पटना: पूर्व उप प्रधानमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसन्नता जाहिर की है. नीतीश कुमार ने लालकृष्ण आडवाणी जी को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' दिये जाने की घोषणा पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' दिये जाने का केंद्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है. मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया.
"लालकृष्ण आडवाणी जी का देश के विकास में बड़ा योगदान है. श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में उन्होंने देश के गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में काफी बेहतर कार्य किया. लालकृष्ण आडवाणी देश के सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मुझे उनके सानिध्य में काम करने का मौका मिला था. लालकृष्ण आडवाणी जी का स्नेह मुझे हमेशा मिलता रहा है. उनसे कई चीजें सीखने का भी मौका मिला है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
भाजपा-जदयू खेमे में खुशी का माहौल: केंद्र सरकार के ऐलान भाजपा खेमे में खुशी है. पार्टी कार्यकर्ता उत्साह से भरे हैं. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने से पुरस्कार की महत्ता बढ़ी है. केंद्र सरकार के फैसले से एक-एक कार्यकर्ता खुश है. राम मंदिर आंदोलन को गति देने वाले नेता को सम्मान मिलना कार्यकर्ताओं का सम्मान है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने से जदयू कार्यकर्ता खुश हैं. उन्होंने कहा कि उनके नेता नीतीश कुमार भी उनका सम्मान करते हैं. सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को देश के लोग भूल नहीं सकते.
राजद ने जताया विरोधः राष्ट्रीय जनता दल ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने का विरोध किया है. राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने समाज के शोषित-वंचित लोगों की लगातार सेवा की थी. उनके लिए जीवन पर्यंत काम करते रहे थे. उन्हें भारत रत्न दिया गया तो यह अच्छी बात थी लेकिन मंडल के विरोध में कमंडल लेकर सड़क पर उतरने वाले लालकृष्ण आडवाणी को किस हैसियत से भारत सरकार ने भारत रत्न दिया है. एजाज अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार किस तरह से काम कर रही है और किस तरह से ऐसे अवार्ड ऐसे लोगों को दे रही है जिनका कभी भी समाज के महत्वपूर्ण कार्यों में कोई योगदान नहीं रहा है.
समाज के एक वर्ग को खुश करने की कोशिशः राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह से लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया गया है और उससे पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया गया था, इससे स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं समाज के एक वर्ग को खुश करने के लिए फिर से केंद्र सरकार ने एक बहुत बड़ा दांव खेला है. उन्होंने कहा कि वह दिन भी देश की जनता को याद है जब देश में मंडल कमीशन लागू किया गया था और उसके विरोध में लाल कृष्ण आडवाणी सोमनाथ मंदिर से रथ लेकर रवाना हुए थे. राम मंदिर निर्माण के मिशन को शुरू कर दिया था. निश्चित तौर पर उस समय में देश की क्या हालत हुई थी वह भी जनता को याद है. ऐसे लोगों को अगर वर्तमान सरकार भारत रत्न देती है तो निश्चित तौर पर हम इसका कड़ा विरोध करेंगे.
"जननायक कर्पूरी ठाकुर जिस तरह के इंसान थे और जिस तरह से उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दलितों वंचितों और समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों को आगे बढ़ाने का काम किया था कहीं न कहीं उनसे लालकृष्ण आडवाणी की तुलना करके केंद्र सरकार ने बहुत बड़ी गलती की है. लालकृष्ण आडवाणी को अवार्ड देकर कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी ने कर्पूरी ठाकुर की बराबरी करने की कोशिश की है, जो दुर्भाग्य की बात है."- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
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