नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 15 अगस्त को राज्य स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित किया है. आशंका है कि इस आदेश के बाद एक बार फिर दिल्ली सरकार और LG के बीच नए तरीके से टकराव शुरू हो सकता है. LG के सचिव आशीष कुंद्रा ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखे पत्र में कहा, "उपराज्यपाल ने छत्रसाल स्टेडियम में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए जीएनसीटीडी के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित किया है. इसके उपरांत आवश्यक व्यवस्था की जाए."
इससे पहले आज (मंगलवार) सुबह दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने शिक्षा मंत्री आतिशी को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए विभागीय मंत्री गोपाल राय के निर्देश को लागू करने से इनकार कर दिया था. बता दें, दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर गत 6 अगस्त को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के नाम पत्र लिखा था. उसमें ध्वजारोहण के लिए उन्होंने मंत्री आतिशी को अधिकृत करने की बात कही थी. हालांकि, इस दिन उपराज्यपाल कार्यालय ने इस संबंध में कोई भी पत्र मिलने से इनकार कर दिया था.
AAP ने किया स्वागतः वहीं, इस मामले पर AAP ने बयान जारी कर कहा कि हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं. यह कदम नियुक्त प्रतिनिधि के बजाय निर्वाचित प्रतिनिधि को चुनकर लोकतंत्र के सिद्धांत का सम्मान करता है, जो हमारे शासन में लोगों के जनादेश के महत्व को पुष्ट करता है.
प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने जारी किए आदेश: उपराज्यपाल के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने ध्वजारोहण को लेकर आदेश जारी किए. आदेश में कहा गया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में है. ऐसे में दिल्ली सरकार में गृह विभाग के मंत्री कैलाश गहलोत राजकीय समारोह में ध्वजारोहण करने के लिए उपयुक्त है. एलजी के प्रधान सचिव द्वारा जारी इस आदेश में दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को स्वतंत्रता दिवस समारोह की आयोजन की तैयारी करने को कहा गया है.
आतिशी ने एलजी पर उठाए सवाल: स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण विवाद पर मंत्री आतिशी से सब पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हम 15 अगस्त को झंडा क्यों फहराते हैं? क्योंकि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 वह दिन था जिस दिन पर भारत के लोगों को खुद पर राज करने का अधिकार मिला. 15 अगस्त 1947 से पहले भारत में अंग्रेजों का राज हुआ करता था. अंग्रेज एक वायसराय को भेजते थे जो अपनी मनमर्जी से सरकार चलता था.
भारत के लोगों का उस सरकार में कोई अधिकार नहीं होता था. कोई आवाज नहीं. हम 15 अगस्त को झंडा लोकतंत्र के लिए फहराते हैं. आजादी के लिए फहराते हैं भारत के लोगों के आवाज सुनने के हक के लिए फहराते हैं. लेकिन आज एक चुनी हुई सरकार के झंडा फहराने के अधिकार को छीना जा रहा है. यह अंग्रेजो के राज की तरह एक नए भारतीय वायसराय साहब दिल्ली की जनता की चुनी हुई सरकार के इच्छा के खिलाफ जो सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं. वो एक चुनी हुई सरकार के झंडा फहराने के अधिकार को छीनने की कोशिश कर रहे हैं. यह तानाशाही का सबसे बड़ा उदाहरण है."
मुख्यमंत्री से जेल में हुई थी बात: गोपाल राय- दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को जानकारी दी थी कि उनकी मुख्यमंत्री से जेल में बात हुई है. उन्होंने मंत्री आतिशी को ध्वजारोहण के लिए अधिकृत किया है. हालांकि, मंत्री के आदेश को विभाग ने मानने से इनकार कर दिया था. गोपाल राय इसी विभाग के मंत्री हैं.
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने मंत्री गोपाल राय को जवाब देते हुए कहा है कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए आतिशी मार्लेना को अधिकृत करने का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का निर्देश कानूनी रूप से अमान्य है. इस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है.
ये भी पढ़ें: