हरिद्वार: जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी हमले में शहीद हुए कैप्टन दीपक सिंह का हरिद्वार में अंतिम संस्कार कर दिया गया है. कैप्टन को उनके चाचा शंकर सिंह ने मुखाग्नि दी. शहीद के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी हुई गाड़ी में लेकर आया गया. सैनिक बैंड के साथ खड़खड़ी शहीद का पार्थिव शरीर शमशान घाट में लाया गया. जहां सैनिक अधिकारियों के साथ ही सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्व्याल , एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल समेत अधिकारिओ ने श्रद्धांजलि अर्पित की. कैप्टन दीपक सिंह ने डोडा में आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सामना करते हुए भारत माता की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले उत्तराखंड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जी को शत्-शत् नमन।
— Ganesh Joshi (@ganeshjoshibjp) August 14, 2024
आपका यह बलिदान देश के युवाओं को भारत मां की सेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा। आप सदैव हमारी स्मृतियों में… pic.twitter.com/nvqPvbhta2
बता दें आज शहीद दीपक सिहं हा पार्थिव शरीर उनके कुआंवला देहरादून स्थित घर पहुंचा था. जहां से उनके पार्थिव शरीर को हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट लाया गया. जहां पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. कैप्टन दीपक सिंह जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुये. कैप्टन दीपक सिंह (25 वर्ष) देहरादून के कुआंवाला क्षेत्र के रहने वाले हैं. उनके पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस से इसी वर्ष अप्रैल में रिटायर हुए हैं. दीपक सिंह दो बहनों में अकेले भाई थे. उन्होंने जून 2020 में सेवा में कमीशन पाया था. कैप्टन दीपक सिंह 48 राष्ट्रीय राइफल में सिग्नल अधिकारी थे.
LIVE: जौलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) पर डोडा, जम्मू कश्मीर में शहीद हुए जवान कैप्टन दीपक सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 15, 2024
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इस दौरान उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा उत्तराखंड वीरों की भूमि है. उन्होंने कहा देश की रक्षा करने वाला हर पांचवा सैनिक हमारे उत्तराखंड से होता है. अभी 1 महीने के अंदर हमारे आठ से अधिक वीरों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. आज हम उस नायक को नमन कर रहे हैं.