पटना: बिहार में जमीन विवादों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने 21 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि अधिकारियों को 90 दिनों के भीतर जमीन से संबंधित विवाद को सुलझाने का निर्देश दिया है. मंत्री ने कहा कि विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण ये विवाद समय पर नहीं सुलझ पा रहे थे, लेकिन अब 10,000 नए कर्मचारियों की बहाली के बाद यह समस्या हल हो जाएगी.
रैयतों को होगी सहूलियतः मंत्री ने कहा कि भूमि राजस्व विभाग बिहार सरकार द्वारा लगातार लोगों के सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था को आगे बढ़ा रही है, जिससे कि विभाग द्वारा रैयतों को दी जा रही हर एक सुविधा को समय सीमा के अंदर उपलब्ध कराया जा सके. साथ ही विभाग तय सीमा के भीतर उनकी सभी सेवाएं दे सके हर एक अधिकारी की जिम्मेदारी तय करना और भ्रष्टाचार मुक्त विभाग बनाना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की पहली प्राथमिकता होगी.
भूमि सर्वेक्षण का काम होगा शुरूः मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि जल्द ही हमारा विभाग करीब 10000 सर्वे कर्मियों की बहाली करने जा रहा है. चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जिला का आवंटन कर दिया जाएगा. जिसमें विशेष सर्वेक्षण अमीन 8035 विशेष सर्वेक्षण कानूनगो 458 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी 353 और विशेष सर्वेक्षण लिपिक 742 की भी बहाली होनी है. बिहार के सभी 38 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू करने जा रही है.
जल्द होगा मामले का निपटाराः भूमि सर्वेक्षण सरकार की पहली प्राथमिकता है. भूमि सर्वेक्षण से ही भूमि संबंधी सारे दस्तावेज अद्यतन होंगे और जमीन को लेकर जो झगड़ा लड़ाइयां हो रही है उसे पर रोक लगेगी. साथ ही राजस्व न्यायालय में पारदर्शी और जवाब दे अधिकारी रहे और जल्द से जल्द मामला का निपटारा करें इसको लेकर भी विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है.
"अंचल में जमीन संबंधी विवाद को सुलझाया जाय, इसको लेकर हमने आदेश दे दिया है. अगर अंचल कार्यालय में विवाद नहीं सुलझता है तो विभागीय न्यायालय में भी तय समय के अंदर जमीन संबंधी मामले सुलझाए जाएंगे."- दिलीप जायसवाल, मंत्री राजस्व एवं और भूमि सुधार विभाग
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