दुर्ग : भारत विकास परिषद ने भिलाई के राधा कृष्ण मंदिर में सामूहिक विवाह का आयोजन किया.इस आयोजन में 17 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.17 जोड़ों ने अग्नि के सात फेरे लेकर सात जन्मों तक जीने मरने का वचन लिया.इस सामूहिक विवाह की खास बात ये है कि जितनी भी बेटियों की शादी हुई वो सभी निर्धन हैं.
अक्षय तृतीया पर बेटियों का विवाह : अक्षय तृतीया के अवसर पर भारत विकास परिषद ने नेहरू नगर राधा कृष्ण मंदिर में 17 जोड़ों की शादी करवाई. शादी में वैवाहिक जोड़े को घर का सामान सहित राशन सामान भी भेंट स्वरूप दिए गए. वहीं भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य अनिल कुमार ने बताया कि बहुत से गरीब परिवार की लड़कियों की शादी पैसों के कारण धूमधाम से नहीं हो पाती है. ऐसी ही कन्याओं की शादी का बीड़ा भारत विकास परिषद उठाता है. निर्धन बेटियों के सुखद भविष्य और जीवन की मंगल कामना के साथ शादी करवाई जाती है.
दहेज प्रथा की कुरीति खत्म करना भी है मकसद : इस मौके पर संस्था की सदस्या उमा नारायणी ने कहा कि गरीब बेटियों की शादी करवाना पुण्य का काम है. भारत विकास परिषद पुण्य काम करने के साथ-साथ समाज को दहेज मुक्त बनने की दिशा में भी काम कर रहा है.
'' आज के समय मे खुद का रुतबा ऊंचा दिखाने के लिए दहेज लेन देन का चलन है.इस कारण कई घर उजड़ भी रहे हैं. स्वस्थ समाज और समाज के विकास के लिए कुरीतियों को खत्म करने की जरूरत है.'' उमा नारायणी, सदस्य भारत विकास परिषद
17 गरीब कन्याओं की बदली जिंदगी :इस अवसर पर संस्था की सदस्या नीलम गुप्ता, मनमोहन जॉली, सुमन गोयल समेत अन्य सदस्यों ने भी अपनी भूमिका निभाई. बारात में सैंकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग समेत शहरवासी भी शामिल हुए.आपको बता दें कि जिन 17 बेटियों के हाथ अक्षय तृतीया पर पीले किए गए हैं,उनके भविष्य में भी संस्था मदद करेगी.