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छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों के लिए BJP ने जारी की लिस्ट, जानिए कौन कहां से लड़ेगा चुनाव

Lok Sabha election 2024 भारतीय जनता पार्टी ने आज लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट जारी कर दी. पहली लिस्ट में बीजेपी ने अपने 195 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया. पार्टी आलाकमान ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर भी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंकाया है. candidates Detailed analysis

Lok Sabha election 2024
BJP ने जारी की लिस्ट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 2, 2024, 7:31 PM IST

Updated : Mar 3, 2024, 11:04 AM IST

BJP ने जारी की लिस्ट

रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह हमेशा अपने फैसलों से सियासी पंडितों को चौंकाते रहे हैं. शनिवार को पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी. पार्टी की पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों का नाम शामिल हैं. 195 उम्मीदवारों में छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर भी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान पार्टी ने ताल ठोककर कर दिया है. जिन 11 सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदावार घोषित किए हैं उनमें कई ऐसे नाम शामिल हैं जिनको खुद टिकट मिलने की उम्मीद नहीं थी. मोदी और शाह की जोड़ी ने एक बार फिर अपने उम्मीदवारों के नामों का पहले ऐलान कर सियासी माइलेज हासिल कर लिया है.

दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल को टिकट: दुर्ग लोकसभा सीट से पार्टी आलाकमान ने विजय बघेल को टिकट दिया है. विजय बघेल विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन से चुनाव लड़े थे जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा था. वर्तमान में विजय बघेल दुर्ग से सांसद हैं. विजय बघेल पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भतीजे हैं. दुर्ग लोकसभा सीट हमेशा से हाई प्रोफाइल सीट रही है. दुर्ग सीट को हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में हमेशा कांटे की टक्कर हुई है.

राजनांदगांव लोकसभा सीट से संतोष पांडेय को टिकट: राजनांदगांव लोकसभा सीट से बीजेपी ने संतोष पांडेय को मौका दिया है. पार्टी ने सांसद संतोष पांडेय के कामों को देखते हुए उनको रिपीट किया है. सांसद संतोष पांडेय के बारे में कहा जाता है कि उनकी पार्टी पर पकड़ जबरदस्त है. संगठन को एकजुट करने और संगठन को रिचार्ज करने की उनमें गजब की क्षमता है. पार्टी के कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जिनको संतोष पांडेय नाम से जानते हैं. राजनीति में कम ही ऐसे नेता या सांसद होते हैं जो कार्यकर्ताओं को उनके नाम से पुकारते हों.

रायपुर लोकसभा सीट से बृजमोहन अग्रवाल को टिकट: रायपुर लोकसभा सीट से पार्टी ने बृजमोहन अग्रवाल टिकट दिया है. वर्तमान समय में बृजमोहन छत्तीसगढ़ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल संसदीय कार्य मंत्री के रुप में पार्टी का काम कर रहे हैं. बृजमोहन को टिकट देकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया है. खुद बृजमोहन अग्रवाल को भी उम्मीद नहीं थी कि उनको लोकसभा का टिकट मिलेगा. बृजमोहन अग्रवाल का सियासी करियर काफी लंबा रहा है. 1990 से वो रायपुर दक्षिण सीट से जीतते आ रहे हैं. साल 2003 और 2005 के बीच वो छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं.

महासमुंद लोकसभा सीट से रुप कुमारी चौधरी को टिकट: महासमुंद लोकसभा सीट से पार्टी ने रुप कुमारी चौधरी को टिकट दिया है. रुप कुमारी चौधरी 2013 से 2018 तक बसना विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं. रुप कुमारी चौधरी 20215 से लेकर 2018 तक संसदीय सचिव की भी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं. रुप कुमारी के बारे में कहा जाता है कि वो जब विधानसभा की सदस्य रहीं तब उनकी उपस्थिति 100 फीसदी रही. विधानसभा के पटल पर उन्होने 2013 से 2018 के बीच अपने क्षेत्र की 80 से ज्यादा समस्याओं को उठाया.

कांकेर लोकसभा सीट से भोजराज नाग को टिकट: पार्टी आलाकमान ने भोजराज नाग को कांकेर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. भोजराज नाग लंबे वक्त से बस्तर में बीजेपी का झंडा बुलंद करने वालों में शामिल रहे हैं. नक्सलियों ने कई बार उनको जान से मारने की धमकी दी. नक्सलियों की धमकी को नजरअंदाज कर भोजराज नाग लगातार पार्टी और संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे. फिलहाल भोजराज नाग अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक पद का काम देख रहे हैं. नक्सली कई बार भोजराज नाग को आरएसएस का एजेंट भी बता चुके हैं. बस्तर में चल रहे धर्म परिवर्तन को लेकर भी भोजराज नाग ने अपनी आवाज कई मंचों पर बुलंद की है.

कोरबा लोकसभा सीट से सरोज पांडेय को टिकट: कोरबा लोकसभा सीट बीजेपी के लिए इस बार प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. कोरबा लोकसभा सीट पर पिछली बार चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत ने जीती थी. बीजेपी आलाकमान ने इस बार सरोज पांडेय को टिकट देकर मुकाबले को जोरदार बना दिया है. सरोज पांडेय की गिनती तेज तर्रार महिला नेता के तौर पर होती है. विधानसभा चुनाव के दौरान सरोज पांडेय का नाम सीएम पद के लिए चर्चा में था. सरोज पांडेय केंद्रीय नेतृत्व के साथ लंबे वक्त तक काम कर चुकी हैं. लोकसभा में उनका अनुभव भी काफी है. पार्टी चाहती है कि अगर कांग्रेस ज्योत्सना महंत को रिपीट करे तो उनकी टक्कर सरोज पांडेय से हो.

सरगुजा लोकसभा सीट से चिंतामणि महाराज को टिकट: सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी ने चिंतामणि महाराज को टिकट देकर राज्य के नेतृ्त्व को भी चौंका दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले ही चिंतामणि महाराज कांग्रेस से नाराज होकर बीजेपी में शामिल हुए थे. चिंतामणि महाराज इसी शर्त पर बीजेपी के पाले में आए थे कि उनको टिकट दिया जाएगा. पार्टी ने अपना वादा पूरा किया और उनको सरगुजा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा. कांग्रेस में पार्टी में रहने से पहले चिंतामणि महाराज बीजेपी में हुआ करते थे. चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक बीजेपी सरकार में छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष रहे. साल 2011 में महाराज ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने चिंतामणि महाराज से वादा किया था कि वो पार्टी में आएंगे तो उनको लोकसभा का टिकट दिया जाएगा. सरगुजा लोकसभा सीट में गोंड जनजाति के वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है. कंवर जनजाति के वोटरों की भी यहां अच्छी खासी संख्या है. माना जाता है कि चिंतामणि महाराज की पकड़ इन दोनों जनजातियों पर है. महाराज की संत गहिरा गुरु आश्रम से बड़ी संख्या में सरगुजा के लोग जुड़े हैं. महाराज को टिकट देकर पार्टी ने इस सीट को पूरी तरह से बीजेपी के लिए सेफ कर दिया है.

जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से कमलेश जांगड़े को टिकट: जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से पार्टी ने कमलेश जांगड़े को मौका दिया है. कमलेश जांगड़े को तेज तर्रार महिला नेता माना जाता है. कमलेश जांगड़े जांजगीर चांपा सहित सक्ती जिले में संगठन की सबसे प्रभावी नेताओं में गिनी जाती हैं. पार्टी में वो महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष पद पर हैं. भूपेश बघेल सरकार में उन्होने कांग्रेस सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर उनकी नाक में दम कर दिया था.

रायगढ़ लोकसभा सीट से राधेश्याम राठिया को टिकट: भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता रहे राधेश्याम राठिया को पार्टी ने एसटी आरक्षित सीट रायगढ़ से लोकसभा का टिकट दिया है. राठिया बीजेपी किसान मोर्चा का लंबे वक्त तक काम देखते रहे हैं. किसानों को एकजुटे करने में राधेश्याम राठिया को महारत हासिल है. राठिया दो बार जिला और जनपद सदस्य भी रह चुके हैं. राठिया ने पार्टी में एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत की थी. महज 24 सालों के भीतर पार्टी ने उनको प्रतिभा को देखते हुए उनको इतना बड़ा मौका दिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था. पार्टी ने राधेश्याम राठिया नाराज भी थे लेकिन उन्होने पार्टी के लिए विधानसभा में जीन जान से मेहनत की. पार्टी ने विधानसभा की कसर लोकसभा का टिकट देकर पूरी दी.

बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू को टिकट: बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू को बीजेपी ने टिकट दिया है. तोखन साहू बिलासपुर के लोरमी सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं. लोरसी सीट से विधायक होने अलावा वो संसदीय सचिव के पद की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. तोखन साहू फिलहाल भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हैं. तोखन साहू के बारे में कहा जाता है कि ये वोटरों की नब्ज पहचानते हैं. किसानों के बीच तोखन साहू की अच्छी पकड़ है. बिलासपुर लोकसभा सीट पर साहू समाज की संख्या काफी है. पार्टी ने साहू समाज के वोटरों को अपनी ओर करने के लिए तोखन साहू को मौका दिया है.

बस्तर लोकसभा सीट से महेश कश्यप को टिकट: बस्तर लोकसभा सीट जो कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. पार्टी ने बस्तर सीट से महेश कश्यप को टिकट दिया है. महेश कश्यप लंबे वक्त से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े रहे हैं. बस्तर में आरएसएस के लिए वो काम भी करते रहे हैं. वनवासियों और आदिवासियों की बीच उनकी अच्छी पकड़ है. धर्मांतरण के खिलाफ महेश लंबे वक्त से बस्तर में आंदोलन चला रहे हैं. बस्तर में सांस्कृतिक सुरक्षा मंच के तहत वो धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन तो चलाया ही साथ ही पदयात्रा भी निकाली. संघ की अनुषांगिक ईकाइयों में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. महेश कश्यप वर्तमान में बस्तर में बीजेपी अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं.

पार्टी ने चार सांसदों का टिकट काटा: मोदी और शाह की चाणक्य जोड़ी ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया. पार्टी ने चार सासंदों का टिकट भी काट दिया. जिन सिटिंग सांसदों का टिकट काटा गया उसमें रायपुर से सुनील सोनी का नाम शामिल है. महासमुंद सीट से सिटिंग सासंद चुन्नीलाल साहू का टिकट काट दिया गया है. जांजगीर चांपा से गुहाराम अजगले को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया.

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BJP ने जारी की लिस्ट

रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह हमेशा अपने फैसलों से सियासी पंडितों को चौंकाते रहे हैं. शनिवार को पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी. पार्टी की पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों का नाम शामिल हैं. 195 उम्मीदवारों में छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर भी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान पार्टी ने ताल ठोककर कर दिया है. जिन 11 सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदावार घोषित किए हैं उनमें कई ऐसे नाम शामिल हैं जिनको खुद टिकट मिलने की उम्मीद नहीं थी. मोदी और शाह की जोड़ी ने एक बार फिर अपने उम्मीदवारों के नामों का पहले ऐलान कर सियासी माइलेज हासिल कर लिया है.

दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल को टिकट: दुर्ग लोकसभा सीट से पार्टी आलाकमान ने विजय बघेल को टिकट दिया है. विजय बघेल विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन से चुनाव लड़े थे जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा था. वर्तमान में विजय बघेल दुर्ग से सांसद हैं. विजय बघेल पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भतीजे हैं. दुर्ग लोकसभा सीट हमेशा से हाई प्रोफाइल सीट रही है. दुर्ग सीट को हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में हमेशा कांटे की टक्कर हुई है.

राजनांदगांव लोकसभा सीट से संतोष पांडेय को टिकट: राजनांदगांव लोकसभा सीट से बीजेपी ने संतोष पांडेय को मौका दिया है. पार्टी ने सांसद संतोष पांडेय के कामों को देखते हुए उनको रिपीट किया है. सांसद संतोष पांडेय के बारे में कहा जाता है कि उनकी पार्टी पर पकड़ जबरदस्त है. संगठन को एकजुट करने और संगठन को रिचार्ज करने की उनमें गजब की क्षमता है. पार्टी के कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जिनको संतोष पांडेय नाम से जानते हैं. राजनीति में कम ही ऐसे नेता या सांसद होते हैं जो कार्यकर्ताओं को उनके नाम से पुकारते हों.

रायपुर लोकसभा सीट से बृजमोहन अग्रवाल को टिकट: रायपुर लोकसभा सीट से पार्टी ने बृजमोहन अग्रवाल टिकट दिया है. वर्तमान समय में बृजमोहन छत्तीसगढ़ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल संसदीय कार्य मंत्री के रुप में पार्टी का काम कर रहे हैं. बृजमोहन को टिकट देकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया है. खुद बृजमोहन अग्रवाल को भी उम्मीद नहीं थी कि उनको लोकसभा का टिकट मिलेगा. बृजमोहन अग्रवाल का सियासी करियर काफी लंबा रहा है. 1990 से वो रायपुर दक्षिण सीट से जीतते आ रहे हैं. साल 2003 और 2005 के बीच वो छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं.

महासमुंद लोकसभा सीट से रुप कुमारी चौधरी को टिकट: महासमुंद लोकसभा सीट से पार्टी ने रुप कुमारी चौधरी को टिकट दिया है. रुप कुमारी चौधरी 2013 से 2018 तक बसना विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं. रुप कुमारी चौधरी 20215 से लेकर 2018 तक संसदीय सचिव की भी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं. रुप कुमारी के बारे में कहा जाता है कि वो जब विधानसभा की सदस्य रहीं तब उनकी उपस्थिति 100 फीसदी रही. विधानसभा के पटल पर उन्होने 2013 से 2018 के बीच अपने क्षेत्र की 80 से ज्यादा समस्याओं को उठाया.

कांकेर लोकसभा सीट से भोजराज नाग को टिकट: पार्टी आलाकमान ने भोजराज नाग को कांकेर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. भोजराज नाग लंबे वक्त से बस्तर में बीजेपी का झंडा बुलंद करने वालों में शामिल रहे हैं. नक्सलियों ने कई बार उनको जान से मारने की धमकी दी. नक्सलियों की धमकी को नजरअंदाज कर भोजराज नाग लगातार पार्टी और संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे. फिलहाल भोजराज नाग अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक पद का काम देख रहे हैं. नक्सली कई बार भोजराज नाग को आरएसएस का एजेंट भी बता चुके हैं. बस्तर में चल रहे धर्म परिवर्तन को लेकर भी भोजराज नाग ने अपनी आवाज कई मंचों पर बुलंद की है.

कोरबा लोकसभा सीट से सरोज पांडेय को टिकट: कोरबा लोकसभा सीट बीजेपी के लिए इस बार प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. कोरबा लोकसभा सीट पर पिछली बार चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत ने जीती थी. बीजेपी आलाकमान ने इस बार सरोज पांडेय को टिकट देकर मुकाबले को जोरदार बना दिया है. सरोज पांडेय की गिनती तेज तर्रार महिला नेता के तौर पर होती है. विधानसभा चुनाव के दौरान सरोज पांडेय का नाम सीएम पद के लिए चर्चा में था. सरोज पांडेय केंद्रीय नेतृत्व के साथ लंबे वक्त तक काम कर चुकी हैं. लोकसभा में उनका अनुभव भी काफी है. पार्टी चाहती है कि अगर कांग्रेस ज्योत्सना महंत को रिपीट करे तो उनकी टक्कर सरोज पांडेय से हो.

सरगुजा लोकसभा सीट से चिंतामणि महाराज को टिकट: सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी ने चिंतामणि महाराज को टिकट देकर राज्य के नेतृ्त्व को भी चौंका दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले ही चिंतामणि महाराज कांग्रेस से नाराज होकर बीजेपी में शामिल हुए थे. चिंतामणि महाराज इसी शर्त पर बीजेपी के पाले में आए थे कि उनको टिकट दिया जाएगा. पार्टी ने अपना वादा पूरा किया और उनको सरगुजा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा. कांग्रेस में पार्टी में रहने से पहले चिंतामणि महाराज बीजेपी में हुआ करते थे. चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक बीजेपी सरकार में छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष रहे. साल 2011 में महाराज ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने चिंतामणि महाराज से वादा किया था कि वो पार्टी में आएंगे तो उनको लोकसभा का टिकट दिया जाएगा. सरगुजा लोकसभा सीट में गोंड जनजाति के वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है. कंवर जनजाति के वोटरों की भी यहां अच्छी खासी संख्या है. माना जाता है कि चिंतामणि महाराज की पकड़ इन दोनों जनजातियों पर है. महाराज की संत गहिरा गुरु आश्रम से बड़ी संख्या में सरगुजा के लोग जुड़े हैं. महाराज को टिकट देकर पार्टी ने इस सीट को पूरी तरह से बीजेपी के लिए सेफ कर दिया है.

जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से कमलेश जांगड़े को टिकट: जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से पार्टी ने कमलेश जांगड़े को मौका दिया है. कमलेश जांगड़े को तेज तर्रार महिला नेता माना जाता है. कमलेश जांगड़े जांजगीर चांपा सहित सक्ती जिले में संगठन की सबसे प्रभावी नेताओं में गिनी जाती हैं. पार्टी में वो महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष पद पर हैं. भूपेश बघेल सरकार में उन्होने कांग्रेस सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर उनकी नाक में दम कर दिया था.

रायगढ़ लोकसभा सीट से राधेश्याम राठिया को टिकट: भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता रहे राधेश्याम राठिया को पार्टी ने एसटी आरक्षित सीट रायगढ़ से लोकसभा का टिकट दिया है. राठिया बीजेपी किसान मोर्चा का लंबे वक्त तक काम देखते रहे हैं. किसानों को एकजुटे करने में राधेश्याम राठिया को महारत हासिल है. राठिया दो बार जिला और जनपद सदस्य भी रह चुके हैं. राठिया ने पार्टी में एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत की थी. महज 24 सालों के भीतर पार्टी ने उनको प्रतिभा को देखते हुए उनको इतना बड़ा मौका दिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था. पार्टी ने राधेश्याम राठिया नाराज भी थे लेकिन उन्होने पार्टी के लिए विधानसभा में जीन जान से मेहनत की. पार्टी ने विधानसभा की कसर लोकसभा का टिकट देकर पूरी दी.

बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू को टिकट: बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू को बीजेपी ने टिकट दिया है. तोखन साहू बिलासपुर के लोरमी सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं. लोरसी सीट से विधायक होने अलावा वो संसदीय सचिव के पद की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. तोखन साहू फिलहाल भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हैं. तोखन साहू के बारे में कहा जाता है कि ये वोटरों की नब्ज पहचानते हैं. किसानों के बीच तोखन साहू की अच्छी पकड़ है. बिलासपुर लोकसभा सीट पर साहू समाज की संख्या काफी है. पार्टी ने साहू समाज के वोटरों को अपनी ओर करने के लिए तोखन साहू को मौका दिया है.

बस्तर लोकसभा सीट से महेश कश्यप को टिकट: बस्तर लोकसभा सीट जो कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. पार्टी ने बस्तर सीट से महेश कश्यप को टिकट दिया है. महेश कश्यप लंबे वक्त से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े रहे हैं. बस्तर में आरएसएस के लिए वो काम भी करते रहे हैं. वनवासियों और आदिवासियों की बीच उनकी अच्छी पकड़ है. धर्मांतरण के खिलाफ महेश लंबे वक्त से बस्तर में आंदोलन चला रहे हैं. बस्तर में सांस्कृतिक सुरक्षा मंच के तहत वो धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन तो चलाया ही साथ ही पदयात्रा भी निकाली. संघ की अनुषांगिक ईकाइयों में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. महेश कश्यप वर्तमान में बस्तर में बीजेपी अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं.

पार्टी ने चार सांसदों का टिकट काटा: मोदी और शाह की चाणक्य जोड़ी ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया. पार्टी ने चार सासंदों का टिकट भी काट दिया. जिन सिटिंग सांसदों का टिकट काटा गया उसमें रायपुर से सुनील सोनी का नाम शामिल है. महासमुंद सीट से सिटिंग सासंद चुन्नीलाल साहू का टिकट काट दिया गया है. जांजगीर चांपा से गुहाराम अजगले को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया.

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा की पहली लिस्ट जारी, छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा, इन चेहरों को मिला मौका
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Last Updated : Mar 3, 2024, 11:04 AM IST
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