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कुल्लू अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव से लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों ने किया किनारा, 3 गुणा बढ़े स्टॉल के दाम

कुल्लू अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में स्टॉल तीन गुणा महंगे मिलने पर लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों ने उत्सव से किनारा कर लिया है.

Kullu Local handloom handicraft traders Demand
कुल्लू लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 12:43 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में 13 अक्टूबर से 7 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव शुरू होगा. जिसका समापन 19 अक्टूबर को होगा. वहीं, इस बार दशहरा उत्सव समिति ने लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट स्टॉल के दाम महंगे कर दिए हैं. जिसके चलते स्थानीय हैंडीक्राफ्ट कारोबारी मायूस हो गए हैं. ऐसे में 12 से ज्यादा हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों ने इस बार दशहरा उत्सव में कारोबार करने से किनारा कर लिया है.

स्टॉल के दाम में 3 गुणा बढ़ोतरी

लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों का कहना है कि इस बार दशहरा उत्सव समिति ने स्टॉल के दाम 3 गुणा ज्यादा बढ़ा दिए गए हैं. जिसमें 33 हजार बेस प्राइस के साथ जीएसटी और कैनोपी के कुल 53 हजार रुपए लिए जा रहे हैं. जबकि पिछले साल ये ही स्टॉल 28 हजार से लेकर 30 हजार रुपए में दिए गए थे, लेकिन इस साल स्टॉल के दामों में भारी भरकम बढ़ोतरी की गई है. जिससे हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अपनी मांगों को लेकर स्थानीय कारोबारी डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिले.

स्थानीय व्यापारी राम सिंह ने बताया, "साल 1992 से लेकर अब तक दशहरा उत्सव में हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट का उत्पाद बेचकर अपना परिवार का पालन पोषण कर रह रहे हैं. हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट बनाकर दशहरा उत्सव में उत्पाद बेचते हैं. इस बार स्टॉल 52 हजार रुपए का दिया जा रहा है. हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबार से बहुत से लोग जुड़े हुए हैं. ऐसे में इस बार कारोबार न करने से हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट से जुड़े बुनकरों को भी भारी नुकसान होगा. सभी कारोबारी दशहरा समिति के अध्यक्ष एवं सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर से आग्रह करते हैं कि स्थानीय कारोबारियों के स्टॉल के दाम पिछले साल से 10% ही बढ़ाया जाए, ताकि सब लोग मेले में दुकान लगाकर कारोबार कर सकें और हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट से जुड़े लोगों को इसका फायदा मिल सके."

52 हजार देने में असमर्थ

स्थानीय कारोबारी कोयला देवी ने बताया कि पिछले कई सालों से वो दशहरा उत्सव में हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट फू, शॉल, टोपी, मफलर, जैकेट, पट्टू आदी बेचने का कारोबार करते हैं, लेकिन इस बार दशहरा उत्सव समिति द्वारा महंगे दामों पर स्टॉल दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिलकर राहत की मांग की है, लेकिन हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों की मांग पर दशहरा उत्सव समिति की ओर से कोई राहत नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव में 52 हजार रुपए का स्टॉल दिया जा रहा है. वो लोग इतने ज्यादा पैसे देने में असमर्थ हैं.

15 हजार रुपए की छूट

वहीं, दशहरा उत्सव समिति की वाइस चैयरमैन एवं डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया, "लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों को हाईकोर्ट के आदेश पर स्टॉल में 15 रुपए की छूट दे दी गई है. जिसके बाद बेस प्राइज 33 हजार रुपए किया गया है. दशहरा उत्सव समिति द्वारा मीना मार्केट में प्राइम लोकेशन पर स्टॉल लगाए गए हैं. जिस कारण दुकानों के रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है."

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कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में 13 अक्टूबर से 7 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव शुरू होगा. जिसका समापन 19 अक्टूबर को होगा. वहीं, इस बार दशहरा उत्सव समिति ने लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट स्टॉल के दाम महंगे कर दिए हैं. जिसके चलते स्थानीय हैंडीक्राफ्ट कारोबारी मायूस हो गए हैं. ऐसे में 12 से ज्यादा हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों ने इस बार दशहरा उत्सव में कारोबार करने से किनारा कर लिया है.

स्टॉल के दाम में 3 गुणा बढ़ोतरी

लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों का कहना है कि इस बार दशहरा उत्सव समिति ने स्टॉल के दाम 3 गुणा ज्यादा बढ़ा दिए गए हैं. जिसमें 33 हजार बेस प्राइस के साथ जीएसटी और कैनोपी के कुल 53 हजार रुपए लिए जा रहे हैं. जबकि पिछले साल ये ही स्टॉल 28 हजार से लेकर 30 हजार रुपए में दिए गए थे, लेकिन इस साल स्टॉल के दामों में भारी भरकम बढ़ोतरी की गई है. जिससे हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अपनी मांगों को लेकर स्थानीय कारोबारी डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिले.

स्थानीय व्यापारी राम सिंह ने बताया, "साल 1992 से लेकर अब तक दशहरा उत्सव में हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट का उत्पाद बेचकर अपना परिवार का पालन पोषण कर रह रहे हैं. हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट बनाकर दशहरा उत्सव में उत्पाद बेचते हैं. इस बार स्टॉल 52 हजार रुपए का दिया जा रहा है. हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबार से बहुत से लोग जुड़े हुए हैं. ऐसे में इस बार कारोबार न करने से हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट से जुड़े बुनकरों को भी भारी नुकसान होगा. सभी कारोबारी दशहरा समिति के अध्यक्ष एवं सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर से आग्रह करते हैं कि स्थानीय कारोबारियों के स्टॉल के दाम पिछले साल से 10% ही बढ़ाया जाए, ताकि सब लोग मेले में दुकान लगाकर कारोबार कर सकें और हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट से जुड़े लोगों को इसका फायदा मिल सके."

52 हजार देने में असमर्थ

स्थानीय कारोबारी कोयला देवी ने बताया कि पिछले कई सालों से वो दशहरा उत्सव में हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट फू, शॉल, टोपी, मफलर, जैकेट, पट्टू आदी बेचने का कारोबार करते हैं, लेकिन इस बार दशहरा उत्सव समिति द्वारा महंगे दामों पर स्टॉल दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिलकर राहत की मांग की है, लेकिन हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों की मांग पर दशहरा उत्सव समिति की ओर से कोई राहत नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव में 52 हजार रुपए का स्टॉल दिया जा रहा है. वो लोग इतने ज्यादा पैसे देने में असमर्थ हैं.

15 हजार रुपए की छूट

वहीं, दशहरा उत्सव समिति की वाइस चैयरमैन एवं डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया, "लोकल हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों को हाईकोर्ट के आदेश पर स्टॉल में 15 रुपए की छूट दे दी गई है. जिसके बाद बेस प्राइज 33 हजार रुपए किया गया है. दशहरा उत्सव समिति द्वारा मीना मार्केट में प्राइम लोकेशन पर स्टॉल लगाए गए हैं. जिस कारण दुकानों के रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है."

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