर...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 2, 2024, 6:26 AM IST

Updated : Apr 2, 2024, 9:01 AM IST

लोकसभा चुनाव 2024 में वाराणसी सीट पर गोपाल मिश्रा की खास रिपोर्ट.

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. बीते 10 साल के कार्यकाल में पीएम मोदी ने काशी के कायाकल्प के लिए कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी. काशी की जनता को अभी भी ढेरों उम्मीदे हैं. चलिए जानते हैं काशी में इस बार कौन से मुद्दे अहम होंगे.

पीएम मोदी 2014 में वाराणसी से लगभग जीत हासिल कर जब वह पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब उनके संसदीय क्षेत्र की जनता को उनसे काफी उम्मीदें थीं. काशी के लोगों को विश्वास था कि जब उनका सांसद देश का प्रधानमंत्री बन रहा है तो निश्चित है कि काशी विकास के पथ पर आगे बढ़ेगी. वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की थी. 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को कुल 5 लाख 81 हजार 22 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को 2 लाख नौ हजार 238 वोट मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75 हजार 614 वोटों के साथ तीसरे स्थान थे. वे जमानत भी नहीं बचा सके थे. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा सके थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 6 लाख 74 हजार 664 लाख वोट पाकर जीत दर्ज कर ली. उन्‍होंने करीब 4 लाख से ज्‍यादा के अंतर से दूसरे प्रतिद्वंद्वी को हराया था. समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव एक लाख 95 हजार 159 वोट पाकर दूसरे स्‍थान पर रही थीं. कांग्रेस के अजय राय एक लाख 52 हजार 548 वोट पाकर तीसरे स्‍थान पर आए थे.


2014 के बाद वाराणसी को मिलीं ढेरों सौगातें
काशी में पर्यटन विकास और हेरीटेज कार्य समेत हजारों करोड़ के विकास कार्य बीते दस सालों में कराए गए हैं. इन कार्यों की बदौलत काशी का इन्फास्ट्रक्चर पहले से काफी उन्नत हुआ है. हालांकि अभी भी काशी के लोगों को ढेरों उम्मीदें हैं.


काशी के ये मुद्दे इस बार चुनाव में होंगे अहम

  • वाराणसी में बढ़ रहे पर्यटन कारोबार को और बल मिले इसके लिए नए होटल और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बल देने की जरूरत है.
  • शहर में बढ़ रही भीड़ की वजह से बढ़ रहे जाम के कारण सड़कों के चौड़ा किए जाने की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और यह आवश्यक भी है.
  • शहर का 60% इलाका अभी भी सीवर की समस्या से जूझ रहा है नई सीवर पाइपलाइन पर काम अति आवश्यक है.
  • ग्राम सभा से शहरी क्षेत्र में आए लगभग 86 गांव के विकास का पहिया रुका हुआ है इसे आगे बढ़ाना बेहद जरूरी है क्योंकि लाखों की आबादी अभी भी प्रभावित है
  • बनारसी साड़ी के विकास के लिए व्यापारियों की मांग पर रेशम समेत अन्य चीजों के आयात पर ध्यान देना जरूरी है ताकि कारोबार उठ सके.
  • सड़क मार्ग के अलावा जल मार्ग से आवागमन और माल की धुलाई आसान करने और सस्ता करने की जरूरत है
  • विश्वनाथ मंदिर के अतिरिक्त बनारस के अन्य मुख्यमंत्री के डेवलपमेंट की भी अति आवश्यकता है जिसमें काल भैरव मंदिर संकट मोचन मंदिर मुख्य मार्ग भी शामिल है.


    ये कई ऐसे मुद्दे हैं जो इस बार चुनाव में काफी अहम होंगे. सभी दल इन मुद्दों के सहारे खुद को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. अब देखना रोचक होगा कि इस बार काशी में इन मुद्दों के सहारे किसे फायदा मिलेगा और किसे नुकसान होगा?

यह भी पढ़ें : मोदी को भाये बाबा और बनारस; अबकी जीते तो नेहरू-इंदिरा की करेंगे बराबरी; क्या कांग्रेस दे पाएगी चुनौती? - Varanasi Lok Sabha Seat
लोकसभा चुनाव 2024 : क्या इंदिरा–नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर पाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी? जानें क्या कहते हैं आंकड़े

लोकसभा चुनाव 2024 में वाराणसी सीट पर गोपाल मिश्रा की खास रिपोर्ट.

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. बीते 10 साल के कार्यकाल में पीएम मोदी ने काशी के कायाकल्प के लिए कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी. काशी की जनता को अभी भी ढेरों उम्मीदे हैं. चलिए जानते हैं काशी में इस बार कौन से मुद्दे अहम होंगे.

पीएम मोदी 2014 में वाराणसी से लगभग जीत हासिल कर जब वह पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब उनके संसदीय क्षेत्र की जनता को उनसे काफी उम्मीदें थीं. काशी के लोगों को विश्वास था कि जब उनका सांसद देश का प्रधानमंत्री बन रहा है तो निश्चित है कि काशी विकास के पथ पर आगे बढ़ेगी. वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की थी. 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को कुल 5 लाख 81 हजार 22 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को 2 लाख नौ हजार 238 वोट मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75 हजार 614 वोटों के साथ तीसरे स्थान थे. वे जमानत भी नहीं बचा सके थे. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा सके थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 6 लाख 74 हजार 664 लाख वोट पाकर जीत दर्ज कर ली. उन्‍होंने करीब 4 लाख से ज्‍यादा के अंतर से दूसरे प्रतिद्वंद्वी को हराया था. समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव एक लाख 95 हजार 159 वोट पाकर दूसरे स्‍थान पर रही थीं. कांग्रेस के अजय राय एक लाख 52 हजार 548 वोट पाकर तीसरे स्‍थान पर आए थे.


2014 के बाद वाराणसी को मिलीं ढेरों सौगातें
काशी में पर्यटन विकास और हेरीटेज कार्य समेत हजारों करोड़ के विकास कार्य बीते दस सालों में कराए गए हैं. इन कार्यों की बदौलत काशी का इन्फास्ट्रक्चर पहले से काफी उन्नत हुआ है. हालांकि अभी भी काशी के लोगों को ढेरों उम्मीदें हैं.


काशी के ये मुद्दे इस बार चुनाव में होंगे अहम

  • वाराणसी में बढ़ रहे पर्यटन कारोबार को और बल मिले इसके लिए नए होटल और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बल देने की जरूरत है.
  • शहर में बढ़ रही भीड़ की वजह से बढ़ रहे जाम के कारण सड़कों के चौड़ा किए जाने की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और यह आवश्यक भी है.
  • शहर का 60% इलाका अभी भी सीवर की समस्या से जूझ रहा है नई सीवर पाइपलाइन पर काम अति आवश्यक है.
  • ग्राम सभा से शहरी क्षेत्र में आए लगभग 86 गांव के विकास का पहिया रुका हुआ है इसे आगे बढ़ाना बेहद जरूरी है क्योंकि लाखों की आबादी अभी भी प्रभावित है
  • बनारसी साड़ी के विकास के लिए व्यापारियों की मांग पर रेशम समेत अन्य चीजों के आयात पर ध्यान देना जरूरी है ताकि कारोबार उठ सके.
  • सड़क मार्ग के अलावा जल मार्ग से आवागमन और माल की धुलाई आसान करने और सस्ता करने की जरूरत है
  • विश्वनाथ मंदिर के अतिरिक्त बनारस के अन्य मुख्यमंत्री के डेवलपमेंट की भी अति आवश्यकता है जिसमें काल भैरव मंदिर संकट मोचन मंदिर मुख्य मार्ग भी शामिल है.


    ये कई ऐसे मुद्दे हैं जो इस बार चुनाव में काफी अहम होंगे. सभी दल इन मुद्दों के सहारे खुद को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. अब देखना रोचक होगा कि इस बार काशी में इन मुद्दों के सहारे किसे फायदा मिलेगा और किसे नुकसान होगा?

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Last Updated : Apr 2, 2024, 9:01 AM IST
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