लखनऊ: घर में घुसकर दलित विधवा के साथ दुराचार करने के आरोपी थाना काकोरी के मदारपुर गांव के रहने वाले मोहम्मद नईम को अनुसूचित जाति-जनजाति निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 13 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अभियोजन की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता ने 6 जून 2004 को थाना काकोरी में कराई थी. बताया था कि 2 जून 2004 को रात लगभग 11 बजे मोहम्मद नईम घर की दीवार फांदकर घुस आया. उस समय वह अपने बच्चे के साथ सो रही थी. आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. शोर मचाने पर आरोपी धमकी देता हुआ भाग गया अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को दी जाएगी.
पति और सास को कारावास
विवाहिता के साथ दहेज की मांग पूरी न होने पर मारपीट करने व संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मरने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार ने गांधीनगर उन्नाव निवासी पति गौरव श्रीवास्तव को दस वर्ष एवं सास प्रेमलता श्रीवास्तव को पांच वर्ष के कठोर कारावास के साथ प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत के समक्ष एडीजीसी अरुण पांडेय ने बताया कि पीड़िता नेहा श्रीवास्तव ने पति एवं अन्य लोगों के विरुद्ध 24 अगस्त 2017 को कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया था कि उसकी शादी गौरव श्रीवास्तव के साथ 15 फरवरी 2015 को हुई थी तथा शादी के बाद 24 फरवरी 2016 को बेटा हुआ. अदालत को यह भी बताया गया कि शादी के बाद से पीड़िता नेहा श्रीवास्तव को पति एवं सास छोटी-छोटी बातों को लेकर प्रताड़ित करते थे. सास प्रेमलता मोटर साइकिल, कूलर, मिक्सी एवं उन्नाव में एक प्लाट दिए जाने का दबाव डालती थी. अदालत को यह भी बताया गया कि वर्ष 2016 के आखिर में इन लोगों ने घर से भगा दिया था. इसके पहले अक्टूबर में जब वह खाना बना रही थी तो उसे जलती गैस पर गिरा दिया था, जिसके कारण उसके सीने का काफी हिस्सा जल गया था. अदालत को बताया गया कि जलने के कारण उसका काफी दिन तक इलाज होता रहा तथा इन्हीं चोटों के कारण 3 अक्टूबर 2017 को उसकी सिविल अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.