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सरकार ओपीएस जारी रखेगी या एनपीएस लागू करेगी, स्पष्ट करें-नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली - लोकसभा चुनाव

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बुधवार को राजस्थान विधानसभा में सरकार पर आरोप लगाया कि सदन के ध्यान में लाए बगैर पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का निर्णय किया जा रहा है. सरकार इस पर स्थिति स्पष्ट करे.

Leader of opposition Tika Ram Jully
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 24, 2024, 5:28 PM IST

टीकाराम जूली ने ओपीएस को लेकर पूछे सवाल

जोधपुर. राज्य विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में स्थगन प्रस्तावों की चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अध्यानाकर्षण के तहत सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार सदन के ध्यान में लाए बगैर पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का निर्णय लेने जा रही है. यह सदन के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है.

जूली ने कहा कि 22 जनवरी को भाजपा राम का नाम ले रही थी. उसी दिन कर्मचारियों के लिए आर्डर निकलता है, जिसमें हाल ही में रसायन अधिकारियों की निुयक्तियों में एनपीएस यानी पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत नियुक्ति देने के आदेश जारी किए गए हैं. इससे प्रतीत हो रहा है कि मुंह में राम बगल में छुरी की स्थिति बनी हुई है. आप लोग दिल्ली की पर्ची पर काम कर रहे हैं. पुरानी पेंशन बंद करने के लिए कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात करने की पर्ची आ चुकी है. ऐसे आदेश भी बने हुए हैं, बस लोकसभा चुनाव का इंतजार किया जा रहा है.

पढ़ें: राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनने पर कर्मचारियों को सता रहा डर, जानें क्या है कर्मचारियों में डर की वजह

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस प्रकार के निर्णय बिना सदन में रखे हुए सरकार ले रही है. यह विधानसभा का अपमान है. सदस्यों के विशेषाधिकारों का हनन है. ऐसे आप लोग कोई नई स्कीम लागू नहीं कर सकते. लेकिन विडंबना है कि ऐसे आर्डर निकल जाते हैं और वापस लेते हैं. जूली ने सरकार पर तंज सकते हुए कहा कि पर्ची सरकार तो सुनी थी, यह ढीली सरकार भी है.

पढ़ें: गहलोत के घर में ही नहीं चला OPS वाला मास्टर स्ट्रोक, पोस्टल बैलेट में कर्मचारियों ने कांग्रेस से दिखाई बेरुखी

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गहलोत सरकार ने जो ओपीएस लागू की थी, उससे देश में जहां कांग्रेस की सरकार बनी थी, वहां भी ओपीएस लागू की गई. आज हमारे प्रदेश के कर्मचारी जानना चाहते हैं कि सरकार ओपीएस रखेगी या एनपीएस चलाएंगे. सरकार को इस पर अपना रूख स्पष्ट करना होगा. ओपीएस जारी रखनी होगी. सरकार को सदन में जवाब देना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि संबंधित विभाग के स्थगन प्रस्ताव के दौरान विभागीय मंत्री की उपस्थिति सुनिश्चत करें.

पढ़ें: बीजेपी के संकल्प पत्र से कर्मचारियों में नाराजगी, संकल्प पत्र में OPS का जिक्र नहीं होने से निराशा

बजरी में हुआ 3200 करोड़ का घोटाला: सादुलपुर के विधायक मनोज कुमार ने प्रदेश में बजरी के ठेके को लेकर नियम 295 के तहत अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रदेश में जिसे बजरी का ठेका दिया. उससे 3200 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. महंगी बजरी जनता को खरीदनी पड़ रही है. इसमें अधिकारियों की मिलीभगत रही है. सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए.

आप भी हमारी जगह आ जाओगे: विधायक जुबैर खान ने दो माह में बेटियों पर हुए अत्याचार के मामलों पर स्थगन प्रस्ताव पढ़ा. उन्होंने कहा कि इन दो माह में हर दिन बेटियों पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे कैसे रामराज्य आएगा. इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य ने कहा कि आपके राज में ऐसा होता था, इस पर खान ने कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो आप भी हमारी जगह आ जाओगे.

टीकाराम जूली ने ओपीएस को लेकर पूछे सवाल

जोधपुर. राज्य विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में स्थगन प्रस्तावों की चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अध्यानाकर्षण के तहत सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार सदन के ध्यान में लाए बगैर पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का निर्णय लेने जा रही है. यह सदन के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है.

जूली ने कहा कि 22 जनवरी को भाजपा राम का नाम ले रही थी. उसी दिन कर्मचारियों के लिए आर्डर निकलता है, जिसमें हाल ही में रसायन अधिकारियों की निुयक्तियों में एनपीएस यानी पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत नियुक्ति देने के आदेश जारी किए गए हैं. इससे प्रतीत हो रहा है कि मुंह में राम बगल में छुरी की स्थिति बनी हुई है. आप लोग दिल्ली की पर्ची पर काम कर रहे हैं. पुरानी पेंशन बंद करने के लिए कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात करने की पर्ची आ चुकी है. ऐसे आदेश भी बने हुए हैं, बस लोकसभा चुनाव का इंतजार किया जा रहा है.

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस प्रकार के निर्णय बिना सदन में रखे हुए सरकार ले रही है. यह विधानसभा का अपमान है. सदस्यों के विशेषाधिकारों का हनन है. ऐसे आप लोग कोई नई स्कीम लागू नहीं कर सकते. लेकिन विडंबना है कि ऐसे आर्डर निकल जाते हैं और वापस लेते हैं. जूली ने सरकार पर तंज सकते हुए कहा कि पर्ची सरकार तो सुनी थी, यह ढीली सरकार भी है.

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गहलोत सरकार ने जो ओपीएस लागू की थी, उससे देश में जहां कांग्रेस की सरकार बनी थी, वहां भी ओपीएस लागू की गई. आज हमारे प्रदेश के कर्मचारी जानना चाहते हैं कि सरकार ओपीएस रखेगी या एनपीएस चलाएंगे. सरकार को इस पर अपना रूख स्पष्ट करना होगा. ओपीएस जारी रखनी होगी. सरकार को सदन में जवाब देना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि संबंधित विभाग के स्थगन प्रस्ताव के दौरान विभागीय मंत्री की उपस्थिति सुनिश्चत करें.

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बजरी में हुआ 3200 करोड़ का घोटाला: सादुलपुर के विधायक मनोज कुमार ने प्रदेश में बजरी के ठेके को लेकर नियम 295 के तहत अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रदेश में जिसे बजरी का ठेका दिया. उससे 3200 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. महंगी बजरी जनता को खरीदनी पड़ रही है. इसमें अधिकारियों की मिलीभगत रही है. सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए.

आप भी हमारी जगह आ जाओगे: विधायक जुबैर खान ने दो माह में बेटियों पर हुए अत्याचार के मामलों पर स्थगन प्रस्ताव पढ़ा. उन्होंने कहा कि इन दो माह में हर दिन बेटियों पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे कैसे रामराज्य आएगा. इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य ने कहा कि आपके राज में ऐसा होता था, इस पर खान ने कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो आप भी हमारी जगह आ जाओगे.

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