नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 15 फरवरी को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण के साथ ही शुरू हो चुका है. लेकिन अभी तक बजट पेश नहीं हुआ है, जिस पर उपराज्यपाल ने नाराजगी जताई है. शनिवार को उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल को तीन पन्ने का पत्र लिखकर पूछा कि सरकार बजट पेश करने में क्यों देरी कर रही है ? जबकि सरकार द्वारा तैयार बजट को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल चुकी है.
15 फरवरी को बजट सत्र के दौरान उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद ही दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने सदन को बताया था कि अभी बजट में संशोधन हुआ है, इसे एलजी के पास भेजा गया है वहां से इसे गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. केंद्र सरकार से जब बजट को स्वीकृति मिलेगी तब सरकार बजट पेश करेंगी. इसलिए विधानसभा के सत्र की अवधि को बढ़ा दिया जाए. इस दलील को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र की अवधि तो बढ़ा दिया, लेकिन यह सत्र कब तक चलेगा अभी तय नहीं है. तब से लेकर शुक्रवार तक सदन की कार्यवाही कुछ घंटे के लिए ही चलती है. बजट को लेकर इसमें कोई गतिविधि नहीं हो रही है.
पिछले दिनों मंत्री आतिशी ने जब यह बयान दिया कि अभी बजट को उपराज्यपाल से मंजूरी नहीं मिली है. इस पर भी एलजी ने एतराज जताया. पत्र में उन्होंने लिखा कि दिल्ली सरकार के बजट को तो राष्ट्रपति तक से मंजूरी मिल चुकी है. वो भी यह मंजूरी 19 फरवरी को ही मिल गई थी. अब तक बजट नहीं पेश करने का कोई औचित्य ही समझ में नहीं आ रहा है. उपराज्यपाल ने पत्र के जरिए मुख्यमंत्री को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द दिल्ली का बजट पेश करें. यह दिल्ली की जनता को जानने का पूरा हक है कि सरकार ने कैसा बजट तैयार किया है. उनके लिए इस बजट में क्या है.
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बता दें कि दिल्ली विधानसभा का बजट 15 फरवरी से 21 फरवरी तक के लिए ही बुलाया गया था और इसी अवधि में दिल्ली सरकार में बजट पेश करने की बात कही थी. लेकिन अब तक सरकार की तरफ से यह स्पष्ट नहीं है कि दिल्ली की वित्त मंत्री विधानसभा में अपना बजट कब प्रस्तुत करेंगी. इस बार दिल्ली सरकार 80 हज़ार करोड़ का बजट पेश कर सकती है, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा.