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देहरादून में करोड़ों की जमीन 'कौड़ियों' में हो रही एक्सचेंज, नगर निगम को लग रहा चूना, एक्टिव हुए भूमाफिया - एटीएस कॉलोनी की महंगी जमीन

Dehradun Municipal Corporation,Expensive land of ATS Colony ​देहरादून नगर निगम की बेशकीमती जमीन के बदले भूमाफिया अपनी बंजर जमीन एक्सचेंज कर रहे हैं. कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ही जमीन को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है. मामला एटीएस कॉलोनी में बेस्ड कीमती जमीन के बदले ढांगवाली जगह के एक्सचेंज से जुड़ा है.

Dehradun Municipal Corporation
करोड़ों की जमीन 'कौड़ियों' में हो रही एक्सचेंज
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 23, 2024, 4:10 PM IST

Updated : Feb 23, 2024, 4:34 PM IST

करोड़ों की जमीन 'कौड़ियों' में हो रही एक्सचेंज

देहरादून: उत्तराखंड में जमीनों की धोखाधड़ी से हड़पने का सिलसिला जारी है. ताजा मामला देहरादून से सामने आया है. देहरादून नगर निगम की करोड़ों की जमीन को ठिकाने लगाने की तैयारी चल रही है. सहस्रधारा रोड की एटीएस कॉलोनी में बेस्ड कीमती जमीन के बदले नगर निगम को ढांग वाली जगह दी जा रही है. यहां करीब 37 साल से पेड़ भी हैं. दोनों जमीनों के सर्किल रेट में अंतर तो है ही, साथ ही मौजूदा बाजार दर में भी बड़ा अंतर है. नगर निगम ने इस मामले में रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है.

उत्तराखंड में जमीनों को ठिकाने लगाने का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है. कभी जमीनों पर कब्जे तो कभी रजिस्ट्रार में फर्जीवाड़े की खबरें आती रहती हैं. ताजा मामला देहरादून नगर निगम की बेशकीमती करोड़ों की जमीन का सामने आया है. जिसे ठिकाने लगाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. हैरानी इस बात की है कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ही इस जमीन को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है.

दरअसल, सहस्त्रधारा रोड स्थित एटीएस कॉलोनी में नगर निगम की 3800 वर्ग मीटर बेशकीमती जमीन है. पहले ये जमीन गोल्डन फॉरेस्ट में दर्ज थी, लेकिन बाद में इस जमीन को सामुदायिक इस्तेमाल के लिए दिया गया. इस क्षेत्र के वार्ड बनने के बाद इस जमीन को नगर निगम को दे दिया गया. इस जमीन पर नगर निगम द्वारा पार्क बनाया जाना प्रस्तावित हैं. हाल ही में एक व्यक्ति की सिफारिश पर निगम ने जमीन को एक्सचेंज करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है. उस व्यक्ति की जमीन डांडा लाखोंड वार्ड में है. निगम की ये जमीन पॉश कॉलोनी में है. जिसकी कीमत करोड़ों में है. अब अगर नगर निगम को मंजूरी मिल जाती है तो जमीन पर प्लाटिंग करने की योजना है. हालांकि, नगर निगम की ओर से शासन को रिपोर्ट भी सौंप दी गई है. जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि शासन इस मामले में जनहित में कोई निर्णय ले. बता दें ATS में जमीन का बाजारी भाव 75 हजार रुपए वर्ग गज है. डांडा लाखोंड में जमीन का बाज़ारी भाव 26 हजार रुपए से लेकर 45 हज़ार रुपए प्रति वर्ग गज है.

नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया इस तरह का प्रस्ताव एसडीएम सदर के माध्यम से 161 में एनओसी नगर निगम से मांगी गई थी. उसके बाद नगर निगम द्वारा दोनों जमीनों का निरीक्षण करने के बाद बिना संस्तुति के नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट लगाकर शासन को भेज दी है. उन्होंने बताया एटीएस कॉलोनी में स्थित जमीन की एनओसी देने का अधिकार नगर निगम के पास नहीं है.

पढ़ें-देहरादून रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड केपी सिंह की मौत से उठे सवाल, क्या बच जाएंगे 'सफेदपोश'?

पढ़ें- देहरादून में बढ़े लैंड फ्रॉड मामले, 284 प्रॉपर्टी डीलर गए जेल, जमीन खरीदते समय बरतें ये सावधानियां

करोड़ों की जमीन 'कौड़ियों' में हो रही एक्सचेंज

देहरादून: उत्तराखंड में जमीनों की धोखाधड़ी से हड़पने का सिलसिला जारी है. ताजा मामला देहरादून से सामने आया है. देहरादून नगर निगम की करोड़ों की जमीन को ठिकाने लगाने की तैयारी चल रही है. सहस्रधारा रोड की एटीएस कॉलोनी में बेस्ड कीमती जमीन के बदले नगर निगम को ढांग वाली जगह दी जा रही है. यहां करीब 37 साल से पेड़ भी हैं. दोनों जमीनों के सर्किल रेट में अंतर तो है ही, साथ ही मौजूदा बाजार दर में भी बड़ा अंतर है. नगर निगम ने इस मामले में रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है.

उत्तराखंड में जमीनों को ठिकाने लगाने का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है. कभी जमीनों पर कब्जे तो कभी रजिस्ट्रार में फर्जीवाड़े की खबरें आती रहती हैं. ताजा मामला देहरादून नगर निगम की बेशकीमती करोड़ों की जमीन का सामने आया है. जिसे ठिकाने लगाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. हैरानी इस बात की है कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ही इस जमीन को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है.

दरअसल, सहस्त्रधारा रोड स्थित एटीएस कॉलोनी में नगर निगम की 3800 वर्ग मीटर बेशकीमती जमीन है. पहले ये जमीन गोल्डन फॉरेस्ट में दर्ज थी, लेकिन बाद में इस जमीन को सामुदायिक इस्तेमाल के लिए दिया गया. इस क्षेत्र के वार्ड बनने के बाद इस जमीन को नगर निगम को दे दिया गया. इस जमीन पर नगर निगम द्वारा पार्क बनाया जाना प्रस्तावित हैं. हाल ही में एक व्यक्ति की सिफारिश पर निगम ने जमीन को एक्सचेंज करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है. उस व्यक्ति की जमीन डांडा लाखोंड वार्ड में है. निगम की ये जमीन पॉश कॉलोनी में है. जिसकी कीमत करोड़ों में है. अब अगर नगर निगम को मंजूरी मिल जाती है तो जमीन पर प्लाटिंग करने की योजना है. हालांकि, नगर निगम की ओर से शासन को रिपोर्ट भी सौंप दी गई है. जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि शासन इस मामले में जनहित में कोई निर्णय ले. बता दें ATS में जमीन का बाजारी भाव 75 हजार रुपए वर्ग गज है. डांडा लाखोंड में जमीन का बाज़ारी भाव 26 हजार रुपए से लेकर 45 हज़ार रुपए प्रति वर्ग गज है.

नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया इस तरह का प्रस्ताव एसडीएम सदर के माध्यम से 161 में एनओसी नगर निगम से मांगी गई थी. उसके बाद नगर निगम द्वारा दोनों जमीनों का निरीक्षण करने के बाद बिना संस्तुति के नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट लगाकर शासन को भेज दी है. उन्होंने बताया एटीएस कॉलोनी में स्थित जमीन की एनओसी देने का अधिकार नगर निगम के पास नहीं है.

पढ़ें-देहरादून रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड केपी सिंह की मौत से उठे सवाल, क्या बच जाएंगे 'सफेदपोश'?

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Last Updated : Feb 23, 2024, 4:34 PM IST
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