मुजफ्फरपुरः 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जंग शुरू हो चुकी है. दावों-वादों के हथियारों के साथ सियासी पहलवान चुनावी दंगल में उतर चुके हैं. किसकी जीत होगी और किसकी होगी हार, इसको लेकर चौक-चौराहों पर गर्मागम चर्चा भी तेज हो चली है. ते आज हम आपको उत्तर बिहार की बेहद ही अहम लोकसभा सीट मुजफ्फरपुर का सियासी इतिहास और समीकरण बताने जा रहे हैं, जहां इस बार पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होगी.
मुजफ्फरपुर सीट का इतिहासः: मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट हमेशा से बाहरी प्रत्याशियों के लिए अनुकूल रही है. 1957 में गुजरात से आकर अशोक रणजीत राम मेहता मुजफ्फरपुर की जनता को भा गये तो जॉर्ज फर्नांडिस को यहां की जनता ने सिर-आंखों पर चढ़ाकर 5 बार सांसद बनाकर दिल्ली भेजा. 2009 से हुए पिछले 3 चुनावों में मुजफ्फरपुर सीट से जेडीयू और बीजेपी ने जीत दर्ज की है.
NDA Vs महागठबंधनः 2024 के लोकसभा चुनाव में भी मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर NDA और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा. बीजेपी ने तो अपने कैंडिडेट का एलान भी कर दिया है और इस बार मौजूदा सांसद अजय निषाद का टिकट काटकर युवा चेहरे डॉ. राजभूषण निषाद को अपना योद्धा बनाया है.लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी भी पेच फंसा हुआ है, लिहाजा अभी कैंडिडेट का नाम सामने नहीं आया है.
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीटःः 2009 से अब तक : इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के कैप्टन जयनारायण निषाद ने एलजेपी के भगवान लाल सहनी को हराकर जीत दर्ज की. वहीं 2014 में कैप्टन जयनारायण निषाद के पुत्र और बीजेपी कैंडिडेट अजय निषाद ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह को करारी शिकस्त दी. 2019 की बात करें तो एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर अजय निषाद ने वीआईपी के राजभूषण चौधरी को हराकर एक बार फिर कमल खिलाया.
![मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-03-2024/21082698muzaffarpur-_-info-_win-_-loss.jpg)
शाही लीची है खास पहचानः उत्तरी बिहार के तिरहुत प्रमंडल का मुख्यालय मुजफ्फरपुर सूती वस्त्र उद्योग,लाह की चूड़ियों, शहद, आम और शाही लीची के उम्दा उत्पादन के लिये पूरे विश्व में जाना जाता है. खासकर यहाँ की शाही लीची का कोई जोड़ नहीं है.यहाँ तक कि भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी यहां से शाही लीची भेजी जाती है.
कई बड़े साहित्यकारों की स्थलीःमुजफ्फपुर साहित्यकार देवकी नंदन खत्री, रामबृक्ष बेनीपुरी, जानकी वल्लभ शास्त्री और क्रांतिकारी खुदीराम बोस की स्थली रही है. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, गायघाट, औराई, बोचहां, सकरा और कुढ़नी ये 6 विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें दो पर बीजेपी, दो पर आरजेडी और एक-एक सीट पर जेडीयू-कांग्रेस का कब्जा है.
मुजफ्फरपुर में जातिगत समीकरणः मुजफ्फरपुर में मतदाताओं की कुल संख्या 18 लाख 58 हजार 538 है जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 80 हजार 559 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 77 हजार 887 है.जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सवर्ण मतदाता साढ़े तीन लाख, यादव पौने दो लाख, मुस्लिम दो लाख और वैश्य सवा दो लाख हैं. इसके अलावा यहां निषाद और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों की भी संख्या अच्छी-खासी है.
![मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-03-2024/21082698_muzaffarpur-_-info-_total-voters.jpg)