दरभंगा: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी पूरे देश मे तेज हो चुकी है. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के टिकट पर समस्तीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी कहे जाने वाले अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी आज पहली बार दरभंगा जिला के कुशेश्वर स्थान पहुंची. जहां उन्होंने कुशेश्वर बाबा की पूजा अर्चना कर भोलेनाथ से विजयश्री का आशीर्वाद मांगा.
कुशेश्वर स्थान में शांभवी ने की पूजा-अर्चना: पूजा अर्चना के बाद शांभवी ने कहा की आज मैं यहां आई हूं. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. यहां आना मेरे लिए गर्व की बात है. मेरे ससुर जी बिहार न्यास बोर्ड पटना के अध्यक्ष रहे किशोर कुणाल ने कुशेश्वर स्थान मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बहुत काम किए है. मेरे लिए ये गर्व की बात है की मैं अपने राजनीतिक यात्रा की शुरुआत यहां से कर रही हूं. वहीं उन्होंने युवाओं को कहा की हम पर भरोसा करिए. हमे खूब सारा प्यार दीजिए. हम हमेशा आपके साथ है.
चर्चा में समस्तीपुर लोकसभा सीट: बिहार की 40 सीटों में से एनडीए के सहयोगी दल एलजेपीआर ने समस्तीपुर लोकसभा (सुरक्षित) क्षेत्र से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और बिहार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. जिसके बाद से समस्तीपुर लोकसभा की सीट सबसे अधिक चर्चा में है.
"कुशेश्वर बाबा की पूजा अर्चना कर भोलेनाथ से विजयश्री का आशीर्वाद मांगा है, मेरे लिए ये गर्व की बात है कि मैं अपने राजनीतिक यात्रा की शुरुआत यहां से कर रही हूं, हम पर भरोसा करिए. हमे खूब सारा प्यार दीजिए. हम हमेशा आपके साथ हैं."- शांभवी चौधरी, एलजेपीआर उम्मीदवार
न्यास समिति ने किया सम्मानित: कुशेश्वर स्थान मंदिर में शांभवी के पिता अशोक चौधरी सहित उनके कई नेता मौजूद रहे. वही पूजा अर्चना के बाद न्यास समिति के द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया. बता दें कि लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में समस्तीपुर सुरक्षित सीट पर मतदान होना है. वहीं इसी महीने के 18 अप्रैल को इसे लेकर नामांकन की तारीख तय है
किशोर कुणाल की बहू है शांभवी चौधरी: बताते चले कि दरभंगा जिला का कुशेश्वर स्थान विधानसभा समस्तीपुर लोकसभा का हिस्सा है और ये एक सुरक्षित सीट है. यहां से अभी पारस गुट के प्रिंस राज सांसद हैं, लेकिन इस बार एलजेपीआर के चिराग पासवान ने शांभवी चौधरी पर भरोसा जताते हुए शांभवी को उम्मीदवार बनाया है. इस सुरक्षित सीट पर ब्राह्मण समुदाय से आने वाले किशोर कुणाल को अपने बेटे के अंतर जातीय विवाह का फायदा मिला है.
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