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सरकारी कंपाउंडर से करियर की शुरुआत, अब शेखावत को टक्कर देंगे करण सिंह - Congress Candidates List

Lok Sabha Election 2024, कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. जिसके बाद जोधपुर के रण में मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. यहां सचिन पायलट समर्थक उचियारड़ा केंद्रीय मंत्री शेखावत को टक्कर देते नजर आएंगे.

Congress Lok Sabha Candidates
गहलोत के साथ उचियारड़ा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 12, 2024, 9:18 PM IST

जोधपुर. कांग्रेस ने आखिरकार जोधपुर लोकसभा सीट से चेहरा बदल दिया है. इस बार प्रदेश कांग्रेस के महासचिव करण सिंह उचियारड़ा को प्रत्याशी बनाया है. जबकि पिछली बार यहां से चुनाव लड़ने वाले पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही से प्रत्याशी घोषित किया गया है. करण सिंह 20 सालों से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं, लेकिन जब सचिन पायलट कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो उनका कद बढा.

उन्हें प्रदेश सचिव बनाया गया, लेकिन पायलट उनको 2018 व 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिला सके. इस बार लोकसभा का टिकट दिलाने में पायटल कामयाब हो गए. 55 साल के उचियारड़ा नाडोल स्थित राज राजेश्वरी आशापूर्णा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. इससे पहले वे जोधपुर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा अन्य सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं. मंगलवार को उनके नाम की घोषणा के बाद समर्थकों ने खुशियां मनाई और मिठाइयां बांटी.

Lok Sabha Election 2024
सचिन पायलट के साथ उचियारड़ा

पढ़ें : Lok Sabha Elections : कांग्रेस ने राजस्थान के 10 सीटों पर नामों का किया ऐलान, जोधपुर से करण सिंह तो जालोर से वैभव को मिला टिकट

कंपाउंडर से की करियर की शुरुआत : करण सिंह उचियारड़ा मूलत: जोधपुर के नजदीक उचियारड़ा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने करियर की शुरुआत जालोर में सरकारी नौकरी के तौर पर नर्स यानी कंपाउंडर के रूप में की थी. कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्होंने जालोर में ही आशापूर्णा के नाम से अपनी रियल स्टेट की कंपनी खोल ली, जिसके जालोर में प्रोजेक्ट सफल होने के बाद सरकारी नौकरी छोड़ कर फुल टाइम रियल स्टेट के बिजनेस से जुड़ गए. कुछ समय बाद जोधपुर में अपने प्रोजेक्ट शुरू किए. इसके बाद उन्होंने राजनीति की ओर रूख किया और कांग्रेस से जुड़ गए. पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लिया. 2007 में पूर्व सीएम अशोक गहलोत की अगुवाई में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में अधिकारिक रूप से जुड़ गए.

कांग्रेस में पायलट से नाता जोड़ा : जोधपुर में स्थानीय स्तर पर संगठन से जुड़े. पार्टी के लिए काम किया, जिला स्तर पर छोटी-बड़ी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन जब सचिन पायलट का राजस्थान कांग्रेस में उदय हुआ तो करण सिंह पायलट कैंप से जुड़ गए. 2013 के बाद पायलट जब प्रदेशाध्यक्ष बने तो उन्होंने अपनी कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बनाया. 2018 के चुनाव में करण सिंह ने विधानसभा की दावेदारी की तो पायलट से नजदीकियों के चलते गहलोत ने आड़ी लगा दी. इसके बाद पायलट खेमे की बगावत के चलते पायलट प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए गए. डोटासरा की कार्यकारिणी में उनको फिर हाशिए पर धकेल दिया. 2019 के विधानसभा चुनाव में सुमेरपुर से फिर दावेदारी की, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला, लेकिन उनको प्रदेश कांग्रेस में महासचिव बना दिया गया.

जोधपुर. कांग्रेस ने आखिरकार जोधपुर लोकसभा सीट से चेहरा बदल दिया है. इस बार प्रदेश कांग्रेस के महासचिव करण सिंह उचियारड़ा को प्रत्याशी बनाया है. जबकि पिछली बार यहां से चुनाव लड़ने वाले पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही से प्रत्याशी घोषित किया गया है. करण सिंह 20 सालों से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं, लेकिन जब सचिन पायलट कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो उनका कद बढा.

उन्हें प्रदेश सचिव बनाया गया, लेकिन पायलट उनको 2018 व 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिला सके. इस बार लोकसभा का टिकट दिलाने में पायटल कामयाब हो गए. 55 साल के उचियारड़ा नाडोल स्थित राज राजेश्वरी आशापूर्णा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. इससे पहले वे जोधपुर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा अन्य सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं. मंगलवार को उनके नाम की घोषणा के बाद समर्थकों ने खुशियां मनाई और मिठाइयां बांटी.

Lok Sabha Election 2024
सचिन पायलट के साथ उचियारड़ा

पढ़ें : Lok Sabha Elections : कांग्रेस ने राजस्थान के 10 सीटों पर नामों का किया ऐलान, जोधपुर से करण सिंह तो जालोर से वैभव को मिला टिकट

कंपाउंडर से की करियर की शुरुआत : करण सिंह उचियारड़ा मूलत: जोधपुर के नजदीक उचियारड़ा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने करियर की शुरुआत जालोर में सरकारी नौकरी के तौर पर नर्स यानी कंपाउंडर के रूप में की थी. कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्होंने जालोर में ही आशापूर्णा के नाम से अपनी रियल स्टेट की कंपनी खोल ली, जिसके जालोर में प्रोजेक्ट सफल होने के बाद सरकारी नौकरी छोड़ कर फुल टाइम रियल स्टेट के बिजनेस से जुड़ गए. कुछ समय बाद जोधपुर में अपने प्रोजेक्ट शुरू किए. इसके बाद उन्होंने राजनीति की ओर रूख किया और कांग्रेस से जुड़ गए. पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लिया. 2007 में पूर्व सीएम अशोक गहलोत की अगुवाई में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में अधिकारिक रूप से जुड़ गए.

कांग्रेस में पायलट से नाता जोड़ा : जोधपुर में स्थानीय स्तर पर संगठन से जुड़े. पार्टी के लिए काम किया, जिला स्तर पर छोटी-बड़ी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन जब सचिन पायलट का राजस्थान कांग्रेस में उदय हुआ तो करण सिंह पायलट कैंप से जुड़ गए. 2013 के बाद पायलट जब प्रदेशाध्यक्ष बने तो उन्होंने अपनी कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बनाया. 2018 के चुनाव में करण सिंह ने विधानसभा की दावेदारी की तो पायलट से नजदीकियों के चलते गहलोत ने आड़ी लगा दी. इसके बाद पायलट खेमे की बगावत के चलते पायलट प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए गए. डोटासरा की कार्यकारिणी में उनको फिर हाशिए पर धकेल दिया. 2019 के विधानसभा चुनाव में सुमेरपुर से फिर दावेदारी की, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला, लेकिन उनको प्रदेश कांग्रेस में महासचिव बना दिया गया.

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