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अंतिम चरण का मतदान : 48 घंटे बीजेपी के पन्ना प्रमुख निभाएंगे बड़ी भूमिका, बदली स्ट्रेटजी के साथ A-B-C फार्मूले पर होगा काम - lok sabha election 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण का मतदान शनिवार (lok sabha election 2024) को होगा. वहीं, चुनाव परिणाम मंगलवार 4 जून को आएंगे. अंतिम चरण को होने वाले मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 30, 2024, 11:54 AM IST

अंतिम चरण का मतदान
अंतिम चरण का मतदान (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
पन्ना प्रमुख निभाएंगे बड़ी भूमिका (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

वाराणसी : बनारस में 1 जून यानी अंतिम चरण को होने वाले मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि भीषण गर्मी और लू के बीच होने वाले मतदान में लोगों को मतदान स्थल तक पहुंचना एक बड़ा चैलेंज है और बीजेपी ने पीएम मोदी को 10 लाख से ज्यादा वोटों से जितने का नारा भी दिया है, जो बनारस और पूरे देश में सबसे ज्यादा अंतर से जीतने वाले किसी कैंडिडेट का एक नया रिकॉर्ड होगा.

बीजेपी इस रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए अब चुनाव के अंतिम चरण में अपने पन्ना प्रमुखों को पूरी तरह से एक्टिव कर चुकी है. वाराणसी में 50 हजार से ज्यादा पन्ना प्रमुख करीब 19 लाख से ज्यादा वोटर्स को साधने में जुट गए हैं. अंतिम समय में ए, बी, सी फार्मूला पर यह पन्ना प्रमुख नए और एक बदले हुए तरीके से काम कर रहे हैं. जानिए अंतिम समय में बीजेपी के इस मास्टर स्ट्रोक के बारे में.

दरअसल, वाराणसी ही नहीं बल्कि पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस पुराने स्ट्रक्चर पर सबसे ज्यादा भरोसा करती आ रही है. हर राज्य में वोटर लिस्ट के हर पेज के लिए बीजेपी का एक कार्यकर्ता पन्ना प्रमुख होता है. एक पन्ने में करीब 30 यानी दोनों तरफ मिलाकर 60 वोटर्स के नाम होते हैं. पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी अपने पन्ने में दर्ज वोटर्स से संपर्क करने की होती है. वह यह सुनिश्चित करते हैं कि ये सभी वोटर्स पोलिंग के दिन वोट डालने पोलिंग बूथ जाएं.

पन्ना प्रमुखों के लास्ट मोमेंट पर किए जा रहे काम के बारे में भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और वर्तमान में पन्ना प्रमुख भूमिका निभा रहा है. सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि बीजेपी का यह रिंग सबसे मजबूत और बीजेपी को एक बड़ी जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाता है. जब शुरुआत में पन्ना प्रमुखों का काम शुरू हुआ तो विपक्ष ने बहुत मजाक उड़ाया, लेकिन आज विपक्ष को भी हमारी शक्ति का एहसास हो गया है.

सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि एक पन्ना प्रमुख के ऊपर एक पेज यानी दोनों तरफ मिलकर 60 वोटर्स की जिम्मेदारी होती है. हर मतदान केंद्र के हर पोलिंग बूथ का पन्ना प्रमुख अलग-अलग होता है. उन्होंने बताया कि इस बार हमें एक नए तरीके से काम करने के लिए कहा गया है. यह फार्मूला अभी तक विपक्ष समझ ही नहीं पाया है, क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में ही इस फार्मूले को याद किया था. उन्होंने यह स्पष्ट तौर पर कहा था चुनाव शुरू होने से पहले अपनी तैयारी में जुट जाइए और सारे पन्ना प्रमुख ए, बी, सी फार्मूले पर काम शुरू कीजिए.

'ए' मतलब वह वोटर जो बीजेपी के कोर और पक्के वोटर हैं. उनकी लिस्ट अलग बनाई गई है. 'बी' मतलब वह वोटर जो कभी बीजेपी और कभी किसी और पार्टी के साथ चले जाते हैं. उनसे बातचीत करके उनकी लिस्ट अलग की गई है और 'सी' वह वोटर जो कभी भी बीजेपी को वोट नहीं देते हैं. उनके ऊपर हमें सबसे ज्यादा काम करना है. इस लिस्ट में उन लोगों को भी रखा गया है, जिनका नाम वोटर लिस्ट में तो है लेकिन, या तो वह शहर छोड़ चुके हैं या किसी लड़की का विवाह होने के बाद वह किसी दूसरे जहां शिफ्ट हुई है या फिर किसी की मृत्यु हो गई है. ऐसे लोगों का नाम हटवाकर नए वोटर्स को जुड़वाना यह काम भी इस श्रेणी में किया गया है. अंतिम 'सी' श्रेणी में वोटर्स को सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे लोगों तक पहुंचा है. वह वोटर जो बीजेपी को वोट नहीं देते हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है तो उनको आगे आने वाली स्थितियों से वाकिफ कराने और सरकारी लाभ की बात बताते हुए उन्हें अपने पक्ष में मतदान के लिए तैयार करने में जुटे हुए हैं.

वहीं, अंतिम के 24 घंटे जब चुनाव के बचेंगे तो घर-घर पहुंचकर डोर टू डोर कैंपेनिंग के जरिए अपने उन वोटर को हर हाल में अगले दिन सुबह 10:00 बजे से पहले मतदान स्थल तक ले जाने और पहुंचने की अपील शुरू होगी. नेक्स्ट डे यानी वोटिंग वाले दिन पन्ना प्रमुख जब पोलिंग बूथ के पास बने केंद्र पर बैठेंगे तो सहायक प्रमुख मोहल्ले कॉलोनी में घूमते हुए अपने वोटर को घरों से निकालने का काम शुरू करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि एक-एक वोटर मतदान स्थल तक पहुंचे और मतदान जरूर करे. यदि कोई वोटर नहीं पहुंच रहा है तो उसको फॉलोअप करते हुए एक बार, दो बार, तीन बार घर पहुंचकर उसे हर हाल में मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिए अपील करेंगे



फिलहाल अब वाराणसी में होने वाले चुनाव के सिर्फ 48 घंटे बचे हैं. इस 48 घंटे में बीजेपी पन्ना प्रमुखों की भूमिका को सशक्त करते हुए इस पर पूरा जोर दे रही है. कैंपेनिंग थमने के बाद पन्ना प्रमुख ही सबसे बड़ी भूमिका में होंगे और यही वजह है कि बीजेपी लॉस्ट दांव पन्ना प्रमुखों के साथ खेलने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ें : अब मतगणना की तैयारी शुरू: BJP ने बनाया ये मेगा प्लान, इस मामले में पिछड़ गए विपक्षी दल? - Lok Sabha Election 2024 7th Phase

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव 2024: आज शाम थमेगा सातवें चरण का चुनाव प्रचार, शनिवार को होगी वोटिंग - Lok Sabha Election 2024

पन्ना प्रमुख निभाएंगे बड़ी भूमिका (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

वाराणसी : बनारस में 1 जून यानी अंतिम चरण को होने वाले मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि भीषण गर्मी और लू के बीच होने वाले मतदान में लोगों को मतदान स्थल तक पहुंचना एक बड़ा चैलेंज है और बीजेपी ने पीएम मोदी को 10 लाख से ज्यादा वोटों से जितने का नारा भी दिया है, जो बनारस और पूरे देश में सबसे ज्यादा अंतर से जीतने वाले किसी कैंडिडेट का एक नया रिकॉर्ड होगा.

बीजेपी इस रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए अब चुनाव के अंतिम चरण में अपने पन्ना प्रमुखों को पूरी तरह से एक्टिव कर चुकी है. वाराणसी में 50 हजार से ज्यादा पन्ना प्रमुख करीब 19 लाख से ज्यादा वोटर्स को साधने में जुट गए हैं. अंतिम समय में ए, बी, सी फार्मूला पर यह पन्ना प्रमुख नए और एक बदले हुए तरीके से काम कर रहे हैं. जानिए अंतिम समय में बीजेपी के इस मास्टर स्ट्रोक के बारे में.

दरअसल, वाराणसी ही नहीं बल्कि पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस पुराने स्ट्रक्चर पर सबसे ज्यादा भरोसा करती आ रही है. हर राज्य में वोटर लिस्ट के हर पेज के लिए बीजेपी का एक कार्यकर्ता पन्ना प्रमुख होता है. एक पन्ने में करीब 30 यानी दोनों तरफ मिलाकर 60 वोटर्स के नाम होते हैं. पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी अपने पन्ने में दर्ज वोटर्स से संपर्क करने की होती है. वह यह सुनिश्चित करते हैं कि ये सभी वोटर्स पोलिंग के दिन वोट डालने पोलिंग बूथ जाएं.

पन्ना प्रमुखों के लास्ट मोमेंट पर किए जा रहे काम के बारे में भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और वर्तमान में पन्ना प्रमुख भूमिका निभा रहा है. सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि बीजेपी का यह रिंग सबसे मजबूत और बीजेपी को एक बड़ी जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाता है. जब शुरुआत में पन्ना प्रमुखों का काम शुरू हुआ तो विपक्ष ने बहुत मजाक उड़ाया, लेकिन आज विपक्ष को भी हमारी शक्ति का एहसास हो गया है.

सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि एक पन्ना प्रमुख के ऊपर एक पेज यानी दोनों तरफ मिलकर 60 वोटर्स की जिम्मेदारी होती है. हर मतदान केंद्र के हर पोलिंग बूथ का पन्ना प्रमुख अलग-अलग होता है. उन्होंने बताया कि इस बार हमें एक नए तरीके से काम करने के लिए कहा गया है. यह फार्मूला अभी तक विपक्ष समझ ही नहीं पाया है, क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में ही इस फार्मूले को याद किया था. उन्होंने यह स्पष्ट तौर पर कहा था चुनाव शुरू होने से पहले अपनी तैयारी में जुट जाइए और सारे पन्ना प्रमुख ए, बी, सी फार्मूले पर काम शुरू कीजिए.

'ए' मतलब वह वोटर जो बीजेपी के कोर और पक्के वोटर हैं. उनकी लिस्ट अलग बनाई गई है. 'बी' मतलब वह वोटर जो कभी बीजेपी और कभी किसी और पार्टी के साथ चले जाते हैं. उनसे बातचीत करके उनकी लिस्ट अलग की गई है और 'सी' वह वोटर जो कभी भी बीजेपी को वोट नहीं देते हैं. उनके ऊपर हमें सबसे ज्यादा काम करना है. इस लिस्ट में उन लोगों को भी रखा गया है, जिनका नाम वोटर लिस्ट में तो है लेकिन, या तो वह शहर छोड़ चुके हैं या किसी लड़की का विवाह होने के बाद वह किसी दूसरे जहां शिफ्ट हुई है या फिर किसी की मृत्यु हो गई है. ऐसे लोगों का नाम हटवाकर नए वोटर्स को जुड़वाना यह काम भी इस श्रेणी में किया गया है. अंतिम 'सी' श्रेणी में वोटर्स को सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे लोगों तक पहुंचा है. वह वोटर जो बीजेपी को वोट नहीं देते हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है तो उनको आगे आने वाली स्थितियों से वाकिफ कराने और सरकारी लाभ की बात बताते हुए उन्हें अपने पक्ष में मतदान के लिए तैयार करने में जुटे हुए हैं.

वहीं, अंतिम के 24 घंटे जब चुनाव के बचेंगे तो घर-घर पहुंचकर डोर टू डोर कैंपेनिंग के जरिए अपने उन वोटर को हर हाल में अगले दिन सुबह 10:00 बजे से पहले मतदान स्थल तक ले जाने और पहुंचने की अपील शुरू होगी. नेक्स्ट डे यानी वोटिंग वाले दिन पन्ना प्रमुख जब पोलिंग बूथ के पास बने केंद्र पर बैठेंगे तो सहायक प्रमुख मोहल्ले कॉलोनी में घूमते हुए अपने वोटर को घरों से निकालने का काम शुरू करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि एक-एक वोटर मतदान स्थल तक पहुंचे और मतदान जरूर करे. यदि कोई वोटर नहीं पहुंच रहा है तो उसको फॉलोअप करते हुए एक बार, दो बार, तीन बार घर पहुंचकर उसे हर हाल में मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिए अपील करेंगे



फिलहाल अब वाराणसी में होने वाले चुनाव के सिर्फ 48 घंटे बचे हैं. इस 48 घंटे में बीजेपी पन्ना प्रमुखों की भूमिका को सशक्त करते हुए इस पर पूरा जोर दे रही है. कैंपेनिंग थमने के बाद पन्ना प्रमुख ही सबसे बड़ी भूमिका में होंगे और यही वजह है कि बीजेपी लॉस्ट दांव पन्ना प्रमुखों के साथ खेलने की तैयारी में है.

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