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थम गया पहले चरण के 12 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव का शोर, अब डोर टू डोर होगा संपर्क - Lok Sabha Election 2024

Rajasthan Lok Sabha Election 2024 , लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव के प्रचार का शोर थम गया है. शाम 6 बजने के साथ ही अब प्रत्याशी सिर्फ दो टू डोर ही प्रचार कर सकेंगे. राज्य निर्वाचन विभाग ने मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

LOK SABHA ELECTION 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 17, 2024, 6:19 PM IST

Updated : Apr 17, 2024, 8:17 PM IST

थम गया पहले चरण के चुनाव का शोर

जयपुर. प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार का शोर थम गया है. शाम 6 बजने के साथ ही अब प्रत्याशी सिर्फ दो टू डोर ही प्रचार कर सकेंगे. राज्य निर्वाचन विभाग ने मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. प्रत्याशी किसी भी तरह के लाउडस्पीकर के साथ में प्रचार नहीं कर सकेंगे. साथ ही जुलूस भी नहीं निकाल सकेंगे. इतना ही नहीं निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार स्टार प्रचारकों को भी लोकसभा क्षेत्र की सीमाओं को छोड़ना होगा.

थम गया शोर : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार गतिविधियां शाम 6 बजे से थम गई. पहले चरण में गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 19 अप्रैल को मतदान होगा. गुप्ता ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार, इन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय से 48 घंटों की अवधि आज शाम 6 बजे से आरंभ हो गई. ये मतदान समाप्ति अवधि 19 अप्रैल को शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगी.

पढ़ें. विधानसभा चुनाव में इस सीट से सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में डाले हथियार, पहली बार मैदान से बाहर

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस अवधि के दौरान अंतरराज्यीय सीमाएं भी सील रहेंगी. साथ ही, इन क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के साथ सूखा दिवस रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों का प्रकाशन अधिप्रमाणन के बाद ही किया जा सकेगा. इस दौरान राजस्थान में ओपिनियन पोल या अन्य पोल सर्वे के प्रसारण पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही, एग्जिट पोल के परिणामों को प्रसारित करना या अन्य किसी तरीके से प्रचार-प्रसार करने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. एग्जिट पोल पर यह प्रतिबंध लोकसभा चुनाव के 7वें चरण के मतदान दिवस 1 जून को शाम 6:30 बजे तक जारी रहेगा.

इन 48 घंटों की कालावधि के दौरान :

  1. निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा. न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा.
  2. प्रथम चरण के चुनाव से सम्बंधित सिनेमा, चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधनों के जरिए जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेगा.
  3. कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से, आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा. कोई व्यक्ति यदि इन उपबंधों का उल्लंघन करता है, तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा होगी.
  4. कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है और सांसद या विधायक नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त होने के पश्चात नहीं ठहर सकता.
  5. राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनैतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से भिन्न) यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा.
  6. निर्वाचन मशीनरी एवं पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करेंगे कि सामुदायिक केंद्रों, धर्मशालाओं, गेस्ट हाऊस, लॉज, होटलों आदि में ठहरे हुए बाहरी व्यक्तियों की जानकारी और सत्यापन किया जाए और बाहर से आने वाले वाहनों पर भी निगरानी रखी जाए.

थम गया पहले चरण के चुनाव का शोर

जयपुर. प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार का शोर थम गया है. शाम 6 बजने के साथ ही अब प्रत्याशी सिर्फ दो टू डोर ही प्रचार कर सकेंगे. राज्य निर्वाचन विभाग ने मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. प्रत्याशी किसी भी तरह के लाउडस्पीकर के साथ में प्रचार नहीं कर सकेंगे. साथ ही जुलूस भी नहीं निकाल सकेंगे. इतना ही नहीं निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार स्टार प्रचारकों को भी लोकसभा क्षेत्र की सीमाओं को छोड़ना होगा.

थम गया शोर : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार गतिविधियां शाम 6 बजे से थम गई. पहले चरण में गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 19 अप्रैल को मतदान होगा. गुप्ता ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार, इन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय से 48 घंटों की अवधि आज शाम 6 बजे से आरंभ हो गई. ये मतदान समाप्ति अवधि 19 अप्रैल को शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगी.

पढ़ें. विधानसभा चुनाव में इस सीट से सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में डाले हथियार, पहली बार मैदान से बाहर

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस अवधि के दौरान अंतरराज्यीय सीमाएं भी सील रहेंगी. साथ ही, इन क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के साथ सूखा दिवस रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों का प्रकाशन अधिप्रमाणन के बाद ही किया जा सकेगा. इस दौरान राजस्थान में ओपिनियन पोल या अन्य पोल सर्वे के प्रसारण पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही, एग्जिट पोल के परिणामों को प्रसारित करना या अन्य किसी तरीके से प्रचार-प्रसार करने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. एग्जिट पोल पर यह प्रतिबंध लोकसभा चुनाव के 7वें चरण के मतदान दिवस 1 जून को शाम 6:30 बजे तक जारी रहेगा.

इन 48 घंटों की कालावधि के दौरान :

  1. निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा. न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा.
  2. प्रथम चरण के चुनाव से सम्बंधित सिनेमा, चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधनों के जरिए जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेगा.
  3. कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से, आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा. कोई व्यक्ति यदि इन उपबंधों का उल्लंघन करता है, तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा होगी.
  4. कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है और सांसद या विधायक नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त होने के पश्चात नहीं ठहर सकता.
  5. राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनैतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से भिन्न) यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा.
  6. निर्वाचन मशीनरी एवं पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करेंगे कि सामुदायिक केंद्रों, धर्मशालाओं, गेस्ट हाऊस, लॉज, होटलों आदि में ठहरे हुए बाहरी व्यक्तियों की जानकारी और सत्यापन किया जाए और बाहर से आने वाले वाहनों पर भी निगरानी रखी जाए.
Last Updated : Apr 17, 2024, 8:17 PM IST
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