कोटा. लोकतंत्र बचाओ आंदोलन समिति ने भारतीय जनता पार्टी के विरोध की घोषणा की है. कोटा में मीडिया से बातचीत करते हुए समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने संविधान और लोकतंत्र पर एक अलग तरह का खतरा खड़ा कर दिया है. इसीलिए वह भाजपा के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाएंगे और कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के खिलाफ काम करेंगे.
मंच के अध्यक्ष अजय चतुर्वेदी ने कहा कि कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र में भी समिति बीजेपी का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि हम कमर कसके तैयार हैं, हमें ऐसा लगता है कि ऐसा प्रभाव और धार्मिक उन्माद हो गया है कि अन्य सब घटनाओ को भूल चुके हैं. राम मंदिर इस तरह से हावी हो गया है कि देश की समस्याएं छिप गई हैं और नागरिकों की स्वतंत्रता खत्म हो चुकी है. उन्हें जागरूक करना हमारा उद्देश्य है. हम हर संभव प्रयत्न करेंगे, सभी को सूचित करेंगे और कार्यक्रमों में शामिल करेंगे. चतुर्वेदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र बचाओ आंदोलन राजनीतिक मंच नहीं है, कोई प्रचार का मंच नहीं है, हम लोकतंत्र को बचाने के लिए ठोस कार्यक्रम बनाकर लोगों के बीच जा रहे हैं, ताकि भाजपा को हराने का मकसद पूरा हो. हमारे कोटा के कैंडिडेट को हराना है, ताकि व्यक्ति को भी हराया जा सके, जिसमें इस देश में लोकतंत्र को संसद में खत्म करने का का काम किया है. इस मौके पर साहित्यकार महेंद्र नेह, कर्मचारी नेता ईश्वर सिंह, संयोजक यशवंत सिंह संयोजक, रूपेश चड्ढा, रिजवान खान, स्वतंत्र पत्रकार ओम कटारा सहित कई लोग मौजूद थे.
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1 लाख किसानों ने की आत्महत्या, 2 साल से आंकड़े नहीं जारी : आंदोलन समिति के दुलीचंद बोरदा का कहना है कि किसानों की आत्महत्या भारतीय जनता पार्टी के शासन कार्यकाल में लगातार बढ़ी है. उसका कारण यह है कि इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के आने के बाद जो नीतियां अपनाई है, उनसे किसान और ज्यादा बर्बाद हो गया है/ भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र में सरकार आने के पहले ही नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जब तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा, तब तक किसानों की आत्महत्या नहीं रुकेगी. जबकि 2014 से लेकर 2022 तक 1 लाख किसानों में आत्महत्या की है, लेकिन बीते 2 सालों तक कोई आंकड़े प्रकाशित नहीं किया है.