रोहतक/जींद: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र और प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की जनता रिकॉर्ड महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बढ़ते अपराध से परेशान और भाजपा की कार्यशैली से असंतुष्ट और नाराज हैं. सरकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान को बदलकर तानाशाही का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.
दीपेंद्र की बीजेपी पर निशाना: दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में रोहतक विकास के मामले में देश और प्रदेश में अव्वल स्थान पर था, लेकिन मौजूदा भाजपा सांसद की प्राथमिकता में रोहतक कभी नहीं रहा. भाजपा ने जेजेपी के लिए रोहतक छोड़ दिया था. जेजेपी ने रोहतक का नाम सुनकर गठबंधन ही छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि अब कुछ ही समय की बात है, कांग्रेस की सरकार बनने पर जनता को परेशान करने वाले पोर्टल खत्म करेंगे. डॉक्यूमेंट का बहाना बनाकर जिन बुजुर्गों की पेंशन काटी गई है. उसे दोबारा शुरू करेंगे. साथ ही देश में सबसे ज्यादा 6 हजार रुपये महीना बुजुर्ग पेंशन भी देंगे.
रामचंद्र जांगड़ा ने कांग्रेस पर उठाए सवाल: रोहतक में बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कांग्रेस पर निशाना साधा. रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण चाहती है. जो बेहद ही खतरनाक है. संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में ये तय किया गया था कि भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा. आरक्षण होगा तो दलित, आदिवासियों भाइयों के नाम पर होगा, लेकिन वोट बैंक के चलते कांग्रेस ने इन महापुरुषों की परवाह नहीं की. अंबेडकर के शब्दों की परवाह नहीं की. कांग्रेस ने बहुत पहले आंध्र प्रदेश में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने इरादों को खुलकर जता दिया है.
'तुष्टिकरण की राजनीति कर रही कांग्रेस': बीजेपी सांसद ने कहा कि एक के बाद एक हार से बौखलाई कांग्रेस अब तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए आगे बढ़ने का खतरनाक खेल खेलना चाहती है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार बनी, तो उसका असर देशवासियों की मेहनत की कमाई पर पड़ेगा. ऐसा वो पहले भी कर चुकी है. जांगड़ा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषणों में भी कह दिया कि उनकी सरकार बनती है, तो जांच कराई जाएगी कि किसके पास कितनी संपत्ति है. देशवासियों की मेहनत की कमाई को कांग्रेस उन लोगों में बांट देना चाहती है. जिसकी वो तुष्टिकरण के तहत राजनीति कर रही है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में साफ कर दिया है कि देश में बहुसंख्यक लोगों की कोई जगह नहीं है. कांग्रेस एससी एसएसटी आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को खत्म करना चाहती है.
'कांग्रेस की नजर जनता की संपत्ति पर': जींद में हरियाणा लोकसभा चुनाव प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने आज कांग्रेस पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस विकास और जन कल्याण के एजेंडा को बदलकर अपने पुराने तुष्टीकरण के खेल पर आ रही है। कांग्रेस और उसके घमंडिया इंडी गठबंधन के लोग जिस प्रकार की भाषा बोल रहे हैं, उससे साफ है कि इन लोगों की नजर जनता के खजाने और उसकी संपत्ति पर है.
सुभाष बराला ने कहा कि नेहरू गांधी परिवार साम्राज्यवादी परंपरा को स्थापित करना चाहता है. उसे आम जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है. उन्होंने कहा कि किसान और गरीब को किस प्रकार से मुख्यधारा में लाया जाए इस बात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन-रात काम करते हैं, लेकिन कांग्रेस इस बात को लेकर चुनाव घोषणा पत्र में कोई जिक्र करने के बजाय वह कहती है कि देश में बहुसंख्यक वाद की कोई जगह नहीं है और इस देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों और विशेष कर मुसलमानों का पहला हक है.
राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि ये कोई पहला मौका नहीं है. जब कांग्रेस इस प्रकार की भाषा बोल रही है, बल्कि कांग्रेस लंबे समय से इस पर काम कर रही है. राज्यसभा सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार ने ऐसी कोई नीति नहीं बनाई. जिससे एक जाति का विकास हो. गरीबों को अनाज देने की योजना बनाई. उसमें किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया. हर-घर को नल से जल देने की योजना बनाई. उसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया. देश में सड़कों का जाल बिछाया गया. वो भी सभी के लिए उपयोगी है, जबकि कांग्रेस जातीय व सांप्रदायिक वर्गीकरण करके सामूहिक व्यवस्था को तोड़ने का काम कर रही है.
'कांग्रेस के घोषणापत्र पर निशाना': बीजेपी सांसद ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में जो कहा गया है, वो बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान के खिलाफ है. संविधान में धर्म आधारित आरक्षण के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन कांग्रेस अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के 50 प्रतिशत आरक्षण को बदलकर मुसलमानों को 15 प्रतिशत आरक्षण देने की वकालत कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा एक देश एक कानून एक व्यवस्था पर चल रही है, लेकिन कांग्रेस बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी बताकर खुद सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा अभी तक केवल अपने 10 साल के कार्यों के आधार पर वोट मांग रही है. हम कहीं भी नहीं चाहते थे कि चुनाव में कहीं से कोई धर्म की बात आए, लेकिन कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में मुस्लिम समाज को 15 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर देश के अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों के खिलाफ चलने का फैसला किया. भाजपा को संविधान के प्रति बड़ा खतरा महसूस हुआ, क्योंकि इससे धर्मांतरण की होड़ लगेगी.