लखनऊ: महिलाएं अब केवल किचन की मालकिन बनकर नहीं रह गई हैं. आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रही हैं. चाहे वह कोई कारोबार हो, या मल्टीनेशनल कंपनी में टॉप पोजिशन, या फिर राजनीति ही क्यों न हो. देश में कोई भी चुनाव हो उसमें महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं.
हर चुनाव में 30-40 फीसद सीटों पर महिला उम्मीदवार खड़ी हो रही हैं. ऐसा नहीं कि वे सिर्फ चुनाव मैदान में उतर रहीं हैं, बल्कि जीत भी दर्ज कर रही हैं. लगभग हर चुनाव में महिलाओं की जीत का प्रतिशत 15-20 आ रहा है. अब जब लोकसभा चुनाव 2024 की घंटी जल्द बजने वाली है तो महिला दिवस पर उनकी भागीदारी की बात हो रही है.
हालांकि, राजनीति में पावर और जीत में महिलाओं की जीत के प्रतिशत में पुरुषों के मुकाबले काफी गैप है. लेकिन, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने हर चुनाव में महिलाओं को उनका हक दिया है. बात लोकसभा चुनाव 2014 की करें तो यूपी ने 11 महिलाओं को संसद भेजा. इसी तरह 2019 में यूपी से 10 महिलाएं संसद पहुंचीं.
लोकसभा चुनाव 2014 में यूपी से जीतीं महिला सांसद
- अनुप्रिया पटेल- मिर्जापुर
- हेमा मालिनी- मथुरा
- डिम्पल यादव- कन्नौज
- कृष्णा राज- शाहजहांपुर
- मेनका गांधी- पीलीभीत
- प्रियंका सिंह रावत- बाराबंकी
- रेखा- धौरहरा
- साध्वी निरंजन ज्योति- फतेहपुर
- सावित्री बाई- बहराइच
- सोनिया गांधी- रायबरेली
- उमा भारती- झांसी
लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी से जीतीं महिला सांसद
- अनुप्रिया पटेल- मिर्जापुर
- हेमा मालिनी- मथुरा
- केशरी देवी पटेल-फूलपुर
- मेनका गांधी- सुलतानपुर
- रेखा वर्मा-धौरहरा
- रीता बहुगुणा जोशी-इलाहाबाद
- साध्वी निरंजन ज्योति-फतेहपुर
- संघ मित्रा मौर्य- बदायूं
- स्मृति ईरानी- अमेठी
- सोनिया गांधी- रायबरेली
खास बात ये है कि लोकसभा चुनाव 2014 में पूरे देश में लोकसभा की 543 सीट के लिए 663 महिलाएं मैदान में उतरीं थीं. लेकिन, जीत सिर्फ 66 महिलाओं को ही मिली थी. यानी सिर्फ 12.45 फीसद महिलाएं संसद तक का सफर तय कर पाई थीं. यही आंकड़ा लोकसभा चुनाव 2019 में थोड़ा बढ़ गया. 2019 में 78 महिलाएं संसद तक पहुंचीं, जो कुल का 15 फीसद रहा है. अब लोकसभा चुनाव 2024 में देखना होगा कि महिलाओं की भागीदारी कितनी रहती है.