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लोकसभा चुनाव के नतीजों में नेता प्रतिपक्ष जूली और मंत्री संजय की बची साख, ललित अपने ही क्षेत्र में पिछड़े, खैरिया भी नहीं दिला सके लीड - Lok Sabha election results

अलवर लोकसभा क्षेत्र में इस बार चुनाव काफी हाई प्रोफाइल रहा. यहां भाजपा के प्रत्याशी भूपेन्द्र यादव स्वयं केन्द्र में मंत्री थे. साथ ही राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और ​वन मंत्री संजय शर्मा भी इस क्षेत्र की विधानसभा सीटों से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर सबकी निगाहें थी. नेता प्रतिपक्ष जूली और वन मंत्री शर्मा ने अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पार्टियों को लीड दिलाकर अपनी साख बचा ली.

Lok Sabha election results
लोकसभा चुनाव परिणाम में नेता प्रतिपक्ष जूली और मंत्री संजय की बची साख (photo etv bharat alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 6, 2024, 12:00 PM IST

अलवर. लोकसभा चुनाव 2024 के मंगलवार को घोषित परिणाम में जिले के विधायकों की साख भी दांव पर लगी थी. इसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और वन मंत्री संजय शर्मा अपने— अपने प्रत्याशियों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों से बड़ी लीड दिलाकर साख बचाने में कामयाब रहे, लेकिन कांग्रेस विधायक दीपचंद खैरिया और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी खुद ललित यादव अपने विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त नहीं दिला पाए. हालांकि राजगढ— लक्ष्मणगढ से विधायक मांगेलाल मीणा, रामगढ विधायक जुबेर खान, तिजारा से विधायक महंत बालकनाथ और बहरोड़ विधायक डॉ जसवंत यादव अपने क्षेत्रों में अपने प्रत्याशियों को लीड दिलाने में कामयाब रहे.

लोकसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता व केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के चुनाव में उतरने के बाद यह अलवर सीट को हाई प्रोफाइल हो गई थी. अलवर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का भी गृह जिला है. कांग्रेस ने अपने युवा विधायक ललित यादव को चुनाव मैदान में उतारा था. इस कारण इस हॉट सीट पर सब की निगाहें रही. दोनों के बीच मुकाबला भी दिलचस्प रहा. भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र यादव ने 48 हजार 282 वोट से जीत दर्ज की थी.

छह महीने में ही बदला अलवर का राजनीतिक परिदृश्य: अलवर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली 8 विधानसभाओं का 6 महीने में ही राजनीतिक परिदृश्य बदल गया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मुंडावर, किशनगढबास, अलवर ग्रामीण, रामगढ व राजगढ—लक्ष्मणगढ में जीत दर्ज की. वहीं, भाजपा बहरोड, तिजारा व अलवर शहर में ही सीट निकालने में कामयाब हो पाई. विधानसभा चुनाव के छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 5 और कांग्रेस 3 विधानसभा क्षेत्रों में लीड लेने में सफल हो गई. विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर ही बढ़त दिलाने में सफल हो सकी. जबकि विधानसभा चुनावों में तीन सीटों पर सिमटी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर लीड ली.

पढ़े: अलवर में भाजपा की हैट्रिक, भूपेंद्र यादव ने लहराया परचम

अलवर शहर से मिली भाजपा को सबसे बड़ी लीड: मतगणना के दौरान अलवर लोकसभा क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 पर भाजपा व 3 पर कांग्रेस को लीड मिली. भाजपा को सबसे बड़ी लीड अलवर शहर विधानसभा क्षेत्र से 52523 वोटों की मिली. वहीं कांग्रेस को राजगढ़—लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 27734 वोटों की बढ़त मिली. इसी प्रकार रामगढ़ में कांग्रेस को 2240 वोटों की, राजगढ़— लक्ष्मणगढ़ में कांग्रेस को 28009 वोटों की लीड, किशनगढ़बास में भाजपा को 10507 वोटों की लीड मिली. इसी प्रकार बहरोड में भाजपा को 21951 वोटों, तिजारा में भाजपा को 5085 वोट से, मुंडावर में भाजपा को 3842 वोटों से, अलवर ग्रामीण में कांग्रेस को 15513 वोटों की लीड मिली.

वन मंत्री की साख बढ़ी: अलवर शहर में 50 हजार से ज्यादा वोटों की भाजपा को लीड मिलने से वन मंत्री संजय शर्मा की साख बढ़ी है. वहीं अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को 15 हजार से ज्यादा लीड मिलने से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की साख बढ़ी है. इसी प्रकार राजगढ — लक्ष्मणगढ से कांग्रेस को 28 हजार से ज्यादा वोटों की लीड मिलने से विधायक मांगेलाल मीणा, बहरोड में 21 हजार से ज्यादा वोटों की भाजपा को लीड मिलने से विधायक डॉ. जसवंत यादव की साख भी बची है.

यह भी पढ़ें: अलवर लोकसभा सीट: भूपेन्द्र के बयान पर कांग्रेस प्रत्याशी ने दिया जवाब, इस बार भाजपा को जनता करारा जवाब देगी

घर में ही पीछे रहे कांग्रेस प्रत्याशी: अलवर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ललित यादव गत विधानसभा चुनाव में मुंडावर से विधायक चुने गए थे. इस बार लोकसभा चुनाव में मुंडावर से भाजपा 3842 वोटों की लीड मिली. हालांकि यह लीड ज्यादा बड़ी नहीं रही, लेकिन कांग्रेस को यहां से बड़ी लीड मिलने की उम्मीदों पर पानी फिर गया.

अलवर. लोकसभा चुनाव 2024 के मंगलवार को घोषित परिणाम में जिले के विधायकों की साख भी दांव पर लगी थी. इसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और वन मंत्री संजय शर्मा अपने— अपने प्रत्याशियों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों से बड़ी लीड दिलाकर साख बचाने में कामयाब रहे, लेकिन कांग्रेस विधायक दीपचंद खैरिया और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी खुद ललित यादव अपने विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त नहीं दिला पाए. हालांकि राजगढ— लक्ष्मणगढ से विधायक मांगेलाल मीणा, रामगढ विधायक जुबेर खान, तिजारा से विधायक महंत बालकनाथ और बहरोड़ विधायक डॉ जसवंत यादव अपने क्षेत्रों में अपने प्रत्याशियों को लीड दिलाने में कामयाब रहे.

लोकसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता व केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के चुनाव में उतरने के बाद यह अलवर सीट को हाई प्रोफाइल हो गई थी. अलवर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का भी गृह जिला है. कांग्रेस ने अपने युवा विधायक ललित यादव को चुनाव मैदान में उतारा था. इस कारण इस हॉट सीट पर सब की निगाहें रही. दोनों के बीच मुकाबला भी दिलचस्प रहा. भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र यादव ने 48 हजार 282 वोट से जीत दर्ज की थी.

छह महीने में ही बदला अलवर का राजनीतिक परिदृश्य: अलवर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली 8 विधानसभाओं का 6 महीने में ही राजनीतिक परिदृश्य बदल गया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मुंडावर, किशनगढबास, अलवर ग्रामीण, रामगढ व राजगढ—लक्ष्मणगढ में जीत दर्ज की. वहीं, भाजपा बहरोड, तिजारा व अलवर शहर में ही सीट निकालने में कामयाब हो पाई. विधानसभा चुनाव के छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 5 और कांग्रेस 3 विधानसभा क्षेत्रों में लीड लेने में सफल हो गई. विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर ही बढ़त दिलाने में सफल हो सकी. जबकि विधानसभा चुनावों में तीन सीटों पर सिमटी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर लीड ली.

पढ़े: अलवर में भाजपा की हैट्रिक, भूपेंद्र यादव ने लहराया परचम

अलवर शहर से मिली भाजपा को सबसे बड़ी लीड: मतगणना के दौरान अलवर लोकसभा क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 पर भाजपा व 3 पर कांग्रेस को लीड मिली. भाजपा को सबसे बड़ी लीड अलवर शहर विधानसभा क्षेत्र से 52523 वोटों की मिली. वहीं कांग्रेस को राजगढ़—लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 27734 वोटों की बढ़त मिली. इसी प्रकार रामगढ़ में कांग्रेस को 2240 वोटों की, राजगढ़— लक्ष्मणगढ़ में कांग्रेस को 28009 वोटों की लीड, किशनगढ़बास में भाजपा को 10507 वोटों की लीड मिली. इसी प्रकार बहरोड में भाजपा को 21951 वोटों, तिजारा में भाजपा को 5085 वोट से, मुंडावर में भाजपा को 3842 वोटों से, अलवर ग्रामीण में कांग्रेस को 15513 वोटों की लीड मिली.

वन मंत्री की साख बढ़ी: अलवर शहर में 50 हजार से ज्यादा वोटों की भाजपा को लीड मिलने से वन मंत्री संजय शर्मा की साख बढ़ी है. वहीं अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को 15 हजार से ज्यादा लीड मिलने से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की साख बढ़ी है. इसी प्रकार राजगढ — लक्ष्मणगढ से कांग्रेस को 28 हजार से ज्यादा वोटों की लीड मिलने से विधायक मांगेलाल मीणा, बहरोड में 21 हजार से ज्यादा वोटों की भाजपा को लीड मिलने से विधायक डॉ. जसवंत यादव की साख भी बची है.

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घर में ही पीछे रहे कांग्रेस प्रत्याशी: अलवर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ललित यादव गत विधानसभा चुनाव में मुंडावर से विधायक चुने गए थे. इस बार लोकसभा चुनाव में मुंडावर से भाजपा 3842 वोटों की लीड मिली. हालांकि यह लीड ज्यादा बड़ी नहीं रही, लेकिन कांग्रेस को यहां से बड़ी लीड मिलने की उम्मीदों पर पानी फिर गया.

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