पटना: चौथे फेज के तहत बिहार की 5 सीटों पर होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है. शाम 5 बजे तक नेता इन क्षेत्रों में रैली-जनसभा और रोड शो के जरिये प्रचार कर सकते हैं. वहीं प्रचार की समय अवधि खत्म होने के बाद प्रत्याशी मतदाताओं के दरवाजे पर जाकर अपने पक्ष में वोट की अपील कर सकते हैं. बेगूसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, उजियारपुर और मुंगेर में 13 मई को वोटिंग होगी.
मुंगेर में ललन सिंह की अग्निपरीक्षा: मुंगेर लोकसभा सीट पर जेडीयू कैंडिडेट के लिए सीट बचाना बड़ी चुनौती होगी. उनके सामने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. पूर्व विधायक अनंत सिंह के पैरोल पर रिहा होने के बाद से चुनाव दिलचस्प हो गया है. सीएम नीतीश कुमार कई बार सभा कर चुके हैं. पीएम मोदी भी ललन सिंह के लिए वोट मांगने आए थे.
बेगूसराय में गिरिराज के सामने सीपीआई कैंडिडेट: बेगूसराय लोकसभा सीट पर एक बार फिर बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह का सामना सीपीआई से हो रहा है. हालांकि इस बार कन्हैया कुमार की जगह अवधेश राय को टिकट मिला है. 2019 में गिरिराज ने कन्हैया को 4 लाख से अधिक वोटों से हराया था. आरजेडी-कांग्रेस के साथ वामदलों के गठबंधन के कारण बीजेपी कैंडिडेट के लिए सीट बचाने की बड़ी चुनौती है.
दरभंगा में बीजेपी और आरजेडी में मुकाबला: 'मिथिलांचल की राजधानी' दरभंगा में बीजेपी कैंडिडेट गोपाल जी ठाकुर और आरजेडी प्रत्याशी ललित यादव के बीच मुकाबला हो रहा है. गोपाल जी 2019 में भी इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. वहीं उनके सामने जिनको आरजेडी ने टिकट दिया है, वह दरभंगा ग्रामीण से विधायक हैं और राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रह चुके हैं.
उजियारपुर में नित्यानंद बनाम आलोक मेहता: उजियारपुर सीट पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के सामने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री आलोक मेहता विपक्षी खेमे से प्रत्याशी हैं. नित्यानंद को जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपना 'जिगरी दोस्त' बता चुके हैं, वहीं आलोक मेहता को तेजस्वी यादव की बेहद करीबी माना जाता है.
समस्तीपुर में दो मंत्रियों के बाल-बच्चों में भिड़ंत: समस्तीपुर लोकसभा सीट (सुरक्षित) पर चिराग पासवान की बड़ी परीक्षा होनी है. लंबे समय पर इस सीट पर उन्होंने परिवार के सदस्यों के बदले किसी अन्य को टिकट दिया है. एलजेपीआर से नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस से मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी उम्मीदवार हैं. दोनों प्रत्याशियों के लिए दिग्गज नेताओं ने प्रचार किया है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार का यहां नहीं आना लोगों के लिए चर्चा का विषय है.
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