कोटा. भारतीय जनता पार्टी छोड़ प्रहलाद गुंजल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद गुरुवार रात को वे कोटा पहुंचे. उसके बाद शुक्रवार सुबह उनके चित्रगुप्त कॉलोनी स्थित निवास पर सैकड़ों की संख्या में लोगों के आने-जाने का क्रम जारी रहा. उनमें कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल रहे. हालांकि, कांग्रेस ने अभी उन्हें कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया है.
प्रहलाद गुंजल ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में भाजपा के कोटा से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेताओं पर हमला बोला. गुंजल ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए उन्होंने जमकर संघर्ष किया, इसके बावजूद कोटा में भाजपा पर एक नेता (भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला) का कब्जा हो गया है. यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा कि पूरे 5 साल तक बिरला के दो भाइयों की फोटो ही शहर के होर्डिंग पर नजर आईं. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाई जा रही है, क्योंकि चुनाव आ गए हैं. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष बिरला को चुनौती देते हुए कहा कि दम है तो जिन दो भाइयों की फोटो पूरे 5 साल शहर में लगाए हैं, उनके नाम पर ही चुनाव लड़कर देख लें. धारीवाल के धुर विरोधी होने के सवाल पर गुंजल ने कहा कि पहले उनकी विचारधारा अलग थी, इसलिए शांति धारीवाल उनके विरोधी थे. अब वे दोनों एक ही विचारधारा के नीचे आ गए हैं. ऐसे में अब कोई विरोध उनके बीच नहीं है. धारीवाल कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं और उनका उतना ही सम्मान है.
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जिल्लत कोई और बर्दाश्त कर सकता है, मैं नहीं : गुंजल ने कहा कि वे सभी पार्टी में सभी के करीबी और पार्टी स्तर का कार्यकर्ता रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरी अपनी सीनियरिटी है, लेकिन पार्टी को ये सब दिखती नहीं है. एक व्यक्ति के प्रभाव और प्रकोप के कारण हमारी स्थिति अलग-अलग हो जाए, यह जिल्लत झेलने से अच्छा है कि मैं सड़क पर जाकर जनता की आवाज बनूं. इसलिए मैंने कांग्रेस का रास्ता चुन लिया.
हाथ मिलाकर 5 साल सत्ता का आनंद भोगते रहे : बिरला पर हमला बोलते हुए गुंजल ने कहा कि उन्होंने बीते 5 साल हाथ मिलाकर सत्ता का आनंद भोगा है. यह लोग दिल्ली में बैठकर आनंद उठाते रहे, राजस्थान में सत्ता के खिलाफ एक नारा या एक भी बार आवाज बुलंद नहीं की. हमने विरोध झंडा उठाकर किया. यह मैंने व मेरे साथ खड़े भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया है. उस समय भी हमें उपेक्षा का शिकार होना पड़ा. मंडल अध्यक्ष हमारे खिलाफ बने व वार्डों के टिकट हमारे खिलाफ दिए गए. मेरे और भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ सैकड़ों मुकदमें दर्ज हुए. उस कीमत के बल पर राज आया है, जिसे दूसरे लोग भोगने लग जाएं और हमें अलग किया जाए. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
देहात में तैयार किए हैं हजारों कार्यकर्ता : गुंजल ने चुनौती देते हुए कहा कि अब लोगों को पता चल जाएगा कि हमें अलग-अलग करने का क्या मतलब है. मैंने देहात में हजारों की संख्या में लोग और कार्यकर्ता तैयार किए हैं, जिनका पता समय आने पर लोगों को चलेगा. कैंपेनिंग के मामले पर उन्होंने कहा कि अभी मुझे कैंडिडेट हो जाने दीजिए. अभी आप लोग सवाल पूछ रहे हैं. जब मैं डिक्लेयर हो जाऊंगा, तब पूछे गए हर सवाल का खुलकर जवाब दूंगा.
नंदवाना और रुपेश शर्मा के बारे में यह बोले गुंजल : गुंजल से जब पूछा गया कि उनके करीबी पूर्व विधायक विद्याशंकर नंदवाना कांग्रेस में शामिल नहीं हुए, जबकि रुपेश शर्मा भाजपा के सदस्य बन गए हैं. इस पर गुंजल ने कहा कि अभी मैंने किसी को कुछ नहीं कहा है, केवल मैंने ही अपना मन बदला है. कौन लोग मेरे साथ थे या कौन मेरे साथ रहेंगे, यह समय आने पर पता चलेगा. हालांकि, बीते 25 सालों में पीसीसी में इतनी बड़ी ज्वाइनिंग किसी की नहीं हुई होगी. इसके अलावा उन्होंने रुपेश शर्मा के संबंध में कहा कि वो मेरा छोटा भाई है. किस भाव में वहां चला गया, मालूम नहीं, लेकिन मेरी गारंटी है कि वह वोट डालने जाएगा, तब वही करेगा जो उसकी अंतरात्मा में रहेगा, जिसकी किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.