लखनऊ: लखनऊ की सबसे बड़ी निजी कॉलोनी एपीआई अंसल की सुशांत गोल्फ सिटी में अवैध निर्माण को लेकर एलडीए ने कार्रवाई तेज कर दी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी के निर्देश पर शहर में अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार चलाये जा रहे अभियान के तहत मंगलवार को एक्शन लिया गया. सुशांत गोल्फ सिटी थानाक्षेत्र में अंसल एपीआई में मानचित्र के विपरीत कराये जा रहे एक व्यावसायिक निर्माण समेत सात अवैध डुपलेक्स भवनों को सील कर दिया गया.
प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि अंसल एपीआई के निदेशक अरुण मिश्र व निर्माणकर्ता ‘वन प्लेस ग्रुप’ के आरके सिंह द्वारा सेक्टर-बी में भूखण्ड संख्या-सीबीडी-2 पर लगभग 68000 वर्गफिट क्षेत्रफल में ‘द फतेह रीजेन्टा’ नाम से व्यावसायिक निर्माण कराया जा रहा था. इसके अलावा राहुल सिंह व अन्य द्वारा सुशांत गोल्फ सिटी थानाक्षेत्र के परमहंस नगर, हरिहरपुर में फ्रेन्ड्स कालोनी के पास अवैध रूप से 900-900 वर्गफिट क्षेत्रफल के 07 डुपलेक्स भवनों का निर्माण कराया जा रहा था. सहायक अभियंता शिवा सिंह के नेतृत्व में अवर अभियंता प्रमोद कुमार पाण्डेय द्वारा प्राधिकरण पुलिस व स्थानीय थाने के पुलिस बल के सहयोग से प्रश्नगत स्थलों को पुनः सील किया गया.
छह करोड़ की सरकारी जमीन मुक्त कराई
लखनऊ के सरोजिनी नगर थाना क्षेत्र स्थित अमौसी गांव में भूमाफियाओं द्वारा कब्जा की गई 27000 वर्ग फुट से अधिक की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. लखनऊ नगर निगम की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. कुल जमीन की कीमत 6.80 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
पूर्व लेखपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
वहीं, अमौसी गांव में ही सरोजिनी नगर तहसील में पूर्व में कार्यरत लेखपाल सुशील शुक्ला द्वारा कई बीघा जमीनों में हेरफेर किया गया था. इस पर सुशील शुक्ला के खिलाफ सरोजिनी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जानकारी के मुताबिक, सुशील शुक्ला ने अपने पुत्र को सरकार द्वारा लगभग 30 करोड रुपए मुआवजा भी दिलाया था. उपरोक्त प्रकरण संज्ञान में आने के बाद लेखपाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई तथा रिकवरी के आदेश जारी किए गए थे.
ये भी पढ़ेंः अयोध्या में रामनवमी के दिन रामलला का तिलक करेंगी सूर्य की किरणें, लाइव प्रसारण भी होगा
ये भी पढ़ेंः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के खिलाफ केस वापस लेगी सरकार, हाईकोर्ट ने हलफनामा मांगा