ETV Bharat / state

हजारीबाग लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी संजय मेहता किसका बिगाड़ेंगे खेल! गली-मोहल्ले में हार-जीत पर कयासों का बाजार गर्म - Lok Sabha Election 2024

Speculations on victory and defeat in Hazaribag. हजारीबाग में जीत-हार को लेकर कयासों का दौर जारी है. कोई भाजपा को मजबूत बता रहा है तो कोई कांग्रेस को. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी संजय मेहता की भी काफी चर्चा हो रही है. हालांकि चार जून को ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा.

Lok Sabha Election In Hazaribag
निर्दलीय प्रत्याशी संजय मेहता, बीजेपी प्रत्याशी मनीष जायसवाल और कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल. (फोटो-ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 28, 2024, 9:12 PM IST

हजारीबागः लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशी रिलैक्स मूड में हैं. उधर, चुनाव खत्म होने के बाद चौक-चौराहों पर हार-जीत की गणित पर चर्चा हो रही है. बातचीत के केंद्रबिंदु में भीतरघात एक आम शब्द है. हार-जीत का मूल्यांकन करने वाले हर भी लोग इस शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हजारीबाग में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जीत-हार का कयास लगाते आम लोग. (वीडियो-ईटीवी भारत)

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने में अभी कुछ दिन और शेष रह गए हैं. लेकिन में शहर के चौक-चौराहे और गांव की चौपाल पर कयासों का दौर जारी है. कोई हजारीबाग में भाजपा और कांग्रेस के सीधा मुकाबाल बता रहा है तो कोई तीसरे विकल्प को मजबूत बता रहा है.

लोग संजय मेहता को भी मान रहे हैं बड़ा फैक्टर

लोगों का मानना है कि भाजपा और कांग्रेस का खेल कोई बिगाड़ सकता है तो वह हैं संजय मेहता. बताते चलें कि संजय मेहता निर्दलीय चुनाव लड़े थे. राज्य में हाल के कुछ महीनों में युवा छात्र नेता जयराम महतो का एक नया सियासी उभार देखा जा रहा है. स्थानीय नियोजन नीति और भाषा समेत अन्य विभिन्न मुद्दों को लेकर जयराम महतो ने उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के विभिन्न जिलों में आंदोलन चलाया. झारखंड भाषा खतियानी संघर्ष समिति नामक संगठन बनाया है. इसी संगठन के हजारीबाग के उम्मीदवार संजय मेहता हैं.

कुछ ने त्रिकोणीय मुकाबला तो कुछ ने भाजपा का पलड़ा भारी बताया

हजारीबाग के स्थानीय लोगों का कहना है कि कौन जीतेगा? इसे लेकर दावा करना मुश्किल है. लोगों ने कहा कि हजारीबाग भाजपा की पारंपरिक सीट रही है, लेकिन संजय मेहता के एंट्री के बाद त्रिकोणीय मुकाबला के आसार हैं. वहीं कई लोगों ने भाजपा का पलड़ा भारी बताया, लेकिन यह भी कहा कि जीत उतनी भी आसान नहीं है. हालांक जीत एक वोट से हो या एक लाख वोट से जीत तो जीत ही कहलाती है.

तीन जून तक चलता रहेगा कयासों का दौर

बहरहाल चर्चा का बाजार 3 जून तक इसी तरह गर्म रहेगा. लेकिन यह बात भी सच है कि इस लोकसभा चुनाव में हजारीबाग के युवा नेता ने भी जनता के दिल में अपनी जगह बनाई है. जो आने वाले समय में बदलाव का प्रतीक भी माना जा सकता है.

हजारीबाग से 17 प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में

बताते चलें कि हजारीबाग लोकसभा सीट से कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. एक निर्दलीय प्रत्याशी की सशक्त एंट्री ने चुनावी चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. इसी प्रत्याशी की एंट्री के कारण आम आदमी गली-मोहल्ले से लेकर चौक-चौराहे तक हार-जीत और मार्जिन वोट की चर्चा कर रहा है.

चुनाव में आधी आबादी ने बढ़-चढ़कर किया है मतदान

वहीं इस बार के चुनाव की खास बात यह रही की महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा अधिक रहा. मतलब महिलाओं ने इस चुनाव में अपना सशक्तिकरण और जागरुकता का अहसास कराया है.

भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल चुनाव के बाद काफी रिलेक्स देखे जा रहे हैं और मत का मूल्यांकन करने के लिए भी चर्चा भी कर रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल भी मतदान के बाद आराम के मूड में हैं. उनका किसी तरह का मूवमेंट नहीं दिख रहा है. सोशल मीडिया हैंडल भी शांत पड़ा हुआ है. वे इंतजार कर रहे हैं 4 जून का.

संजय मेहता और जयराम महतो के एनर्जी लेवल की भी हो रही चर्चा

इन सबसे हटकर निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार मेहता गिरिडीह चुनाव में जयराम महतो के लिए कैंपेनिंग करने के लिए गए थे. संजय मेहता ने कहा कि हमने 13 दिन और रात गाड़ी में ही गुजारी है. संजय मेहता और जय राम महतो के एनर्जी लेवल की चर्चा बड़ी जोर-शोर से की जा रही है.

ये भी पढ़ें-

हजारीबाग लोकसभा संसदीय सीटः शहरी क्षेत्र की अपेक्षा गांव के लोगों ने की जमकर वोटिंग, दूलमी गांव में सर्वाधिक पड़े मत - Lok Sabha Election 2024

हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा के मतदान नहीं करने पर चर्चा का बाजार गर्म, कांग्रेस और भाजपा में सियासी बयानबाजी तेज! - Lok Sabha Election 2024

सिस्टम के सताए-लोकतंत्र पर नाराजगी! हजारीबाग में करीब एक हजार वोटर्स मतदान से रहे दूर, जानें क्या है पूरा माजरा - Lok Sabha Election 2024

हजारीबागः लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशी रिलैक्स मूड में हैं. उधर, चुनाव खत्म होने के बाद चौक-चौराहों पर हार-जीत की गणित पर चर्चा हो रही है. बातचीत के केंद्रबिंदु में भीतरघात एक आम शब्द है. हार-जीत का मूल्यांकन करने वाले हर भी लोग इस शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हजारीबाग में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जीत-हार का कयास लगाते आम लोग. (वीडियो-ईटीवी भारत)

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने में अभी कुछ दिन और शेष रह गए हैं. लेकिन में शहर के चौक-चौराहे और गांव की चौपाल पर कयासों का दौर जारी है. कोई हजारीबाग में भाजपा और कांग्रेस के सीधा मुकाबाल बता रहा है तो कोई तीसरे विकल्प को मजबूत बता रहा है.

लोग संजय मेहता को भी मान रहे हैं बड़ा फैक्टर

लोगों का मानना है कि भाजपा और कांग्रेस का खेल कोई बिगाड़ सकता है तो वह हैं संजय मेहता. बताते चलें कि संजय मेहता निर्दलीय चुनाव लड़े थे. राज्य में हाल के कुछ महीनों में युवा छात्र नेता जयराम महतो का एक नया सियासी उभार देखा जा रहा है. स्थानीय नियोजन नीति और भाषा समेत अन्य विभिन्न मुद्दों को लेकर जयराम महतो ने उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के विभिन्न जिलों में आंदोलन चलाया. झारखंड भाषा खतियानी संघर्ष समिति नामक संगठन बनाया है. इसी संगठन के हजारीबाग के उम्मीदवार संजय मेहता हैं.

कुछ ने त्रिकोणीय मुकाबला तो कुछ ने भाजपा का पलड़ा भारी बताया

हजारीबाग के स्थानीय लोगों का कहना है कि कौन जीतेगा? इसे लेकर दावा करना मुश्किल है. लोगों ने कहा कि हजारीबाग भाजपा की पारंपरिक सीट रही है, लेकिन संजय मेहता के एंट्री के बाद त्रिकोणीय मुकाबला के आसार हैं. वहीं कई लोगों ने भाजपा का पलड़ा भारी बताया, लेकिन यह भी कहा कि जीत उतनी भी आसान नहीं है. हालांक जीत एक वोट से हो या एक लाख वोट से जीत तो जीत ही कहलाती है.

तीन जून तक चलता रहेगा कयासों का दौर

बहरहाल चर्चा का बाजार 3 जून तक इसी तरह गर्म रहेगा. लेकिन यह बात भी सच है कि इस लोकसभा चुनाव में हजारीबाग के युवा नेता ने भी जनता के दिल में अपनी जगह बनाई है. जो आने वाले समय में बदलाव का प्रतीक भी माना जा सकता है.

हजारीबाग से 17 प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में

बताते चलें कि हजारीबाग लोकसभा सीट से कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. एक निर्दलीय प्रत्याशी की सशक्त एंट्री ने चुनावी चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. इसी प्रत्याशी की एंट्री के कारण आम आदमी गली-मोहल्ले से लेकर चौक-चौराहे तक हार-जीत और मार्जिन वोट की चर्चा कर रहा है.

चुनाव में आधी आबादी ने बढ़-चढ़कर किया है मतदान

वहीं इस बार के चुनाव की खास बात यह रही की महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा अधिक रहा. मतलब महिलाओं ने इस चुनाव में अपना सशक्तिकरण और जागरुकता का अहसास कराया है.

भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल चुनाव के बाद काफी रिलेक्स देखे जा रहे हैं और मत का मूल्यांकन करने के लिए भी चर्चा भी कर रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल भी मतदान के बाद आराम के मूड में हैं. उनका किसी तरह का मूवमेंट नहीं दिख रहा है. सोशल मीडिया हैंडल भी शांत पड़ा हुआ है. वे इंतजार कर रहे हैं 4 जून का.

संजय मेहता और जयराम महतो के एनर्जी लेवल की भी हो रही चर्चा

इन सबसे हटकर निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार मेहता गिरिडीह चुनाव में जयराम महतो के लिए कैंपेनिंग करने के लिए गए थे. संजय मेहता ने कहा कि हमने 13 दिन और रात गाड़ी में ही गुजारी है. संजय मेहता और जय राम महतो के एनर्जी लेवल की चर्चा बड़ी जोर-शोर से की जा रही है.

ये भी पढ़ें-

हजारीबाग लोकसभा संसदीय सीटः शहरी क्षेत्र की अपेक्षा गांव के लोगों ने की जमकर वोटिंग, दूलमी गांव में सर्वाधिक पड़े मत - Lok Sabha Election 2024

हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा के मतदान नहीं करने पर चर्चा का बाजार गर्म, कांग्रेस और भाजपा में सियासी बयानबाजी तेज! - Lok Sabha Election 2024

सिस्टम के सताए-लोकतंत्र पर नाराजगी! हजारीबाग में करीब एक हजार वोटर्स मतदान से रहे दूर, जानें क्या है पूरा माजरा - Lok Sabha Election 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.