गिरिडीहः कैमरून में फंसे मजदूरों में गिरिडीह जिला के 4 मजदूर भी शामिल हैं. इन मजदूरों में डुमरी प्रखंड के मधगोपाली पंचायत के हरैयाबेडा टोला निवासी दौलत महतो भी शामिल है. दौलत के विदेश जाने और फिर काम के बदले वेतन नहीं मिलने के कारण उसके घर की स्थिति बदहाल हो गई. फीस के अभाव में बनासो के डीएवी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे को घर वापस लाना पड़ा.
घर में चूल्हा जलता रहे और बच्चों के साथ साथ बूढ़े सास - ससुर को भोजन मिलता रहे, इसके लिए दौलत की पत्नी रीना देवी को महिला समूह से छह हजार का ऋण लेना पड़ा. कहा जाए तो मार्च के बाद धीरे धीरे घर की माली स्थिति बद से बदतर होती गई. ईटीवी भारत की टीम जब दौलत के घर पर पहुंची तो घर के हालात फांकाकसी की तरफ इशारा कर रहे थे.
डबडबा जाती रीना की आंखें
बात बात पर रीना देवी की आंखें डबडबा रही थीं. आंखों से आंसू निकलने को बेताब दिख रहे थे. जब घर के भोजन और बच्चे के स्कूल की बात रीना बताने लगी तो पूरी तरह भावुक हो गई. वह बता रही थी कि पति के नहीं रहने के कारण किस तरह जिंदगी हो गई है. कैसे कर्ज लेना पड़ा और क्यूं बच्चे को स्कूल से निकाला. बताया कि बच्चे की फीस तीन माह से वह जमा नहीं कर सकी थी. ऐसे में उसे लगा कि जब पति आयेंगे तभी वह फीस दे सकती है, इसलिए वह बच्चे को स्कूल से वापस ले आयी.
पुलिस ने जाना हाल की मदद
इधर फंसे हुए मजदूरों के घर की स्थिति की जानकारी एसपी दीपक कुमार शर्मा ने ली. एसपी ने डुमरी के एसडीपीओ सुमित कुमार को कहा कि सभी परिवार से बात करते हुए मदद पहुंचाना है. वहीं जो लोग कैमरुन में हैं उन तक भी आवश्यक मदद पहुंचाई गई.
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