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स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर लखनऊ की सीमा तक हो एलडीए का विस्तार, सीएम योगी का निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नगरों में यातायात प्रबंधन महत्वपूर्ण विषय है. इसके लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है. टैक्सी-ऑटो स्टैंड और स्ट्रीट वेंडर जोन तय होने चाहिए. महायोजना में इसके लिए स्पष्ट भूमि चिन्हित होगी. देखें विस्तृत...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 24, 2024, 5:38 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रामनगर (वाराणसी), मुरादाबाद, हापुड़, रायबरेली, बरेली और लखनऊ की महायोजना 2031 का प्रस्तुतिकरण किया गया. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कई दिशा निर्देश जारी किए. सीएम योगी ने कहा कि महायोजना लागू करने में अब देर न की जाए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर इसे यथाशीघ्र लागू करें. बहुत से गांव अब नगरीय महायोजना का हिस्सा बने हैं, यह ध्यान रखें कि इन गांवों को ग्रीन लैंड के रूप में घोषित न किया जाए. आबादी की भूमि ग्रीन लैंड नहीं होगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर वाराणसी को केंद्र में रखते हुए सीमावर्ती जनपदों को जोड़कर एक रीजनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाए. इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें. उन्होंने कहा कि मुरादाबाद (गजरौला) के नए मास्टर प्लान में औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों को और विस्तार दें, यहां बहुत संभावनाएं हैं. इसका समुचित उपयोग किया जाना चाहिए. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और रोजगार भी सृजित होगा. गजरौला में नवीन बस टर्मिनल और बाईपास मार्गों की जरूरत है, इसे महायोजना में शामिल करें. शुद्ध पेयजल के लिए पाइपलाइन और सीईटीपी की स्थापना भी की जाए. लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को पूरे लखनऊ जनपद तक विस्तार दिया जाए. स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन हो रहा है. इन प्रयासों से राज्य राजधानी क्षेत्र में सुनियोजित और सुस्थिर विकास की गति मिलेगी.

सीएम ने कहा कि लैंड यूज के बारे में जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए. हर कोई आसानी से किसी भूमि की स्थिति जान सके. हर खसरे के बारे में अपडेट जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए. सभी जनपदों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की आवश्यकताओं का व्यापक अध्ययन होना चाहिए. वहां के पोटेंशियल को देखें. हर जनपद में कुछ न कुछ खास है, उसे प्रोत्साहित करें. महायोजना में इसका ध्यान रखा जाए. स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किया जाए. आईटीआई की स्थापना के लिए इण्डस्ट्रियल एरिया में स्थान दें. इससे युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान पाने में अधिक सहजता होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास प्राधिकरणों को नई संभावनाएं तलाशनी होंगी. नगर निगम के बाहर विस्तार लेना होगा. अपना दायरा बढ़ायें. आय के नए स्रोत सृजित करें. धार्मिक/आध्यत्मिक स्थलों के विकास को महायोजना का हिस्सा बनाएं. इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले श्रमिकों को समीप में ही अवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराने के प्रयास होने चाहिए.






लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रामनगर (वाराणसी), मुरादाबाद, हापुड़, रायबरेली, बरेली और लखनऊ की महायोजना 2031 का प्रस्तुतिकरण किया गया. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कई दिशा निर्देश जारी किए. सीएम योगी ने कहा कि महायोजना लागू करने में अब देर न की जाए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर इसे यथाशीघ्र लागू करें. बहुत से गांव अब नगरीय महायोजना का हिस्सा बने हैं, यह ध्यान रखें कि इन गांवों को ग्रीन लैंड के रूप में घोषित न किया जाए. आबादी की भूमि ग्रीन लैंड नहीं होगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर वाराणसी को केंद्र में रखते हुए सीमावर्ती जनपदों को जोड़कर एक रीजनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाए. इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें. उन्होंने कहा कि मुरादाबाद (गजरौला) के नए मास्टर प्लान में औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों को और विस्तार दें, यहां बहुत संभावनाएं हैं. इसका समुचित उपयोग किया जाना चाहिए. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और रोजगार भी सृजित होगा. गजरौला में नवीन बस टर्मिनल और बाईपास मार्गों की जरूरत है, इसे महायोजना में शामिल करें. शुद्ध पेयजल के लिए पाइपलाइन और सीईटीपी की स्थापना भी की जाए. लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को पूरे लखनऊ जनपद तक विस्तार दिया जाए. स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन हो रहा है. इन प्रयासों से राज्य राजधानी क्षेत्र में सुनियोजित और सुस्थिर विकास की गति मिलेगी.

सीएम ने कहा कि लैंड यूज के बारे में जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए. हर कोई आसानी से किसी भूमि की स्थिति जान सके. हर खसरे के बारे में अपडेट जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए. सभी जनपदों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की आवश्यकताओं का व्यापक अध्ययन होना चाहिए. वहां के पोटेंशियल को देखें. हर जनपद में कुछ न कुछ खास है, उसे प्रोत्साहित करें. महायोजना में इसका ध्यान रखा जाए. स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किया जाए. आईटीआई की स्थापना के लिए इण्डस्ट्रियल एरिया में स्थान दें. इससे युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान पाने में अधिक सहजता होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास प्राधिकरणों को नई संभावनाएं तलाशनी होंगी. नगर निगम के बाहर विस्तार लेना होगा. अपना दायरा बढ़ायें. आय के नए स्रोत सृजित करें. धार्मिक/आध्यत्मिक स्थलों के विकास को महायोजना का हिस्सा बनाएं. इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले श्रमिकों को समीप में ही अवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराने के प्रयास होने चाहिए.






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