जोधपुर. जोधपुर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक हो गया है. राजपूत बाहुल्य इस सीट पर दूसरी बार कांग्रेस और भाजपा से राजपूत प्रत्याशी आमने-सामने हैं, लेकिन यह मुकाबला पहली बार कांटे का कहा जा सकता है. ऐसे में पूरे देश की निगाहें इस हॉट सीट पर बनी हुई है. भाजपा ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मैदान में उतारा है. तो वहीं कांग्रेस ने करणसिंह उचियारड़ा को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले 2014 में चंद्रेश कुमारी और शेखावत के बीच मुकाबला हुआ था, लेकिन शेखावत ने इस चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज की थी.
जोधपुर लोकसभा सीट पर अब तक हुए 17 चुनावों में पांच बार भाजपा ने जीत दर्ज की है तो वहीं, आठ बार कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. एक बार भारतीय लोकदल और तीन बार निर्दलीय जीते हैं. 1971 में अंतिम निर्दलीय राजमाता कृष्णाकुमारी जीती थीं. इसके बाद कोई निर्दलीय नहीं जीत सका. कांग्रेस के प्रत्याशी करणसिंह उचियारड़ा ने अपनी भाषण शैली से शेखावत के लिए मुकाबला कड़ा बना दिया है. वहीं, शेखावत पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे, देश का विकास, राम मंदिर सहित कई मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं.
राजपूत बाहुल्य इस सीट पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने लगातार दो चुनाव बड़े अंतर से जीते हैं. 2014 में मोदी लहर में चंद्रेश कुमारी को चार लाख से अधिक मतों से हराया, 2019 में गहलोत सरकार के हर नेता के जोधपुर में एक्टिव होने के बावजूद वैभव गहलोत से 2.74 लाख मतों से जीते, लेकिन इस बार कांग्रेस ने मजबूत प्रत्याशी के रूप में करणसिंह को उतारा हैं. करणसिंह खुद जोधपुर के ही रहने वाले हैं, उन्होंने शेखावत को पहले दिन से ही बाहरी बताकर बढ़त बनाई. इसके बाद भाजपा विधायक बाबूसिंह के विरोध को अपना हथियार बनाया और जलशक्ति मंत्री के क्षेत्र में पानी की कमी को मुदृदा बनाया. इससे राजपूतों में बंटवारा होना तय हो गया. इसके अलावा कांग्रेस के परंपरागत अल्पसंख्यक, एससी एसटी मतों के भरोसे करणसिंह ने मुकाबले को कड़ा बना दिया हैं. वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण धींगरा का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी हर वर्ग में सेंध मारी कर रहे हैं, जो भाजपा के लिए परेशानी हो सकता है.
पांच बार गहलोत, चार बार जसवंत सांसद : जोधपुर लोकसभा सीट पर हुए 17 चुनावों में अशोक गहलोत ने यहां से 1980 से 1998 के बीच पांच बार जीत दर्ज की, जबकि जसवंत नाम के प्रत्याशी चार बार सांसद बने. इनमें जसवंत राज ने 1952 और 1957 में दो बार निर्दलीय जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1999 व 2004 में लगातार दो बार जसवंतसिंह विश्नोई ने जीत दर्ज की. इनके बाद लगातार दो बार गजेंद्र सिंह शेखावत जीते हैं, इस बार हैट्रिक के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.
गत दो चुनाव के परिणाम :
- 2014 : गजेंद्र सिंह शेखावत को मिले 7,13,515 वोट तो चंद्रेश कुमारी को मिले 3,03,464 वोट. शेखावत 4,10,051 मतों से जीते.
2019 : गजेंद्र सिंह शेखावत को मिले 7,88,888 मत. वैभव गहलोत को मिले 5,14,448 मत. शेखावत 2,74,440 मतों से जीते.