चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा चुनाव में ताऊ देवीलाल के परिवार की दूसरी पीढ़ी और तीसरी पीढ़ी के सदस्य चुनाव मैदान में थे. देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला, पोते अभय चौटाला, परिवार की बहू नैना चौटाला और सुनैना चौटाला चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने उतरीं, परन्तु सभी को निराशा ही हाथ लगी. हालत ये थे की रणजीत चौटाला को छोड़ कर सभी की जमानत जब्त हो गयी.
परिवार का कौन सदस्य कहां से लड़ा?: देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला हिसार से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा. वहीं परिवार की दो बहुएं नैना चौटाला और सुनैना चौटाला भी हिसार से ही चुनाव लड़ीं. नैना चौटाला जेजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ी तो सुनैना चौटाला इनेलो की तरफ से चुनावी मैदान में उतरीं. कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से देवीलाल के पोते अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़े.
जीत नहीं हो सकी नसीब: हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश ने रणजीत चौटाला को 63381 वोट से पराजित कर दिया. रणजीत चौटाला को कुल 507043 वोट प्राप्त हुए. वहीं नैना चौटाला को 22032 वोट और सुनैना चौटाला को 22303 वोट मिले. नैना चौटाला और सुनैना चौटाला अपनी जमानत नहीं बचा पायीं. वहीं कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से अभय सिंह चौटाला इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़े. लेकिन उनकी भी जमानत जब्त हो गयी. अभय सिंह चौटाला को 78708 वोट मिले. कुरुक्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी नवीन जिंदल विजय हुए.
जाट वोट बैंक पर पकड़ ढीली: चौधरी देवीलाल हरियाणा के बहुत बड़े जाट नेता के तौर पर जाने जाते थे. जाट बिरादरी पर उनकी जबरदस्त पकड़ थी. लेकिन उनके जाने के बाद जाट वोट बैंक पर परिवार की पकड़ ढीली होती चली गयी. इस बार के लोकसभा चुनाव में तो हालत और खराब हो गयी. जाट वर्ग का एकमुश्त वोट कांग्रेस को मिला. हिसार हो या कुरुक्षेत्र देवीलाल परिवार के प्रत्याशियों को नाम मात्र वोट मिले.
इनेलो और जेजेपी के वजूद पर सवाल: देवीलाल के चार बेटे हैं. ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत चौटाला और जगदीश चौटाला. ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला ने इनेलो(इंडियन नेशनल लोकदल) से अलग होकर जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) बनाई. इनेलो में फूट के बाद हरियाणा की राजनीति में देवीलाल परिवार की धमक फीकी पड़ती जा रही है. लोकसभा चुनाव में जेजेपी ने सभी दस सीट पर और इनेलो ने छह सीट पर चुनाव लड़ा. जेजेपी और इनेलो के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी.