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जी-23 में एक्टिव रहे आनंद शर्मा हार चुके हैं विधानसभा चुनाव, रायजादा भी पहली बार उतरे लोकसभा के रण में - Himachal Congress Candidates

Himachal Congress Lok Sabha Candidates: हिमाचल में लोकसभा कैंडिडेट को लेकर कांग्रेस में आखिरकार मंथन का दौर खत्म हो गया. कांग्रेस ने कांगड़ा से आनंद शर्मा और हमीरपुर सीट से सतपाल राजयादा का मैदान में उतारा है. अब देखना होगा कि चुनावी दंगल में क्या ये दोनों प्रत्याशी भाजपा उम्मीदवारों को हराकर कांग्रेस के हाथ मजबत कर पाते हैं? पढ़िए पूरी खबर...

Himachal Congress Lok Sabha Candidates
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 10:39 PM IST

शिमला: लंबी कशमकश और चिंतन-मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में कांगड़ा और हमीरपुर के टिकट फाइनल कर दिए. कांग्रेस की लिस्ट आते ही आनंद शर्मा का नाम देखकर सियासी पैंतरों की चीरफाड़ यानी पोस्टमार्टम करने वालों में आश्चर्य है. आनंद शर्मा इससे पहले कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़े हैं और तो और आनंद शर्मा ने एकमात्र विधानसभा चुनाव लड़ा है, जिसमें उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा वाया राज्यसभा ही दिल्ली पहुंचते रहे हैं. लोकसभा चुनाव का ये उनका पहला अनुभव होगा. हाल ही के समय में आनंद शर्मा कांग्रेस के जी-23 समूह में सक्रियता के कारण चर्चित रहे हैं. सियासी गलियारों में कहा जाता है कि पार्टी में एक तरह से वे हाशिए पर धकेल दिए गए हैं.

Himachal Congress Candidates
Himachal Congress Lok Sabha Candidates

कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा ने कोई चुनाव नहीं जीता: आनंद शर्मा ने कोई चुनाव नहीं जीता है. वे 1982 में शिमला सीट पर विधानसभा चुनाव में दौलतराम चौहान से हार चुके हैं. कुछ-कुछ ऐसा ही हाल सतपाल सिंह रायजादा का है. रायजादा ने अब तक दो विधानसभा चुनाव लड़े हैं. एक जीत और एक हार के साथ अब लोकसभा चुनाव का ये उनका पहला अनुभव होगा. वहीं, उनके मुकाबले अनुराग सिंह ठाकुर चार बार के विजेता हैं और पांचवां चुनाव जीतने के लिए धुआंधार प्रचार में जुटे हैं. अनुराग ठाकुर केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में एक ताकतवर मंत्री हैं. वहीं, आनंद शर्मा यूपीए सरकार में प्रभावशाली मंत्री रहे हैं. आनंद शर्मा ने विदेश के अलावा वाणिज्य मंत्रालय भी संभाला है. उनके मुकाबले में भाजपा के डॉ. राजीव भारद्वाज चुनाव लड़ रहे हैं. डॉ. राजीव का ये पहला चुनावी अनुभव है.

आनंद शर्मा के नाम पर कैसे लगी मुहर: कांगड़ा सीट से कांग्रेस में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी. पहले आशा कुमारी और आरएस बाली के नाम की चर्चा चली. इनके साथ ही डॉ. राजेश शर्मा का नाम भी आया. आरएस बाली नगरोटा सीट से पहली बार विधायक बनकर सदन में पहुंचे हैं. वे लोकसभा चुनाव में लड़ने से कतरा रहे थे. आरएस बाली ने हाईकमान को एक पत्र भी लिखा था कि चुनावी मैदान में उतारने से पहले उनका पक्ष सुना जाए. बाली नगरोटा से विधायक के रूप में ही पारी खेलने की लालसा रखते हैं. फिर आशा कुमारी के नाम पर भी सहमति नहीं बनी. प्रदेश से लेकर केंद्र तक में आशा कुमारी के नाम पर आम राय नहीं बन रही थी. बाद में ये तय हुआ कि कांगड़ा से किसी ब्राह्मण चेहरे को उतारा जाए. हाईकमान की नजर आनंद शर्मा पर टिकी. उन्हें टिकट देने के लिए सभी में सहमति बन गई.

आनंद शर्मा यूपीए सरकार में रहे ताकतवर मंत्री: शिमला में जन्में 71 वर्षीय आनंद शर्मा यूपीए सरकार में ताकतवर मंत्री रहे हैं. उनके पास विदेश, वाणिज्य, उद्योग आदि मंत्रालय रहे हैं. राजस्थान से राज्यसभा में पहुंचे आनंद शर्मा का कार्यकाल अप्रैल 2022 में पूरा हुआ था. वे राज्यसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर यानी उपनेता रहे हैं. यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में वे मंत्री रहे हैं. आनंद शर्मा एनएसयूआई में सक्रिय रहे और फिर चुनावी राजनीति में आए. वे कांग्रेस के छह साल तक मुख्य प्रवक्ता भी रहे. जनवरी 2006 में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया था. मई 2009 में वे वाणिज्य मंत्री बनाए गए थे. वे पहली बार 1984 में राज्यसभा पहुंचे थे. आनंद शर्मा ने बाद में जी-23 का हिस्सा बनकर कांग्रेस में परिवर्तन किए जाने की वकालत की थी.

डिप्टी सीएम के करीबी हैं रायजादा: सतपाल सिंह रायजादा ऊना सदर सीट से चुनाव लड़ते हैं. वे दो बार विधानसभा चुनाव लड़े और एक बार जीतकर विधानसभा पहुंचे. वर्ष 2022 में वे भाजपा के वरिष्ठ नेता सतपाल सत्ती से हार गए थे. रायजादा डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के करीबी हैं. अब चूंकि सीएम और डिप्टी सीएम हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से हैं तो रायजादा के साथ दोनों नेताओं की साख भी दांव पर है. रायजादा का मुकाबला अनुराग से है, जो भाजपा के स्थापित नेताओं की श्रेणी में माने जाते हैं.

ये भी पढ़ें: अटकलों पर लगा विराम, कांग्रेस ने कांगड़ा से आनंद शर्मा का नाम देकर चौंकाया, हमीरपुर से सतपाल रायजादा पर मुहर

शिमला: लंबी कशमकश और चिंतन-मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में कांगड़ा और हमीरपुर के टिकट फाइनल कर दिए. कांग्रेस की लिस्ट आते ही आनंद शर्मा का नाम देखकर सियासी पैंतरों की चीरफाड़ यानी पोस्टमार्टम करने वालों में आश्चर्य है. आनंद शर्मा इससे पहले कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़े हैं और तो और आनंद शर्मा ने एकमात्र विधानसभा चुनाव लड़ा है, जिसमें उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा वाया राज्यसभा ही दिल्ली पहुंचते रहे हैं. लोकसभा चुनाव का ये उनका पहला अनुभव होगा. हाल ही के समय में आनंद शर्मा कांग्रेस के जी-23 समूह में सक्रियता के कारण चर्चित रहे हैं. सियासी गलियारों में कहा जाता है कि पार्टी में एक तरह से वे हाशिए पर धकेल दिए गए हैं.

Himachal Congress Candidates
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कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा ने कोई चुनाव नहीं जीता: आनंद शर्मा ने कोई चुनाव नहीं जीता है. वे 1982 में शिमला सीट पर विधानसभा चुनाव में दौलतराम चौहान से हार चुके हैं. कुछ-कुछ ऐसा ही हाल सतपाल सिंह रायजादा का है. रायजादा ने अब तक दो विधानसभा चुनाव लड़े हैं. एक जीत और एक हार के साथ अब लोकसभा चुनाव का ये उनका पहला अनुभव होगा. वहीं, उनके मुकाबले अनुराग सिंह ठाकुर चार बार के विजेता हैं और पांचवां चुनाव जीतने के लिए धुआंधार प्रचार में जुटे हैं. अनुराग ठाकुर केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में एक ताकतवर मंत्री हैं. वहीं, आनंद शर्मा यूपीए सरकार में प्रभावशाली मंत्री रहे हैं. आनंद शर्मा ने विदेश के अलावा वाणिज्य मंत्रालय भी संभाला है. उनके मुकाबले में भाजपा के डॉ. राजीव भारद्वाज चुनाव लड़ रहे हैं. डॉ. राजीव का ये पहला चुनावी अनुभव है.

आनंद शर्मा के नाम पर कैसे लगी मुहर: कांगड़ा सीट से कांग्रेस में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी. पहले आशा कुमारी और आरएस बाली के नाम की चर्चा चली. इनके साथ ही डॉ. राजेश शर्मा का नाम भी आया. आरएस बाली नगरोटा सीट से पहली बार विधायक बनकर सदन में पहुंचे हैं. वे लोकसभा चुनाव में लड़ने से कतरा रहे थे. आरएस बाली ने हाईकमान को एक पत्र भी लिखा था कि चुनावी मैदान में उतारने से पहले उनका पक्ष सुना जाए. बाली नगरोटा से विधायक के रूप में ही पारी खेलने की लालसा रखते हैं. फिर आशा कुमारी के नाम पर भी सहमति नहीं बनी. प्रदेश से लेकर केंद्र तक में आशा कुमारी के नाम पर आम राय नहीं बन रही थी. बाद में ये तय हुआ कि कांगड़ा से किसी ब्राह्मण चेहरे को उतारा जाए. हाईकमान की नजर आनंद शर्मा पर टिकी. उन्हें टिकट देने के लिए सभी में सहमति बन गई.

आनंद शर्मा यूपीए सरकार में रहे ताकतवर मंत्री: शिमला में जन्में 71 वर्षीय आनंद शर्मा यूपीए सरकार में ताकतवर मंत्री रहे हैं. उनके पास विदेश, वाणिज्य, उद्योग आदि मंत्रालय रहे हैं. राजस्थान से राज्यसभा में पहुंचे आनंद शर्मा का कार्यकाल अप्रैल 2022 में पूरा हुआ था. वे राज्यसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर यानी उपनेता रहे हैं. यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में वे मंत्री रहे हैं. आनंद शर्मा एनएसयूआई में सक्रिय रहे और फिर चुनावी राजनीति में आए. वे कांग्रेस के छह साल तक मुख्य प्रवक्ता भी रहे. जनवरी 2006 में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया था. मई 2009 में वे वाणिज्य मंत्री बनाए गए थे. वे पहली बार 1984 में राज्यसभा पहुंचे थे. आनंद शर्मा ने बाद में जी-23 का हिस्सा बनकर कांग्रेस में परिवर्तन किए जाने की वकालत की थी.

डिप्टी सीएम के करीबी हैं रायजादा: सतपाल सिंह रायजादा ऊना सदर सीट से चुनाव लड़ते हैं. वे दो बार विधानसभा चुनाव लड़े और एक बार जीतकर विधानसभा पहुंचे. वर्ष 2022 में वे भाजपा के वरिष्ठ नेता सतपाल सत्ती से हार गए थे. रायजादा डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के करीबी हैं. अब चूंकि सीएम और डिप्टी सीएम हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से हैं तो रायजादा के साथ दोनों नेताओं की साख भी दांव पर है. रायजादा का मुकाबला अनुराग से है, जो भाजपा के स्थापित नेताओं की श्रेणी में माने जाते हैं.

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