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Lok sabha election 2024 : सी-विजिल एप के माध्यम से आचार संहिता उल्लंघन की करें शिकायत, फटाफट होगा निस्तारण - Lok Sabha election 2024

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 9:55 AM IST

लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर चुनाव आयोग लगातार (Lok Sabha election 2024) सक्रिय है. इसी क्रम में सी विजिल एप लांच किया गया है. इसके जरिए कोई भी वोटर हो या कोई प्रत्याशी सीधे चुनाव आयोग को शिकायत कर सकता है.

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जानकारी देते अपर जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सिंह

उन्नाव : पूरे देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग चुकी है. चुनाव आयोग ने इस बार मतदाताओं और उम्मीदवारों को लेकर खासा इंतजाम किए हैं. आयोग ने मतदान केंद्र कहां है?, मतदाता सूची में आपका नाम है की नहीं है व आपके यहां कौन प्रत्याशी है? आदि व्यवस्थाओं को लेकर डिजिटल रास्ते पर चलकर मतदाताओं को व प्रत्याशियों को एक अलग तरह की व्यवस्था प्रदान की है. बता दें आगामी होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ज्यादा से ज्यादा मतदान हो इसको लेकर सजग हो गया है. चुनाव आयोग ने जन भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए कई ऐप बनाए हैं. इन ऐप की सहायता से कोई भी वोटर हो या कोई प्रत्याशी सीधे चुनाव आयोग को शिकायत कर सकता है. मतदाता अपने बारे में जानकारी जुटा सकता है किसी भी प्रत्याशी की. कार्यक्रम की मंजूरी को लेकर भी इन ऐप की सहायता से कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल ऐप के जरिए जानकारी जुटा सकता है.


C-VIGIL ऐप शिकायत के लिए रहता है तैयार : चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन पर नजर बनाए रखने के लिए C-VIGIL ऐप का प्रयोग करना सुनिश्चित किया है. क्योंकि चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन पर नजर बनाए रखना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती होती है. इस ऐप के माध्यम से लोग चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और गैर कानूनी गतिविधियों के बारे में आयोग को सीधे शिकायत भेज सकते हैं. इस पर उल्लंघन संबंधित वीडियो व फोटो भी अपलोड किया जा सकता है. खास बात यह है कि इसमें आपको लोकेशन भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि आयोग का यह ऐप खुद ही उस जगह की पहचान कर लेगा. इससे कोई भी आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत बिना कहीं जाए की जा सकती है. साथ ही इस पर की गई शिकायत का निस्तारण 100 मिनट के अंदर सुनिश्चित किया गया है.


वोटर हेल्पलाइन ऐप : इस मोबाइल ऐप का उपयोग कर कोई भी प्रत्याशी या मतदाता चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई मतदाता सूची में खुद का नाम या दूसरे का नाम एवं पोलिंग स्टेशन तक की जानकारी प्राप्त कर सकता है. अगर आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है या किसी कारणवश कट गया है तो इस ऐप की सहायता से मतदाता सूची में फॉर्म 6 के जरिए नाम जोड़ने के लिए आवेदन भी किया जा सकता है.

केवाईसी (नो योर कैंडिडेट) : इस ऐप की सहायता से आप जिस संसदीय क्षेत्र से भी चाहें वहां के उम्मीदवार की जानकारी ले सकते हैं. अभी तक किस क्षेत्र में कौन सा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है इसको पता करने के लिए आपको ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने केवाईसी ऐप तैयार किया है. इसमें चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों के नाम उनका संसदीय क्षेत्र, उनके ऊपर दर्ज अपराधिक मामले, उनकी आय व संपत्ति की जानकारी इस ऐप के माध्यम से कोई भी उम्मीदवार, वोटर या कोई भी देश का नागरिक घर बैठे मिनटों में ले सकता है.

वोटर टर्नआउट : चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के साथ वोटों की गिनती व चुनाव के नतीजे की जानकारी के लिए इस ऐप को डेवलप कराया है. इससे देश की हर लोकसभा सीट की नीतियों की जानकारी आप अपने घर बैठे ले सकते हैं. पहले आपको नतीजे की जानकारी के लिए टेलीविजन या किसी अन्य माध्यम का सहारा लेना पड़ता था. लेकिन, इस बार चुनाव आयोग ने इसको भी बहुत आसान बना दिया है.



सुविधा कैंडिडेट : इस ऐप के माध्यम से राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अब किसी चुनावी कार्यक्रम की मंजूरी के लिए चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों व उनके ऑफिस के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस ऐप के माध्यम से राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों को घर बैठे ही ऐप के जरिए आवेदन करना होगा, जिस पर चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी ऐप पर ही उनकी मंजूरी को स्वीकृत या रिजेक्ट कर देंगे. इसके पहले यदि किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को किसी चुनावी कार्यक्रम की मंजूरी लेनी पड़ती थी तो अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने इसको भी बहुत ही आसान बना दिया है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अपर जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि आज का युग डिजिटल का युग है. इस युग में सभी के हाथ में मोबाइल है, इसलिए चुनाव आयोग की इस डिजिटल ऐप मुहीम को उपयोग कर सभी लोग चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, जिससे प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिल सके. वहीं, अपर जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईटीवी भारत के माध्यम से देश के युवाओं से अपील की है कि वह इन एप्स का इस्तेमाल कर चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें एवं जिनके नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं इन ऐप का उपयोग कर नाम जुड़वाने में उनकी मदद करें, जिससे देश का लोकतंत्र और मजबूत हो व निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने में प्रशासन को मदद मिल सके.

यह भी पढ़ें : निर्वाचन आयोग ने विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या सहित चुनावी बॉण्ड विवरण सार्वजनिक किया - Electoral Bonds Election Commission

यह भी पढ़ें : निर्वाचन आयोग ने दिलीप घोष, सुप्रिया श्रीनेत को कारण बताओ नोटिस जारी किया - EC Issues Show Cause Notices

जानकारी देते अपर जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सिंह

उन्नाव : पूरे देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग चुकी है. चुनाव आयोग ने इस बार मतदाताओं और उम्मीदवारों को लेकर खासा इंतजाम किए हैं. आयोग ने मतदान केंद्र कहां है?, मतदाता सूची में आपका नाम है की नहीं है व आपके यहां कौन प्रत्याशी है? आदि व्यवस्थाओं को लेकर डिजिटल रास्ते पर चलकर मतदाताओं को व प्रत्याशियों को एक अलग तरह की व्यवस्था प्रदान की है. बता दें आगामी होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ज्यादा से ज्यादा मतदान हो इसको लेकर सजग हो गया है. चुनाव आयोग ने जन भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए कई ऐप बनाए हैं. इन ऐप की सहायता से कोई भी वोटर हो या कोई प्रत्याशी सीधे चुनाव आयोग को शिकायत कर सकता है. मतदाता अपने बारे में जानकारी जुटा सकता है किसी भी प्रत्याशी की. कार्यक्रम की मंजूरी को लेकर भी इन ऐप की सहायता से कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल ऐप के जरिए जानकारी जुटा सकता है.


C-VIGIL ऐप शिकायत के लिए रहता है तैयार : चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन पर नजर बनाए रखने के लिए C-VIGIL ऐप का प्रयोग करना सुनिश्चित किया है. क्योंकि चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन पर नजर बनाए रखना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती होती है. इस ऐप के माध्यम से लोग चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और गैर कानूनी गतिविधियों के बारे में आयोग को सीधे शिकायत भेज सकते हैं. इस पर उल्लंघन संबंधित वीडियो व फोटो भी अपलोड किया जा सकता है. खास बात यह है कि इसमें आपको लोकेशन भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि आयोग का यह ऐप खुद ही उस जगह की पहचान कर लेगा. इससे कोई भी आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत बिना कहीं जाए की जा सकती है. साथ ही इस पर की गई शिकायत का निस्तारण 100 मिनट के अंदर सुनिश्चित किया गया है.


वोटर हेल्पलाइन ऐप : इस मोबाइल ऐप का उपयोग कर कोई भी प्रत्याशी या मतदाता चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई मतदाता सूची में खुद का नाम या दूसरे का नाम एवं पोलिंग स्टेशन तक की जानकारी प्राप्त कर सकता है. अगर आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है या किसी कारणवश कट गया है तो इस ऐप की सहायता से मतदाता सूची में फॉर्म 6 के जरिए नाम जोड़ने के लिए आवेदन भी किया जा सकता है.

केवाईसी (नो योर कैंडिडेट) : इस ऐप की सहायता से आप जिस संसदीय क्षेत्र से भी चाहें वहां के उम्मीदवार की जानकारी ले सकते हैं. अभी तक किस क्षेत्र में कौन सा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है इसको पता करने के लिए आपको ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने केवाईसी ऐप तैयार किया है. इसमें चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों के नाम उनका संसदीय क्षेत्र, उनके ऊपर दर्ज अपराधिक मामले, उनकी आय व संपत्ति की जानकारी इस ऐप के माध्यम से कोई भी उम्मीदवार, वोटर या कोई भी देश का नागरिक घर बैठे मिनटों में ले सकता है.

वोटर टर्नआउट : चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के साथ वोटों की गिनती व चुनाव के नतीजे की जानकारी के लिए इस ऐप को डेवलप कराया है. इससे देश की हर लोकसभा सीट की नीतियों की जानकारी आप अपने घर बैठे ले सकते हैं. पहले आपको नतीजे की जानकारी के लिए टेलीविजन या किसी अन्य माध्यम का सहारा लेना पड़ता था. लेकिन, इस बार चुनाव आयोग ने इसको भी बहुत आसान बना दिया है.



सुविधा कैंडिडेट : इस ऐप के माध्यम से राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अब किसी चुनावी कार्यक्रम की मंजूरी के लिए चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों व उनके ऑफिस के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस ऐप के माध्यम से राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों को घर बैठे ही ऐप के जरिए आवेदन करना होगा, जिस पर चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी ऐप पर ही उनकी मंजूरी को स्वीकृत या रिजेक्ट कर देंगे. इसके पहले यदि किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को किसी चुनावी कार्यक्रम की मंजूरी लेनी पड़ती थी तो अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने इसको भी बहुत ही आसान बना दिया है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अपर जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि आज का युग डिजिटल का युग है. इस युग में सभी के हाथ में मोबाइल है, इसलिए चुनाव आयोग की इस डिजिटल ऐप मुहीम को उपयोग कर सभी लोग चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, जिससे प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिल सके. वहीं, अपर जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईटीवी भारत के माध्यम से देश के युवाओं से अपील की है कि वह इन एप्स का इस्तेमाल कर चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें एवं जिनके नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं इन ऐप का उपयोग कर नाम जुड़वाने में उनकी मदद करें, जिससे देश का लोकतंत्र और मजबूत हो व निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने में प्रशासन को मदद मिल सके.

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