जयपुर. राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस और गांधी परिवार की खोई हुई साख वापस लौटाने की जिम्मेदारी मिली है. उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर अशोक गहलोत को सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है, जहां से गांधी परिवार के नजदीकी और कांग्रेस के पुराने सिपहसालार किशोरीलाल शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं. दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को एक आदेश जारी किया है. उसके मुताबिक राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रायबरेली का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
कड़ी चुनौती वाली सीट पर संभालेंगे मैनेजमेंट : वैसे तो अमेठी गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है. लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे. अब इस बार भाजपा ने एक बार फिर स्मृति ईरानी को अमेठी से चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने किशोरीलाल शर्मा को टिकट दिया है. इस सीट पर भाजपा की कड़ी चुनौती का सामना करने का जिम्मा कांग्रेस ने अशोक गहलोत को दिया है. वे वहां चुनावी मैनेजमेंट संभालेंगे.
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राहुल को चुनाव जिताने में रही थी अहम भूमिका : अशोक गहलोत उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं. उनके प्रभारी रहते राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़े थे और जीत दर्ज की थी. अशोक गहलोत कई प्रदेशों के प्रभारी रह चुके हैं और उन्हें चुनावी मैनेजमेंट में माहिर माना जाता है. उनके प्रभारी रहते कांग्रेस ने गुजरात के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी. इस लोकसभा चुनाव में गहलोत राजस्थान की 22 सीटों के साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं.