जमुईः बिहार के जमुई में हत्या मामले में सिविल कोर्ट ने सुनवाई की. एक आरोपी को हत्या का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जमुई अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सह एससी एसटी मामलों के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र बहादुर सिंह ने यह फैसला दिया. दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. न्यायाधीश ने हत्या की धारा 302 के अलावे एससी एसटी की धारा में भी सजा सुनाई है.
कुल्हाड़ी के काटकर की थी हत्याः घटना 2019 की है. लक्ष्मीपुर थाने क्षेत्र के एक गांव का युवक नोएडा में काम कर रहा था. वह नोएडा से देर रात घर लौटा था. जैसे ही अपने के कमरे में गया तो उसने अपनी पत्नी के साथ किसी और व्यक्ति को देखकर गुस्सा हो गया और उसने कुल्हाड़ी से उस व्यक्ति की हत्या कर दी. साड़ी और चादर में उसके शव को लपेटकर पास के ही खेत में फेंक दिया था.
मृतक की मां ने केस दर्ज करायी थीः इस मामले में मृतक की मां के बयान पर लक्ष्मीपुर थाने केस दर्ज दर्ज किया गया था. इसमें उक्त युवक, उसकी पत्नी समेत कई लोगों का अभियुक्त बनाया गया था. मंगलवार को इस मामले में सुनवाई की गई. इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता श्याम देव सिंह तथा संजय कुमार सिंह ने अपनी दलीलें पेश की.
साक्ष्य और गवाह के आधार पर फैसलाः एससी एसटी मामलों के विशेष लोक अभियोजक मनोज दास ने सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अपने गवाह व साक्ष्य प्रस्तुत किए. इस मामले में मृतक के शव को बरामद करने के बाद गिरफ्तार अभियुक्त के कन्फेशनल स्टेटमेंट के आधार पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, साड़ी और जमीन पर से खून की एफएसएल जांच रिपोर्ट पेश की गई.
आजीवन कारावास की सजाः हत्या की घटना के डायरेक्ट एविडेंस नहीं होने के बावजूद Circumstantial evidence के इस मामले में अभियुक्त के कन्फेशनल स्टेटमेंट, गवाह, साक्ष्य और वैज्ञानिक जांच की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को हत्या का दोषी करार दिया. दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही जमुई जिलाधिकारी को मृतक के आश्रितों को 825000 रुपए हर्जाना के तौर पर देने का आदेश दिया.
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