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दिल्ली की चिट्ठी से उत्तराखंड में हंगामा, चढ़ने लगा सियासी पारा, पड़ने लगे बयानों के बाउंसर - Uttarakhand Politics

UTTARAKHAND POLITICS कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पत्र और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पत्र के बाद उत्तराखंड का सियासी पारा बढ़ने लगा है. दोनों पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष आमने-सामने आ गए हैं.

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दिल्ली की चिट्ठी से उत्तराखंड में हंगामा (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 19, 2024, 8:21 PM IST

Updated : Sep 19, 2024, 8:49 PM IST

देहरादून: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पत्र को लेकर प्रदेश की सियासत तेज हो गई है. इसी बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि उन्होंने अपना पत्र गलत पते पर भेज दिया है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा खरगे के लिखे पत्र में उपयोग की गई भाषा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

उत्तराखंड की राजनीति का बढ़ा पारा (Video- @KaranMahara_INC)

महेंद्र भट्ट बोले मल्लिकार्जुन खरगे का रिकॉर्ड भी दागदार: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा संप्रभुता और सद्भावना को लेकर थोड़ा सा ज्ञान अगर वो अपने युवराज को दे देते, तो पत्र लिखने की नौबत नहीं आती. उन्होंने कहा कि अभद्र बयानों को लेकर खुद मल्लिकार्जुन खरगे का रिकॉर्ड भी दागदार रहा है.

करन माहरा बोले इतिहास कर रहा पुनरावृति: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से लिखे पत्र से स्पष्ट हो गया है कि अभी मानसिकता बदली नहीं है. जब राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने और तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आरएसएस और उसके संगठनों को लेकर चिंता जताई थी कि जिस तरह से वह हिंसावादी बातें कर रहे हैं, उससे राष्ट्र की एकता को खतरा पैदा हो सकता है. आज बड़े अफसोस के साथ वह इस पत्र का जिक्र इसलिए कर रहे हैं कि एक बार फिर इतिहास दोहराया जा रहा है और राष्ट्र फिर उसी रास्ते पर जा रहा है.

करन माहरा ने रामचंद्र गुहा की किताब का किया जिक्र: करन माहरा ने कहा कि रामचंद्र गुहा ने अपनी किताब में स्पष्ट लिखा है कि महात्मा गांधी की हत्या से एक साल पहले किस प्रकार आरएसएस और उसके संगठनों ने महात्मा गांधी के खिलाफ षड्यंत्रकारी बातें करनी शुरू कर दी थी और उनके खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन आज उस पत्र को पढ़कर हैरानी हो रही है, जो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा है.

क्या है मामला: दरअसल, बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ हाल ही में दिए गए हिंसक बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई थी. खरगे ने लिखा था कि,

'मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है. विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को नंबर एक आतंकवादी कह रहे हैं. महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की 'जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम' देने की घोषणा कर रहे हैं. दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका "हश्र दादी जैसा" करने की धमकी दे रहे हैं.'

उन्होंने आगे लिखा था कि,

मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूँ कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगाएं. उचित आचरण का निर्देश दें. ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके. कोई अनहोनी न हो.

मल्लिकार्जुन खरगे के इस पत्र को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी खरगे को एक जवाबी पत्र लिखा जिसमें उन्होंने लिखा कि,

मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझकर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है.'

उन्होंने आगे लिखा कि,

जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो, जिसने संसद में देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?

दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों द्वारा लिखे गए पत्रों के बाद से ही देश में राजनीति तेज है. दोनों ओर से वार-पलटवार का दौर जारी है.

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देहरादून: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पत्र को लेकर प्रदेश की सियासत तेज हो गई है. इसी बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि उन्होंने अपना पत्र गलत पते पर भेज दिया है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा खरगे के लिखे पत्र में उपयोग की गई भाषा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

उत्तराखंड की राजनीति का बढ़ा पारा (Video- @KaranMahara_INC)

महेंद्र भट्ट बोले मल्लिकार्जुन खरगे का रिकॉर्ड भी दागदार: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा संप्रभुता और सद्भावना को लेकर थोड़ा सा ज्ञान अगर वो अपने युवराज को दे देते, तो पत्र लिखने की नौबत नहीं आती. उन्होंने कहा कि अभद्र बयानों को लेकर खुद मल्लिकार्जुन खरगे का रिकॉर्ड भी दागदार रहा है.

करन माहरा बोले इतिहास कर रहा पुनरावृति: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से लिखे पत्र से स्पष्ट हो गया है कि अभी मानसिकता बदली नहीं है. जब राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने और तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आरएसएस और उसके संगठनों को लेकर चिंता जताई थी कि जिस तरह से वह हिंसावादी बातें कर रहे हैं, उससे राष्ट्र की एकता को खतरा पैदा हो सकता है. आज बड़े अफसोस के साथ वह इस पत्र का जिक्र इसलिए कर रहे हैं कि एक बार फिर इतिहास दोहराया जा रहा है और राष्ट्र फिर उसी रास्ते पर जा रहा है.

करन माहरा ने रामचंद्र गुहा की किताब का किया जिक्र: करन माहरा ने कहा कि रामचंद्र गुहा ने अपनी किताब में स्पष्ट लिखा है कि महात्मा गांधी की हत्या से एक साल पहले किस प्रकार आरएसएस और उसके संगठनों ने महात्मा गांधी के खिलाफ षड्यंत्रकारी बातें करनी शुरू कर दी थी और उनके खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन आज उस पत्र को पढ़कर हैरानी हो रही है, जो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा है.

क्या है मामला: दरअसल, बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ हाल ही में दिए गए हिंसक बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई थी. खरगे ने लिखा था कि,

'मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है. विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को नंबर एक आतंकवादी कह रहे हैं. महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की 'जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम' देने की घोषणा कर रहे हैं. दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका "हश्र दादी जैसा" करने की धमकी दे रहे हैं.'

उन्होंने आगे लिखा था कि,

मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूँ कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगाएं. उचित आचरण का निर्देश दें. ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके. कोई अनहोनी न हो.

मल्लिकार्जुन खरगे के इस पत्र को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी खरगे को एक जवाबी पत्र लिखा जिसमें उन्होंने लिखा कि,

मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझकर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है.'

उन्होंने आगे लिखा कि,

जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो, जिसने संसद में देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?

दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों द्वारा लिखे गए पत्रों के बाद से ही देश में राजनीति तेज है. दोनों ओर से वार-पलटवार का दौर जारी है.

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Last Updated : Sep 19, 2024, 8:49 PM IST
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