लखनऊ/बस्ती : सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट की अनुमति के बिना संपत्ति को ध्वस्त करने पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपना अभियान बंद कर दिया है. पिछले लगभग एक महीने से लखनऊ की करीब 60 अवैध कॉलोनी के खिलाफ अभियान रुका हुआ है. कोर्ट के आदेश के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण इन अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई करने से घबरा रहा है.
पिछले करीब एक महीने से अवैध कॉलोनी के खिलाफ एक्शन की बात करें तो लखनऊ विकास प्राधिकरण केवल कुछ निर्माण को सील करने तक ही सीमित है. कोर्ट की अनुमति के बिना संपत्ति को ध्वस्त करने पर रोक लगाने के आदेश के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने किसी तरह के कानूनी कार्रवाई में फंसने की आशंका को लेकर अपनी कार्रवाई रोक दी है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सूत्रों का कहना है कि 2022 विधानसभा चुनाव के बाद से रोजाना कम से कम दो अवैध निर्माणों पर बुलडोजर कार्रवाई चल रही थी. कभी-कभी इसकी संख्या 4 से 5 तक हो जाती थी. पिछले करीब 1 महीने में 60 अवैध निर्माण के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्रवाई नहीं कर सका है. इस तरह से बिल्डरों के बीच अदालती आदेश के बाद खौफ कम हो रहा है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास केवल एक रास्ता है कि वह कुछ निर्माण को सील कर दे, लेकिन इसका कोई खास असर अवैध निर्माण करने वालों पर नहीं पड़ रहा है.
इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का कहना है कि हमको सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश का इंतजार है, इसलिए अभी हम कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. ऐसा न हो कि हम कार्रवाई करें और अदालत में इस पर अवमानना जैसी स्थिति बन जाए.
विधि विशेषज्ञ का कहना है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण या ऐसी कोई भी एजेंसी अगर सभी मानकों का पालन करे तो अदालत के आदेश से उनका कोई अंतर नहीं पड़ता. अदालत ने अवैध निर्माण अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई न करने का कोई आदेश नहीं दिया. बस निश्चित स्पेशल ऑपरेटिंग सिस्टम को फॉलो करना होगा. अदालत के आदेश को बहाना बनाकर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं रोकनी चाहिए.
विधि विशेषज्ञ लखनऊ विकास प्राधिकरण के कार्रवाई रोकने के फैसले के पक्ष में नहीं हैं. उत्तर प्रदेश शासन में मुख्य स्थाई अधिवक्ता प्रथम, प्रशांत सिंह अटल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई न की जाए. कोर्ट ने केवल इतना कहा है कि सभी मानकों का पालन किया जाए. नियम के खिलाफ कुछ नहीं होना चाहिए. नियम के तहत रहते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण भी एक्शन ले सकता है. उस पर कोई रोक नहीं लगाई गई है.
बस्ती में नेता प्रतिपक्ष बोले, रास्ता पाने के लिए बिल्डरों ने गिराया मकान : जिले के सोनहा थाना क्षेत्र के पिरैला गांव में महिला के पुश्तैनी मकान को जबरन गिराने के मामले में कार्रवाई न होने से नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे नाराज दिखे. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में बस्ती मंडल के कमिश्नर से बात हुई है. उन्होंने कार्रवाई करने का वादा किया है और कहा है कि हम इस मामले को दिखाते हैं. उन्होंने कहा कि कल एसडीएम गए थे, रिपोर्ट लगाई है. उन्होंने कहा कि बिल्डर जगह-जगह जमीन खरीद करके प्लाटिंग करके बेचते हैं. इसके घर के पीछे की जमीन थी. उसमें जाने के लिए रास्ता नहीं था तो रास्ते के लिए पहले तो धमकाया गया, फिर महिला मेरे पास आई और बताया कि बुलडोजर से मेरा घर गिरा दिया गया है, सामान भी नहीं निकालने दिया. बिल्डरों ने रास्ता बनाने के लिए महिला का मकान गिरा दिया.