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मनरेगा, दिहाड़ी मजदूर के बच्चे भी बनेंगे डॉक्टर, कोटा में निशुल्क नीट की तैयारी करवा रही ये संस्था - LN Maheshwari Parmarth Trust

देश के विभिन्न राज्यों से गरीब परिवार से आने वाले 126 छात्र-छात्राओं को कोटा में निशुल्क नीट की कोचिंग करवाई जाएगी. एलएन माहेश्वरी परमार्थ न्यास की तरफ से छात्रों का पूरा खर्च वहन किया जाएगा.

कोटा में निशुल्क नीट की तैयारी
कोटा में निशुल्क नीट की तैयारी (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 27, 2024, 5:36 PM IST

कोटा में निशुल्क नीट की तैयारी (ETV Bharat Kota)

कोटा : देश के हिंदी भाषी राज्यों के 126 स्टूडेंट कोटा में निशुल्क नीट की कोचिंग करने के लिए आए हैं. इन विद्यार्थियों के लिए शनिवार को ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें तिलक लगाकर छात्रों को बधाई दी गई और शुभकामना पत्र के साथ किट भी प्रदान किए गए. यह सभी सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट रहे हैं, जिन्होंने एलएन परमार्थ संस्थान की तरफ से आयोजित परीक्षा में भाग लिया था और सफल होने के बाद इन्हें पूरी तरह से निशुल्क शिक्षा दी जा रही है. इन सभी छात्रों का खर्चा इनका संस्थान वहन करेगा.

शुरुआत 126 स्टूडेंट्स के साथ हुई : संस्थान के ट्रस्टी डॉ. गोविन्द माहेश्वरी ने सभी स्टूडेंट से कहा कि कठिनाइयों से घबराना नहीं है. हमें लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर प्रयास करना है. नई इबारत लिखने की शुरुआत आज हो रही है. ट्रस्टी नवीन माहेश्वरी ने बताया कि इसमें 81 छात्राएं और 45 छात्र हैं. सभी गरीब परिवार के और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं. इन स्टूडेंट्स को पढ़कर सफल करने का लक्ष्य है, यह स्टूडेंट सफल हो जाते हैं तो इनका पूरा परिवार और गांव आगे बढ़ेगा. यह स्टूडेंट पढ़ कर अपने गांव और परिवार को संबल देंगे. शुरुआत अभी 126 स्टूडेंट्स के साथ हुई है. आगे इसे और बढ़ाएंगे. यह बच्चे बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के हैं.

पढ़ें. Kota Institute Fees : मेडिकल-इंजीनियरिंग करना इस साल किफायती, महज 2 लाख में कर सकते हैं पूरे साल पढ़ाई - Kota Coaching

झुग्गी झोपड़ी या फिर कच्चे मकान में रहते हैं छात्र : इनमें बिहार के मधेपुरा के खगड़िया गांव की कोमल कुमारी भी हैं. उसके पिता खेती मजदूर हैं. इसी तरह से बारां जिले के पलायथा निवासी पूजा मेघवाल का चयन भी इसी योजना के तहत हुआ है, उसके पिता किसी के खेत पर मजदूरी करते हैं और मनरेगा में भी काम करने के लिए जाते हैं. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर की चेतन भी कोटा में पढ़ने आईं हैं. उसके पिता भी छोटी कृषि जोत में खेती करते हैं. ऐसे सभी छात्रों का परिवार आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. यह लोग या तो झुग्गी झोपड़ी या फिर कच्चे मकान या आधे पक्के बने मकान में रहते हैं. इन्हें कोटा में अच्छी सुविधा और कोचिंग करवा कर सफल बनाने का लक्ष्य है.

बताया कोटा कोचिंग का पूरा सिस्टम : बिल्डिंग प्रिंसिपल अमित काबरा ने कैम्पस की व्यवस्थाओं और क्लासेज के बारे में जानकारी दी. विद्यार्थियों व अभिभावकों को कोचिंग की कार्यप्रणाली, एकेडमिक कैलेंडर, उद्देश्य व स्टडी पैटर्न से अवगत करवाया. एकेडमिक कैलेंडर के बारे में बताया कि कोर्स कब शुरू होगा, कब समाप्त होगा. टेस्ट और रिवीजन क्लासेज के शेड्यूल क्या रहेंगे. विद्यार्थियों से पढ़ाई के दौरान स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने के लिए बोला गया है.

कोटा में निशुल्क नीट की तैयारी (ETV Bharat Kota)

कोटा : देश के हिंदी भाषी राज्यों के 126 स्टूडेंट कोटा में निशुल्क नीट की कोचिंग करने के लिए आए हैं. इन विद्यार्थियों के लिए शनिवार को ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें तिलक लगाकर छात्रों को बधाई दी गई और शुभकामना पत्र के साथ किट भी प्रदान किए गए. यह सभी सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट रहे हैं, जिन्होंने एलएन परमार्थ संस्थान की तरफ से आयोजित परीक्षा में भाग लिया था और सफल होने के बाद इन्हें पूरी तरह से निशुल्क शिक्षा दी जा रही है. इन सभी छात्रों का खर्चा इनका संस्थान वहन करेगा.

शुरुआत 126 स्टूडेंट्स के साथ हुई : संस्थान के ट्रस्टी डॉ. गोविन्द माहेश्वरी ने सभी स्टूडेंट से कहा कि कठिनाइयों से घबराना नहीं है. हमें लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर प्रयास करना है. नई इबारत लिखने की शुरुआत आज हो रही है. ट्रस्टी नवीन माहेश्वरी ने बताया कि इसमें 81 छात्राएं और 45 छात्र हैं. सभी गरीब परिवार के और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं. इन स्टूडेंट्स को पढ़कर सफल करने का लक्ष्य है, यह स्टूडेंट सफल हो जाते हैं तो इनका पूरा परिवार और गांव आगे बढ़ेगा. यह स्टूडेंट पढ़ कर अपने गांव और परिवार को संबल देंगे. शुरुआत अभी 126 स्टूडेंट्स के साथ हुई है. आगे इसे और बढ़ाएंगे. यह बच्चे बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के हैं.

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झुग्गी झोपड़ी या फिर कच्चे मकान में रहते हैं छात्र : इनमें बिहार के मधेपुरा के खगड़िया गांव की कोमल कुमारी भी हैं. उसके पिता खेती मजदूर हैं. इसी तरह से बारां जिले के पलायथा निवासी पूजा मेघवाल का चयन भी इसी योजना के तहत हुआ है, उसके पिता किसी के खेत पर मजदूरी करते हैं और मनरेगा में भी काम करने के लिए जाते हैं. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर की चेतन भी कोटा में पढ़ने आईं हैं. उसके पिता भी छोटी कृषि जोत में खेती करते हैं. ऐसे सभी छात्रों का परिवार आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. यह लोग या तो झुग्गी झोपड़ी या फिर कच्चे मकान या आधे पक्के बने मकान में रहते हैं. इन्हें कोटा में अच्छी सुविधा और कोचिंग करवा कर सफल बनाने का लक्ष्य है.

बताया कोटा कोचिंग का पूरा सिस्टम : बिल्डिंग प्रिंसिपल अमित काबरा ने कैम्पस की व्यवस्थाओं और क्लासेज के बारे में जानकारी दी. विद्यार्थियों व अभिभावकों को कोचिंग की कार्यप्रणाली, एकेडमिक कैलेंडर, उद्देश्य व स्टडी पैटर्न से अवगत करवाया. एकेडमिक कैलेंडर के बारे में बताया कि कोर्स कब शुरू होगा, कब समाप्त होगा. टेस्ट और रिवीजन क्लासेज के शेड्यूल क्या रहेंगे. विद्यार्थियों से पढ़ाई के दौरान स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने के लिए बोला गया है.

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