नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में गुरुवार देर रात हुई भारी बारिश से, जगह-जगह जलभराव व जान माल का नुकसान देखने को मिला. इस पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को आपातकालीन बैठक की. उधर, जलभराव की समस्या पर चर्चा के लिए दिल्ली सरकार ने भी बैठक बुलाई है. उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की सभी संबंधित एजेंसियों दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग, एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली पुलिस, डीडीए और एनडीआरएफ आदि की एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें जलभराव, गंदे पानी के प्रवाह से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई. गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक हुई बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ा दिया है. मौसम विभाग के अनुसार, सुबह 8:30 बजे तक 228 मिली मीटर बारिश हुई है. इससे पहले इतनी बारिश वर्ष 1936 में दिल्ली में हुई थी.
उन्होंने शहर में प्री-मानसून बारिश के मद्देनजर नालियों और बंद सीवर लाइनों के बैक फ्लो की स्थिति से निपटने के लिए, विभिन्न विभागों की तैयारियों और आपातकालीन प्रतिक्रिया की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि छुट्टी पर गए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत ड्यूटी पर वापस आने के लिए कहा जाए और अगले दो महीनों तक कोई छुट्टी स्वीकृत नहीं की जाएगी. बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि गाद निकालने का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है और बाढ़ नियंत्रण आदेश भी जारी नहीं किया गया है.
Reviewed the water logging/flooding situation in Delhi due to heavy pre-monsson rains, with HoDs concerned at 11:00 AM.
— LG Delhi (@LtGovDelhi) June 28, 2024
PWD, I&FC & DJB under GNCTD, MCD & NDMC were directed to ensure immediate steps for easing the situation & strictly implement measures to mitigate recurrence.
उपराज्यपाल ने तत्काल कार्रवाई के लिए ये निर्देश जारी किए-
- एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए, जो चौबीसों घंटे कार्यरत रहे. इसमें सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. आम नागरिकों को जलभराव की घटनाओं की सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
- पीडब्ल्यूडी, आईएंडएफसी, एमसीडी, डीडीए और एनडीएमसी के सभी स्थिर पंपों का परीक्षण किया जाए और उन्हें 24x7 आधार पर पंपों को सक्रिय करने के लिए तैनात फील्ड स्टाफ के एक मैट्रिक्स के साथ क्रियाशील बनाया जाए.
- आवश्यकता पड़ने पर मोबाइल पंपों का उपयोग किया जाए. अतिरिक्त पंपों की खरीद की जानी चाहिए और निचले इलाकों, विशेष रूप से अनाधिकृत कॉलोनियों में ऐतिहासिक रूप से जलभराव और अंडरपास और सुरंगों में तैनात किया जाना चाहिए.
- सभी नालों से गाद निकालने का शेष कार्य सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा अगले एक सप्ताह में आकस्मिक आधार पर किया जाएगा. नालों के किनारे का मलबा तुरंत हटाया जाए. खुली नालियों में पानी के मुक्त प्रवाह में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं को दूर किया जाए.
- ट्रैफिक पुलिस महत्वपूर्ण स्थानों पर जलजमाव के मामले में नियमित यातायात सलाह जारी करे और उन्हें जलजमाव वाले स्थानों को संबंधित विभागों/एजेंसियों और केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के साथ लगातार साझा करे.
- हथनीकुंड बैराज से वर्षा के स्तर और पानी के बहाव का आकलन करने के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नियमित रूप से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहने के निर्देश दिए.
- राजस्व विभाग अत्यधिक वर्षा की स्थिति में डीडीएमए के तहत आपदा प्रतिक्रिया सेल को सक्रिय करेगा. मानसून के दौरान किसी भी आपातकालीन उपाय के लिए एनडीआरएफ की सहायता ली जाएगी.
- बिजली विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि वितरण कंपनियां यह सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपाय करें कि उनके अधिकार क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट की संभावना वाले नंगे तार न हों.
- मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि एजेंसियों की एक बैठक बुलाकर बाढ़ के मैदानों और प्रमुख नालों को सभी प्रकार के मलबे/निर्माण अपशिष्ट से साफ कराया जाए.
- नगर निकायों, इंजीनियरिंग विभागों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को महत्वपूर्ण स्थानों की निगरानी के लिए क्षेत्र में उपस्थित रहें.
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