झुंझुनूं. बलोदा गांव में एक दलित युवक की बेरहमी से लाठियों से पीट- पीटकर कर हत्या कर देने के मामले में संबंधित शराब ठेकेदार का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही पुलिस प्रशासन ने आरोपियों की अवैध संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी है. उन पर बुलडोजर चलाया जाएगा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है.
आबकारी अधिकारी अमरजीतसिंह ने बताया कि बलौदा में शराब ठेकेदार के ठेके का लाइसेंस निलंबित किया गया है. आरोपी ठेकेदार के सेल्समैन या नौकर नहीं थे. गांव के बदमाश थे और ठेकेदार के साथ के थे. उनका कहना था कि सेल्समैन या नौकर नहीं होने के बावजूद ठेकेदार के पास ठहरे हैं तो गलती तो की है.
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शराब ठेके पर था आना जाना: जिला आबकारी अधिकारी ने चिड़ावा के आबकारी निरीक्षक से मामले की रिपोर्ट मांगी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर शराब के ठेके का लाइसेंस 23 मई से 25 मई तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि बलोदा में देशी मदिरा कंपोजिट दुकान के लाइसेंसधारी सुशील कुमार की मामले में सीधी कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है, लेकिन आरोपियों का उसके यहां आना जाना था. युवक के साथ मारपीट की घटना की भी उसने जानकारी नहीं दी. यह ठेके की शर्तों का उल्लंघन है.
यह आया जांच रिपोर्ट में : रिपोर्ट में लिखा गया है कि दुकान का लाइसेंसधारी अथवा उसका नौकर अपनी दुकान पर किसी प्रकार का दंगा, फसाद या जुआ संबंधी गतिविधि नहीं होने देगा और ऐसे लोग को जो कुख्यात बदमाश हों, दुकान पर आने नहीं देगा और ना ही इन्हें दुकान पर ठहराएगा. यदि कोई ऐसा व्यक्ति दुकान में आए जिसके विषय में पुलिस की ओर से दस्तंदाजी योग और जमानत के अयोग्य अपराध का संदेह हो तो अनुज्ञाधारी या जो व्यक्ति उसकी ओर से दुकान पर काम करता है तो उसका कर्तव्य होगा कि उसकी सूचना तुरंत निकटवर्ती मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को दे, लेकिन शराब ठेकेदार ने इस नियम का उल्लंघन किया. इसके अलावा निरीक्षण के दौरान दुकान पर स्टॉक रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं मिला.